Silent Love - 17 in Hindi Love Stories by prashant sharma ashk books and stories PDF | खामोश प्यार - भाग 17

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खामोश प्यार - भाग 17

कायरा से दोस्ती कर जॉली काफी खुश नजर आ रहा था। वहीं स्नेहा ने इस बात पर अपनी खुशी जाहिर की थी। इधर जेनी मानव से दोस्ती करने के बारे में सोच रही थी, हालांकि वो कोई तरीका नहीं निकाल पा रही थी। मानव ने कायरा को जॉली से हाथ मिलाते देखा तो वो काफी उदास हो गया था और अचानक ही कैटिंग से बाहर चला गया था। श्लोक ने उसे रोकने की कोशिश की तो परंतु वो रूका नहीं।

मानव घर पहुंचा और उसने अपनी अलमारी खोली और कायरा के उस फोटो से बात करने लगा। मानव कह रहा था, ये क्या कर रही हो कायरा। वो तुम्हारे लिए ठीक नहीं है। उसे शायद तुम्हारी दोस्ती नहीं चाहिए, उसके दिल में कुछ ओर है। तुम तो इतनी समझदार हो, फिर तुमने उसकी बात पर कैसे यकीन कर लिया? वो तुम्हारी दोस्ती के लायक बिल्कुल नहीं है। इसके बाद वो काफी देर तक कायरा की तस्वीर को निहारता रहा और फिर जाकर अपने बेड पर सो गया। उसने आज अपना मोबाइल नहीं उठाया था, दूसरी तरफ कायरा आज भी अपने मोबाइल पर मानव के मैसेज का इंतजार कर रही थी। हालांकि आज मानव उसे ऑनलाइन शो नहीं हो रहा था। अगले दिन कॉलेज में मानव के पहुंचते ही श्लोक ने उसका हाथ पकड़ा और उसे पार्क में लेकर चला गया।

श्लोक ने मानव से कहा- तू अब भी खामोश ही रहेगा। तुने देखा ना कल तेरी खामोशी के कारण क्या हुआ है।

मानव खामोश ही रहा, उसने श्लोक की बात का कोई जवाब नहीं दिया। श्लोक ने फिर कहा- देख मानव मैं तेरा दोस्त हूं। मैं तेरी इस हालत को अच्छे से समझता भी हूं। मेरी बात मान ले उससे बात कर ले। वो क्या सोचती है या उसने क्या कहा था, इसके बारे में सोचने का वक्त नहीं है। जॉली ने आज अगर उससे दोस्ती की है तो कल वो प्रपोज भी कर सकता है। फिर तेरे इस प्यार को कायरा समझ पाए या ना समझ पाए। इसलिए तू उससे बात कर। मानव ने श्लोक की बात सुनी और फिर चुपचाप ही वहां से चला गया। वो अपनी क्लास में आकर बैठ गया। जेनी उसके पास ही बैठी थी। जेनी उससे बात करना चाह रही थी, पर उसे समझ नहीं आ रहा था कि वो बात कैसे शुरू करें। फिर क्लास भी खत्म हो गई और हमेशा की तरह सभी कैटिंन में आकर बैठ गए।

श्लोक भी कैटिंन में आकर बैठ गया था। जेनी उसके पीछे-पीछे कैटिंन में आ गई। उसने दो चाय ली और मानव के पास जाकर बैठ गई। उसने एक चाय मानव की ओर बढ़ा दी। मानव ने उसे देखा और चाय का कप अपने हाथ में ले लिया। जेनी के चेहरे पर एक मुस्कान तैर गई थी। उसने मानव की ओर फिर से हाथ बढ़ाया और कहा- फ्रेंड ? मानव ने एक बार कायरा को देखा और फिर श्लोक की ओर देखा। दोनों ही फिलहाल अपनी बातों में व्यस्त थे। उसने भी जेनी का हाथ थाम लिया। मतलब साफ था मानव ने जेनी की दोस्ती कबूल कर ली थी।

