Last Part - 3 पिछले अंक में आपने पढ़ा कि डॉ माया अपने बीते दिनों की कहानी बता रही थी , अब आगे पढ़ें ….
कहानी - यह शादी नहीं हो सकती है 3
“ नहीं , अभी मैंने इस बारे में नहीं सोचा है . राज की हालत देख कर इस पर तरस जरूर आया था , फादर . “
“ तरस या प्यार ? आखिर सच को स्वीकार करने से तुम क्यों कतरा रही हो ? “
मैं खामोशी से राज को देखे जा रही थी , मुझे भी इस तरह देख रहा था मानो उस से बात कर रहा हो . कुछ दिनों तक राज को दूध पिलाने के लिए मेरी राज को ले कर मेरे पास आती या कभी मैं ही फादर के पास जाती . पर एक महीने के अंदर ही मैंने देखा कि राज बिलकुल मेरी ट्रू कॉपी है . मुझे भी उस से काफी लगाव हो गया था और मैंने फादर को राज को अपनाने की सहमति दे दी . फादर को भी राज से काफी लगाव था . वे अक्सर आया करते थे और राज को प्यार करते , उसे चॉकलेट आदि गिफ्ट दिया करते .
जहां तक मेरे हादसे की बात है अपनी पढ़ाई पूरी होते ही मैंने शहर के एक नामी अस्पताल में बतौर गायनेकोलॉजिस्ट ज्वाइन किया . अभी कुछ ही सप्ताह हुए थे मैं रात में अपनी कार से अस्पताल से घर जा रही थी .उस दिन भी आंधी पानी के चलते शहर के ज्यादातर हिस्सों में बिजली गुल थी . उस समय भी रिमझिम बारिश हो रही थी . रास्ते में एक बुजुर्ग दिखने वाला आदमी अपनी बैसाखी के सहारे खड़ा था और वह बारिश में भीग रहा था . उसने मुझसे लिफ्ट मांगी . पहले तो मैं रुकना नहीं चाहती थी इसलिए मैंने कार नहीं रोकी . पर न जाने क्यों कुछ आगे जाने पर मुझे उस पर दया आयी और मैंने कार बैक कर उसे लिफ्ट दिया . वह पीछे की सीट पर बैठ गया .
बीच में रास्ता वीरान और अँधेरा था , कहीं कहीं स्ट्रीट लाइट जल रहे थे . अचानक वह आदमी अपनी बैसाखी पीछे की सीट पर छोड़ उछल कर आगे की सीट पर आ गया और मुझ से जबरदस्ती करने लगा . वह आदमी ड्राइविंग जानता था . उसने स्टीयरिंग संभाली और गाड़ी एक जगह रोक दी .सभी खिड़कियां बंद कर दी , उसने मेरे मुंह पर टेप भी साट दिया था . फिर उस दुष्ट ने मेरे साथ मुंह काला किया और वह भाग खड़ा हुआ . शुरू में मैंने स्ट्रगल किया था , उस के साथ हाथापाई हुई थी जिसके चलते उसकी नकली दाढ़ी का एक हिस्सा मेरे हाथ में आ गया था . उसने मेरे दोनों हाथ बांध दिए .जाते जाते उसने अपनी नकली दाढ़ी निकाल कर जेब में रखी तब मैंने उसका चेहरा देखा . मैंने पुलिस रिपोर्ट लिखवाई पर करीब तीन साल बाद भी अपराधी को पकड़ने में पुलिस नाकाम रही . उसकी बैसाखी और नकली दाढ़ी अभी भी पुलिस के पास होनी चाहिए . पुलिस ने इस केस को ठंडे बस्ते में डाल दिया .
उसके बाद मैंने उस शहर को छोड़ने का फैसला किया और कहीं दूर दराज जा कर सेट्टल करना बेहतर समझा . फिर शिमला के एक मिशन अस्पताल में आ गयी और यहीं सेट्टल कर गयी .
