Aatma - Pretatma - 7 in Hindi Horror Stories by Rajveer Kotadiya । रावण । books and stories PDF | आत्मा - प्रेतात्मा - 7 - कब्रिस्तान के भूत

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आत्मा - प्रेतात्मा - 7 - कब्रिस्तान के भूत

यह बात बांग्लादेश की है। शाह आलम जो बांग्लादेश में रहते है उन्होंने यह Real Ghost Horror स्टोरीज हमें भेजी है। शाह आलम के एक चाचा थे जो कब्रिस्तान में रखवाली का काम करते थे। वह कब्रिस्तान में रखवाली करने के साथ साथ वहाँ पर कब्र भी खोदा करते थे। एक दिन शाह आलम के चाचा ने रात के समय शाह आलम के घर का दरवाजा खटखटाया। शाह आलम ने दरवाजा खोला तो देखा उनके चाचा बहुत डरे हुए थे और काँप रहे थे।

शाह आलम ने जब डरने का कारण पूछा तो उन्होंने सारी बात सुबह बताने की बात कही और कम्बल लेकर सो गए। सुबह होने पर उन्होंने बताया की पिछली शाम को जब वह कब्रिस्तान में एक कब्र खोद रहे थे तो पास की क़ब्र के जमीन के नीचे से बड़ी ही अजीब आवाज़ आने लगी जैसे कोई कुछ खा रहा हो और कुछ समय बाद उस जगह की मिट्टी अपने आप ही जमीन में धसने लगी। यह देखकर वह बहुत डर गए और पीछे हट गए।

तभी उस जमीन में से एक अजीब सा शैतान निकला जो देखने में बहुत भयानक और इंसान के आकार से बहुत बड़ा था। जिसके बड़े बड़े दाँत थे जिनमे खून लगा हुआ था। उस कब्र में उन्होंने कुछ समय पहले जो इंसान दफ़न किया था अब उसकी केवल हड्डियाँ ही बाकी बची थी। यह देखकर चाचा को समझते देर नहीं लगी की वह शैतान कब्र में से इंसान की लाश को खाता था।

जब शैतान ने चाचा को देखा तो वह चाचा के पीछे भागा। चाचा बड़ी तेज़ भाग कर कब्रिस्तान के पास की मस्जिद में चले गए। कुछ देर बाद जब मस्जिद में मौलवी आये तो उन्होंने चाचा के ऊपर मंत्र फुंक कर एक ताबीज दिया। मस्जिद से निकलकर सीधे वह शाह आलम के घर आये थे। इस घटना के बाद चाचा डरे रहने लगे और अब वह कब्रिस्तान की रखवाली करने वाले कमरे में कभी भी अकेले नहीं सोते थे।

अब उनके साथ 1 -2 मौलवी भी साथ सोते थे। एक रात को जब चाचा सो रहे थे तो फावड़े की आवाज़ आने लगी जैसे कोई फावड़े से मिट्टी खोद रहा हो। फावड़ा चलाने का काम तो केवल चाचा ही करते थे तो उन्होंने कमरे की खिड़की से बाहर कब्रिस्तान की तरफ देखा वहाँ पर उन्हें फावड़ा अपने आप चलता दिखाई दिया और कोई भी वहाँ नहीं था। यह देखकर चाचा बहुत हैरान हो गए और जोर से चिल्लाये कौन है वहाँ। तब तक कमरे में सोए 2 मौलवी भी जग चुके थे।

चाचा की आवाज़ जब उस न दिखने वाले शैतान या भूत ने सुनी तो उसने गुस्से में वह फावड़ा बड़ी तेजी से चाचा की तरफ फेंकी। वह फावड़ा खिड़की को तोड़ता हुआ कमरे में घुस गया। इससे सब बहुत डर गए। अब वह शैतान कमरे के दरवाज़े पर ही आ गया और बड़ी जोर जोर से मारने लगा। कमरे में मौजूद 1 -1 मौलवी दरवाजे और खिड़की पर आ गए और कुछ कुछ मंत्र फुंकने लगे।

लेकिन वह शैतान रात भर कमरे के बाहर ही रहा और दरवाजे पर वार करता रहा । जैसे ही सुबह हुई वह शैतान चला गया। यह सब बात उन्होंने मस्जिद के सबसे बड़े मौलवी को बताई। उस बड़े मौलवी ने कहा की मुझे इसका इलाज पता है। आज रात मै तुम्हारे साथ सोऊंगा। अगली रात को जब सब डरे हुए सो रहे थे तभी आधी रात को फिर फावडा चलाने की आवाज़ आने लगी। अबकी बार बड़े मौलवी ने कहा मुझे इसको देखने दो।

वह दरवाजा खोलकर मंत्र पढ़ते हुए फावड़े की तरफ़ चले गए। मौलवी ने उस फावड़े को बड़ी तेजी से हवा में घुमा दिया जिससे बहुत ही दर्दनाक आवाज़ आयी जैसे फावड़े से किसी के सीने में वार किया हो। मौलवी ने इसके बाद इशारे से सबको वहाँ आने को कहा। उन्होंने चाचा को एक बड़ा खड्डा खोदने को कहा।

उन्होंने बताया की वह शैतान जो दिखाई नहीं दे रहा वह अब मर चूका है और फावड़ा उसके सीने में लगा है। इसके बाद उस शैतान को बड़े मौलवी के कहे अनुसार फावड़े के साथ ही दफना दिया गया। इस घटना के बाद यह बात चारों तरफ आग की तरह फ़ैल गयी और उस कब्रिस्तान को बंद कर दिया गया।