यह सच्ची कहानी एक ट्रक ड्राइवर के द्वारा भेजी गयी है। हरीश नाम का एक आदमी ट्रक ड्राइवर का काम करता था। वह एक ट्रांसपोर्ट कंपनी में सामान डिलीवरी का काम पुरे इंडिया में किया करता था। एक दिन वह सामान की डिलीवरी लेकर महाराष्ट्र में जा रहा था। वैसे तो हमेशा हरीश के साथ कोई न कोई हेल्पर डिलीवरी के समय रहता था।
लेकिन उस दिन उसका हेल्पर बहुत बीमार था इसलिए वह बिना हेल्पर के ही वह डिलीवरी करने जा रहा था क्योकि हरीश को उस सामान की बहुत जल्दी client को डिलीवरी देनी थी। रास्ते में शाम को वह एक ढाबे पर रुका जहाँ उसने भरपेट खाना खाया और जल्दी ही वहाँ से निकल गया।
आगे वह जिस रास्ते से जा रहा था वह पूरा सुनसान रास्ता था। अब शाम ढल चुकी थी और रात हो गयी थी। कुछ दूर सड़क पर चलते हुए हरीश को रास्ते के किनारे पर एक ट्रक पल्टा हुआ दिखाई दिया। जिससे उस truck का सारा लोड सामान बाहर बिखरा पड़ा था। वहाँ काफी अँधेरा था लेकिन उस truck की हेड लाइट और टेल लाइट जल रही थी।
हरीश ने ऐसी स्थिति में उस ट्रक ड्राइवर की मदद करने के लिए अपना ट्रक रोक लिया। हरीश ने पास जाकर उस ट्रक के केबिन में देखा लेकिन उसे ट्रक में न तो कोई ड्राइवर और न ही कोई हेल्पर नज़र आया। उस ट्रक के आगे का शीशा टूटा हुआ था और आगे वाला हिस्सा अंदर धसा हुआ था।
जो देखने पर ऐसा लग रहा था की ट्रक किसी खम्बे से टकराया हो लेकिन वहाँ पर ऐसा कोई खम्बा नहीं था। रास्ते के एक तरफ खाई और दूसरी तरफ़ घना जंगल था। उसने सोचा इस ट्रक की ऐसी हालत है इसकी सुचना मुझे अपने मालिक को देनी चाहिए। वही इसकी कुछ मदद करेंगे। उसने तभी अपने मालिक को फ़ोन करके बताया।
मालिक ने हरीश से उस ट्रक का नंबर माँगा। मालिक ने हरीश से कहा की वह इसकी सुचना पुलिस को देगा। इसके बाद हरीश अपने ट्रक पर वापस जाने लगा तभी उसके पैर के नीचे कुछ चीज़ आयी। जब उसने ध्यान से देखा तो वह खून से सना माँस का एक लोथड़ा था। इसके बाद उसने अपने ट्रक पर वापस जाकर टॉर्च लाइट निकाल कर लेकर आया।
उसने टॉर्च जैसे ही ड्राइवर की सीट के नीचे मारी तो वहाँ बहुत सा ख़ून बिखरा पड़ा था। जिससे हरीश बहुत डर गया तभी उसके पास के जंगल की झाड़ियों के सरसराने की आवाज़ आयी। हरीश ने झाड़ी पर टॉर्च मारी तो उसको दो लाल रंग की आँखें चमकती हुई नज़र आयी। वह एक 10 फुट का जानवर की शक्ल का जीव था।
वह जैसे ही हरीश की तरफ लपका हरीश बड़ी तेज़ी से ट्रक की तरफ़ भागा और अपना truck स्टार्ट करके भगा लिया। हरीश की अब भी साँस फूल रही थी। हरीश को अब समझ आ चूका था की उसी डरावने जीव के सामने आने की वजह से वह truck पलटा होगा और उसने जरूर ड्राइवर और हेल्पर को मार दिया होगा। हरीश डिलीवरी करके आने के बाद भी उसी रास्ते से आया लेकिन अब दिन का समय था और उसने अबकी बार रुकने की बिल्कुल भी नहीं सोची।