अपनी कहानी सुनाने के बाद डॉ माया ने बाद में आये पाँचों मेहमानों से कहा “ जहाँ तक मुझे उम्मीद है कि या बल्कि मैं श्योर हूँ जिस क्रिमिनल को आप की पुलिस करीब 25 सालों में नहीं ढूंढ पाई वह आज आपके सामने बैठा है . “
वहां उपस्थित सब सबकी नजरें आश्चर्य से एक दूसरे की तरफ देखने लगीं . फिर शेखर की तरफ इशारा करते हुए माया ने कहा “ यही है आपका मुजरिम , एस पी साहब . “
सभी लोग हक्के बक्के रह गए . शेखर की पत्नी ने कहा “ मैम , आप क्या बकवास किये जा रहीं हैं ? हमलोग चट मंगनी पट शादी की बात करने आये हैं . हम लड़की वाले हैं इसका मतलब यह नहीं है कि आपकी बकवास बर्दाश्त कर लेंगे . आपका बेटा सीमा से बहुत प्यार करता है और उसी के कहने पर हम आपके दरवाजे पर आये हैं . इतना ही नहीं हम तो आज ही इंगेजमेंट करने की सोच कर आये थे .आपके बेटे के बुलाने पर आपके घर आये हैं और मेहमानों का स्वागत तो दूर आप अपमान कर नाहक इल्जाम लगा रही हैं . हमें नहीं पता कि आप क्या सोच कर हंगामा खड़ा कर रही हैं . “
“ मैं बकवास नहीं कर रही हूँ . थोड़ा सब्र करें . जल्द ही सच सामने आ जायेगा और दूध का दूध और पानी का पानी हो जायेगा . जल्द ही आपको यह कड़वा सच स्वीकार करना होगा . “
फिर माया ने एस पी से कहा “ एस पी साहब आप कम से कम इसे कस्टडी में ले कर पूछताछ कर सकते हैं . “
एस पी ने कहा “ डॉ माया ने मुझे चुपचाप मेसेज भेज कर बुलाया है . मेरे टीम के आने की बात माया ने गुप्त रखने के लिए भी कहा था . हम लोगों के बीच जो भी बात हुई थी वह सिर्फ मेसेज के द्वारा हुई ताकि और किसी को इसकी भनक न लगे . इनके केस की जानकारी मुझे पहले से भी थी . हमें भी दुख है कि डॉ माया का मुजरिम वर्षों तक पुलिस की गिरफ्त से बाहर रहा है . पहली नजर में मुझे डॉ माया के कथन पर भरोसा है फिर भी हम फिलहाल शेखर को संदेह के दायरे में रखते हुए पूछताछ के लिए थाने ले जा रहे हैं . अगर इसके आगे भी जरूरत पड़ी तो हम शेखर की कस्टडी ले कर पूछताछ करेंगे और केस दर्ज करेंगे . “
एस पी ने अपने इंस्पेक्टर से कहा “ इसे थाने ले जा कर पूछताछ कर जल्दी से जल्दी मुझे रिपोर्ट करो . हाँ इसका DNA टेस्ट भी करा लेना . DNA के रिजल्ट आने तक मजिस्ट्रेट से उसकी कस्टडी ले लो . “
माया ने सीमा और उसकी माँ से कहा “ आप लोगों को बुरा लगा होगा पर जल्द ही सच सामने आ जायेगा . और मुझे पूरी उम्मीद है कि मैं गलत नहीं हूँ . मुझे क्षमा करें पर मैं अपने मुजरिम को माफ़ नहीं कर सकती हूँ . फिलहाल आप लोग जा सकती हैं . “
वहां मौजूद सभी लोग खामोश थे . लोग राज की शादी की घोषणा सुनने आये थे . किसी ने इस बात की कल्पना नहीं की थी .
फिर माया ने राज की तरफ देख कर कहा “ राज, इन्हें विदा कर मुझसे मिलो . “
राज उन लोगों को कार तक विदा कर वापस आया और उसने माँ से पूछा “ मॉम आपने इतना बड़ा इल्जाम सीमा के पापा पर लगाया है , अगर यह गलत हुआ तब ? “
“ गलत हुआ तब शेखर मुझ पर मानहानि का दावा और क्रिमिनल केस ठोक सकता है और मुझे सजा और हर्जाना दोनों भुगतना पड़ेगा . तब तुम उस लड़की से शादी कर सकते हो और चाहो तो मुझे छोड़ कर जा सकते हो . “
“ पर यदि यह सच हुआ तब क्या करोगे ? बस दो तीन दिनों की बात है . “
“ ठीक है मॉम ,तब तक हम इंतजार करते हैं . मैं नहीं चाहता कि किसी गलती के कारण आप मुसीबत में फंस जायें . “
तीन दिनों के बाद पुलिस की पूछताछ और DNA टेस्ट रिपोर्ट से यह साबित हो गया कि शेखर ही माया का मुजरिम है . पुलिस ने शेखर को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया . .
माया ने राज से कहा “ अब तुम समझे मैंने क्यों कहा था कि तुम्हारी शादी सीमा के साथ नहीं हो सकती है ? तुम दोनों के बायोलॉजिकल फादर एक ही हैं , शेखर है यानि सीमा के पापा . “
“ हाँ मॉम , पर इतनी पुरानी बात आप इतने भरोसे से कैसे कह दिया था . मुझे डर था कहीं आप गलत हुईं तो हमें अपमानित न होना पड़े और उलटे आप ही पर मुकदमा न हो जाए और आपको कोर्ट कचहरी का चक्कर लगाना पड़े . खैर , अब सच जान कर मैं बहुत खुश हूँ . “
“ हाँ , अब यह तुम पर निर्भर करता है कि तुम मेरे साथ रहना पसंद करोगे या अपने बायोलॉजिकल फादर के साथ रहना पसंद करोगे . तुम अब एडल्ट हो और तुम्हारा निजी फैसला ही अंतिम फैसला होगा .तुम्हारा जो भी फैसला हो हमें सहर्ष मंजूर होगा . “
“ मॉम , आप मेरी परीक्षा ले रहीं हैं ? मेरा बाप एक क्रिमिनल है , वह आपका मुजरिम है और उसने जघन्य पाप किया है . आपने उस पापी के पाप को इस दुनिया में ला कर मुझ पर एहसान किया है . मुझे फादर ने बताया है कि आप तो मुझे जन्म देना नहीं चाहती थीं . आपने मुझे गले लगाया , पाल पोस कर बड़ा कर मुझे एक इज्जत की जिंदगी दी है . आप ही मेरी माँ और पिता दोनों हैं . “
इतना बोल कर वह डॉ माया के गले लग गया .
xxx समाप्त xxx