Silent Love - 18 in Hindi Love Stories by prashant sharma ashk books and stories PDF | खामोश प्यार - भाग 18

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खामोश प्यार - भाग 18

जॉली की बर्थडे पार्टी करीब 4 घंटे तक चली, इस दौरान जॉली मां शैलजा ने अधिकतर समय कायरा के साथ ही बिताया। इस दौरान उन्होंने कायरा अपने कुछ खास मेहमानों के अलावा घर और परिवार के अन्य लोगों से भी मिलवाया। हालांकि कायरा ये सभी काफी कुछ अजीब लग रहा था, परंतु उसने ना तो जॉली से और ना ही स्नेहा से इस संबंध में कोई बात की थी। रात का करीब 1 बज गया था, इसलिए कायरा ने वहां से जाने के लिए एक कैब बुक कर ली थी। इसी दौरान वहां स्नेहा आ गई। दोनों का घर आसपास ही था, इसलिए वे दोनों एक ही कैब में सवार हो गई। इसी दौरान स्नेहा की नजर मानव पर पड़ी। उसने मानव को आवाज दी।

मानव, मानव...। स्नेहा ने आवाज लगाई।

स्नेहा की आवाज सुनकर मानव उनके पास आ गया। स्नेहा ने मानव से कहा- तुम भी हमारे साथ क्यों नहीं चलते। रात काफी हो गई है, इसलिए तुम्हें यहां से कोई साधन नहीं मिलेगा।

पहले तो मानव ने मना किया, परंतु फिर स्नेहा की जिद पर वो भी कैब में बैठ गया। कैब चल पड़ी। स्नेहा और कायरा पीछे की ओर बैठे थे, जबकि मानव ड्राइवर के पास वाली सीट पर बैठा था। मिरर में उसकी नजर बार-बार कायरा पर जा रही थी, वहीं कायरा भी चोरी की नजर से उसे ही देख रही थी। इसी दौरान स्नेहा ने कुछ बोलना चाहा पर उसी समय कायरा ने उसका हाथ दबाकर उसे कुछ भी बोलने से मना कर दिया। अब चूंकि कायरा और मानव के घर विपरीत दिशा में थे तो मानव ने कैब को रूकवाकर उतरना चाहा तो स्नेहा ने कहा- पहले हमें छोड़ दो फिर तुम इसी कैब से अपने घर चले जाना। रात के समय कोई साधन नहीं मिला तो परेशान हो जाओगे। स्नेहा ने कैब ड्राइवर से पूछा तो उसने भी मानव को घर छोड़ने पर अपनी रजामंदी दे दी थी। तय अनुसार कैब ने पहले कायरा और स्नेहा को छोड़ा और फिर मानव को लेकर वो वापस लौट गया।

कैब से उतरते ही कायरा ने स्नेहा से कहा- तू फिर से वही सब बातें करने वाली थी ना ?

स्नेहा ने कहा- अरे नहीं मैं तो बस ऐसे ही मानव से बात कर रही थी, पर तुने करने ही नहीं दी।

कायरा ने कहा- मैं जानती हूं तू कौन सी बात करना चाह रही थी। तेरे पास इससे अच्छा मौका हो ही नहीं सकता था।

स्नेहा ने कहा- अगर कर भी रही तो क्या गलत कर रही थी। मुझे भी सब नजर आता है। तू उसे चोरी छिपे देख रही थी और वो मिरर से तुझे देख रहा था। मेरी तो यह समझ नहीं आ रहा है कि जब तुम दोनों एक-दूसरे को इतना पसंद करते हो तो बात क्यों नहीं करते हो ? दो साल पूरे हो रहे हैं तुम दोनों को एक ही क्लास में, पर मैंने तुम दोनों को कभी बात करते हुए नहीं देखा है।

कायरा ने कहा- बात करने के लिए भी तो कोई बात होना चाहिए।

स्नेहा ने कहा- देख कायरा मैं तेरी तरह इतनी घुमावदार बात करना तो नहीं जानती हूं, पर तुझे एक बात बता दूं कि ये तुम दोनों का जो खामोश प्यार है ना वो तुम दोनों को ही एक दिन बहुत भारी पड़ जाएगा। इसलिए मेरी राय है कि वो अगर बात नहीं करता है तो तू ही उससे बात कर ले।

