भुमिका :- उपन्यास में वर्णिन चरित, घटना, स्थान पूरी तरह काल्पनिक हैं। चरित्र का जीवित या मृत व्यक्ति से जुड़ाव, घटनाओ का सत्य प्रतीत, होना स्थानों का यर्थाथवादी स्थान लगना केवल संयोग मात्र है। लेखक का उददेश्य उपन्यास के जरिए किसी की व्यक्तितगत जिंदगी अथवा privacy को हानि पहुंचाना नहीं है। लेखक का एकमात्र उद्देशय आपने स्थान की पाठकों को पहचान कराना व मिस. सुदेश के माध्यम से जिंदगी के विभिन्न पक्षों को दर्शाना मात्र है। लेकख अपने इसे उपन्यास के जरिए पाठकों चेतना मे नैतिक उत्कृष पैदा करना चाहता है। पाठक से संयम से बिना ज्यादा यर्थाथ की तहकीकात किए पढ़े जाने की उम्मीद है।
- अंकित कुमार
सुदेश - 1
हाँसी से 10 किलोमीटर हिसार की तरफ चलेंगे तो left side मैं एक रोड आएगा, उस पर करीब 1 किलोमीटर चलने के बाद, दो फाटकों को पार करने के बाद आ गए स्कूल से right लेंगे तो आगे गली दो गलियों में विभाजित होगी, वहां से कच्ची गली में करीब 50मीटर चलकर पांच घरों को पार करने के बाद एक बड़े से लोहे के गेट वाला घर आएगा,, बस बस बस उसी घर में रहती है मिस सुदेश।।
सुदेश के घर के सामने ही एक खाली जगह है जिसे सरोज ने समुंदर के माध्यम से खरीदा है। प्लाट के left मैं मिस्टर रमेश का घर है। रमेश का लड़का समीर अक्सर सुदेश के पास पाया जाता है। सुदेश से उसे काफी उम्मीद है, लेकिन अभी कुछ स्पष्ट नहीं हो पाया है।
सरोज के प्लाट के ही right मे मिस्टर देवेंद्र रहते हैं। देवेंद्र का एक बेटा है दीपू जो अफसर पड़ोस की महिलाओं से संवाद करते रहता है।
समीर के घर के left में देखेंगे तो पंडिताइन का घर है जिसमें ऊपर वाले फ्लोर पर रहती है मिस अदिति। मिस अदिति बड़ी सुंदर लड़की है लेकिन स्वभाव से बड़ी भी चरित्रहीन। वह अकसर पास के गांव के लड़कों के साथ दिख जाती है। आदिति के left में जो घर है, उस घर के ऊपरी प्लोर में रहता हैं मिस्टर टप्पू। टप्पू स्वभाव से कैसा है, संशय है, लेकिन प्रथम दृष्टया उसकी छवि भगवान के किसी अनन्य भक्त के तौर पर प्रतीत होती है।
सुदेश के घर की लाइन में ही right में 5 घर छोड़कर आता हैं अम्मा का घर। अम्मा एक मोटी ताजी 80 वर्षीय महिला है। अम्मा का नाश्ता किसी बड़े खिलाड़ी जितना होता है। 10 ब्रेड, एक सेर दूध, छुआरे बादाम सो अलग। अम्मा अकसर घर के बाहर चारपाई डाले पड़े रहती है और आने - जाने वाले व्यकितयो का समय नोट करती रहती है। अम्मा का इसके पीछे क्या प्रयोजन है, अम्मा ही जाने। अम्मा का वजन कम से कम 100 किलो तो होगा ही और इसी वजह से अम्मा मिट्टी में पैर रखती है तो मिट्टी करीब 1 इच नीचे घस जाती है ।
अम्मा के पास रोज शाम महिलाओं का मंच सजता है, इस महफिल मे आती है मिस सीमा । सीमा का घर सामने ही है। सीमा का लड़का है रोहित जिसे अक्सर हर बात की जानकारी होती है। आप संसद से लेकर कोर्ट तक, मोदी से लेकर बाइडेन तक की जानकारी उससे ले सकते हैं। रोहित करीब 30 वर्षीय युवक है, जिसकी अभी शादी भी नहीं हुई है। रोहित के हाथों पर घने बाल हैं।
देखिए आप अतिदि, सीमा,देवेंद्र,रमेश, समीर ,टप्पू रोहित में confuse मत होइए, ये मिस सुदेश की मुख्य कथा है।
सुदेश के घर से वही फाटक की तरफ तो फाटक के 150 मीटर बाद right side में नरेश की किरयाना की दुकान है। यहां करीब 300 से ज्यादा सामान की varieties मिलती है। नरेश की दुकान लोगों की प्राथमिक choice है। नरेश की दुकान से किफायती सामान उचित रेट पर मिलता है। नरेश की दुकान से अगली गली में जाएंगे तो टेढ़े मेढे रोड़ पर करीब 500 मीटर चल के मिष्ठान की दुकान पार करके, फिर right side में idbi bank के left वाली गली मैं 100 मीटर चलके जगह आएगी kites classes जिस पर मिस अदिति पढ़ने जाती है। अदिति यहां पढ़ने आती है या कुछ करने, इसमें अभी संशय है।
नरेश की दुकान के आगे ही चाट पकोड़े की दुकान है, जहां अक्सर मिस सुदेश चाट खाती दिखती है। मिस सुदेश की उम्र करीब 23 वर्ष है और अभी अविवाहित हैं। समीर से लेकर दीपू , टप्पू तक, इन सब की नजर मिस सुदेश पर रहती है। मिस सुदेश अति सुंदर,सुशील व चरित्रवान है। मिस सुदेश अवसर सूट पहनती है। उनकी खुबसूरती बड़ी बड़ी अभिनेत्रियों को टक्कर देती है। मिस सुदेश का पसंदीदा भोजन burger है। हफ्ते में एक ने एक बार वो लंबु बर्गर वाले के यहाँ हो आती है। सुदेश के पिता का नाम पवन है। पवन फौज से रिटायर्ड है और यही हिसार मे एक प्राइवेट दुकान सभालते है। मिसु सुरेश का अभी तक वर्णित इन चरित्रों से कोई खास जुड़ाव नहीं है। वह इन चरित्रों को केवल जानती भर है। मिस सुदेश शाम को 5 बजे दूध लेने के लिए पास के गाँव जाती है सुट - बूट , लीपा - पोती , नए वस्त्र और बालो को सजाकर । ये दृश्य देखने कई पुरुष घर के बाहर आ जाया करते है।
मिस सुदेश पास के ही विद्यालय मे टीचर है। मिस सुदेश के पास graduation से लेकर PHD तक की डिग्रियां हैं। मिस सुदेश कही बड़ी नौकरी की तलाश मे है । लेकिन घर की ज़िम्मेदारियां से फुरसत मिले तब ना। मिस सुदेश अपने खाली समय मे अवसर अपने घर के बाहर बैठी दिखती है। मिसा सुदेश चंचल किस्म की लड़की है। उम्र के रसायन थोड़ी ज्यादा मात्रा मे ही उनके अंदर विधमान है।
उनके ये रसायन उनकी आगे कैसी नियति तय करते है, ये देखने योग्य हैं, मिस सुदेश कैसे मिस अदिति , रमेश , समीर , टप्पू आदि से जुड़ती है, ये सब भविष्य के गर्भ मे है।