कायरा ने इस बार लगभग चिढ़ते हुए कहा- अरे यार तू फिर शुरू हो गई। बहुत देर हो गई है अब मैं घर जा रही हूं।

कायरा अपने घर की ओर चल दी और फिर स्नेहा ने भी अपने घर की राह पकड़ ली थी। वहीं दूसरी ओर कुछ ही देर बाद मानव भी अपने घर पहुंच गया था।

पार्टी से जॉली, जेनी, शैलजा और विश्वास अपने घर पहुंच गए थे। पार्टी में रहने के बाद उन्हें कोई थकान महसूस नहीं हो रही थी। वे घर में बैठकर आपस में बात कर रहे थे। तभी जॉली ने शैलजा और विश्वास से पूछा-

मॉम-डैड आपको कायरा कैसी लगी ?

शैलजा और विश्वास ने एक साथ जवाब दिया- मुझे तो बहुत पसंद आई है लड़की।

तभी जेनी ने भी सवाल किया- और मानव के बारे में आप लोगों का क्या ख्याल है ?

जेनी के सवाल का भी जवाब देते हुए कहा- हां वो भी बहुत अच्छा लड़का है। सभ्य परिवार से संबंध रखता है। संस्कारी भी नजर आ रहा था। हालांकि कम बोलता है, पर लड़का व्यवहारी है।

जेनी और जॉली ने एक दूसरे देखा और उनके चेहरे पर मुस्कान आ गई थी।

अगले दिन शैलजा और विश्वास फिर अपने घर के लिए रवाना हो गए थे। वहीं जॉली और जेनी कॉलेज आ गए थे। पार्टी को लेकर पूरे कॉलेज में सभी लोग जॉली की तारिफ कर रहे थे। जेनी भी अब मानव से बात कर रही थी। मानव ने उसे बताया कि पार्टी काफी अच्छी रही और उसे वहां आकर अच्छा लगा। जेनी मानव की इस बात से काफी खुश हो गई थी। इस दौरान कॉलेज एग्जाम की डे आ गई। एग्जाम भी हुए और इस बार भी कायरा और मानव ने संयुक्त रूप से टॉप किया था।

कॉलेज की छुटिटयों के बाद फिर से कॉलेज शुरू हुए और फिर सभी एक साथ क्लास में थे। कॉलेज की छुट्टियों के दौरान भी मानव और कायरा अक्सर रात के समय ऑनलाइन रहते परंतु हमेशा की तरह कोई मैसेज नहीं करते थे। ये साल जॉली, जेनी, कायरा, मानव, श्लोक और स्नेहा के लिए काफी कुछ बदलने वाला साबित होने वाला था। नए साल में कुछ ऐसा होने वाला था, जो मानव और कायरा के जीवन में बहुत बड़ा बदलाव लाने वाला था।

कॉलेज से हर बाद स्टूडेंट्स का एक ट्रिप घूमने के लिए जाता था। इस बार भी यह ट्रिप हुआ। इस बार मानव और कायरा के साथ जॉली और जेनी भी इस ट्रिप का हिस्सा थे। तय समय के अनुसार सभी स्टूडेंट ट्रिप के लिए निकल गए थे। इस बार यह ट्रिप एक ऐतिहासिक स्थल का था। यह एक किले की सैर थी। सभी स्टूडेट्स किले पर पहुंच चुके थे और सभी ने अपने टेंट भी लगा लिए थे। हमेशा की तरह कायरा अकेली ही किले पर घूमने के लिए निकल गई थी, वहीं मानव ने भी अपना कैमरा उठाया और किले को कैद करने के लिए निकल गया था। कायरा को जाते हुए जॉली ने देखा तो वो उसके पीछे चल दिया था। वहीं स्नेहा भी कुछ देर बार उसी ओर चल दी, जिस ओर कायरा और जॉली गए थे। श्लोक और जेनी भी साथ घूमने के लिए निकल गए थे।

कायरा को हालांकि यह जगह कुछ खास पसंद नहीं आ रही थी, क्योंकि यहां सिर्फ खंडहर थे और प्रकृति से लगाव था। वहीं जॉली उसके पीछे चल रहा था और वो छिप-छिपकर कायरा को देख रहा था। इसी बीच स्नेहा भी वहां पहुंच गई थी और उसने जॉली को कायरा को छिप-छिपकर देखते हुए देख लिया था।