ऐसे करीब दो महीने बीत गए थे। एक दिन जॉली क्लास में पहुंचा और उसने पूरी क्लास से कहा- दोस्तों कल मेरा जन्मदिन है और मैं एक पार्टी दे रहा हूं, उसमें आप सभी को शामिल होना ही होगा। मैं आप सभी का इंतजार करूंगा। फिर उसने कायरा की ओर मुखातिब होते हुए कहा- कायरा खासकर तुम्हें तो उस पार्टी में आना ही होगा, तुम्हारा कोई बहाना नहीं चलेगा कि तुम्हारे पास समय नहीं था, या तुम स्टडी कर रही थी, या घर वालों ने इजाजत नहीं दी। अगर तुम नहीं आओगी तो मैं केक नहीं काटूगा, ना सिर्फ कल बल्कि अपने किसी भी जन्मदिन पर।

अगले दिन एक बड़े होटल में सभी स्टूडेंट पहुंच गए थे। जॉली और जेनी अपने-अपने दोस्तों के साथ व्यस्त थे। इसी दौरान कायरा ने हॉल में प्रवेश किया। हल्के आसमानी रंग के सूट पर खुले बाल, हाथों में कंगन, होठों पर हल्की सी गुलाबी रंग की लिपस्टिक, माथे पर एक छोटी सी काली बिंदी, चेहरे पर हल्की सी मुस्कान और हाथों में एक बुके लेकर जब वो जॉली की ओर बढ़ रही थी तो जॉली की नजरें या यूं कहें कि हॉल में मौजूद हर शख्स की नजरें उस पर टिक गई थी। कायरा जॉली के पास पहुंची और बुके उसकी ओर बढ़ाते हुए उसे बर्थ डे विश किया। जॉली अब भी अब भी बस उसे एकटक देखे जा रहा था। तभी जेनी ने हल्के से उसे कोहनी मारी तो वो जैसे होश में आया और उसने कायरा को थैंक्स कहा। फिर उसने कहा- कायरा मैं बता नहीं सकता कि मैं कितना खुश हूं। तुम मेरी पार्टी में आई हो, इससे अच्छा गिफ्ट मेरे लिए कोई और हो ही नहीं सकता है।

कुछ देर तक वो कायरा से बात करता रहा फिर कायरा उससे विदा लेकर स्नेहा के पास चली गई। फिर जॉली वहां से हॉल के दूसरे हिस्से में गया, जहां उसके मॉम शैलजा और डैड विश्वास अपने परिचितों से बातें करने में व्यस्त थे।

जॉली ने जाते ही कहा- मॉम-डैड वो आ गई है।

जॉली की मां शैलजा और डैड विश्वास ने चौंकते हुए कहा- सच कायरा आ गई ?

जॉली ने फिर कहा- हां मॉम, हां डैड वो आ गई है।

चलो फिर उससे मिलते हैं- शैलजा और विश्वास ने कहा।

फिर वे दोनों जॉली के साथ कायरा से मिलने के लिए चल दिए। कायरा इस समय स्नेहा से बात करने में बिजी थी। जॉली, शैलजा और विश्वास के साथ अब जेनी भी जुड़ गई थी। जॉली उन्हें लेकर कायरा के पास पहुंचा और कहा- कायरा ये मेरे मॉम और डैड है।

कायरा ने पलटकर कहा- नमस्ते अंकल, नमस्ते आंटी।

शैलजा ने कायरा का हाथ अपने हाथों में लिया और कहा- बहुत प्यारी हो कायरा अपनी आंखों से काजल लेकर उसके बालों पर लगा दिया और कहा- तुम्हें किसी की नजर ना लगे।

कायरा ने मुस्कुराकर कहा- थैंक्यू आंटी।

इसी बीच मानव भी पार्टी में आ गया था। मानव को देखते ही जेनी के चेहरे पर मुस्कान आ गई। उसने कहा- आप लोग बातें कीजिए मैं दो मिनट में आई। वो लगभग दौड़ते हुए मानव के पास पहुंची और मानव का हाथ अपने हाथों में ले लिया और उसे अपने मॉम-डैड के पास ले आई। इस दौरान शैलजा और विश्वास कायरा से बात कर रहे थे। तभी जेनी आई और उसने कहा- मॉम, डैड यह मानव है यह मेरा दोस्त है। हम सभी एक ही क्लास में पढ़ते हैं।

शैलजा और विश्वास ने मानव को भी हैलो कहा और मानव ने भी उनके हैलो का जवाब हैलों से दिया। वे सभी अब वहीं खड़े होकर बात कर रहे थे। विश्वास खासकर कायरा और मानव के परिवार के बारे में जानने के लिए सवाल कर रहा था, जिसके दोनों ईमानदारी के साथ जवाब दे रहे थे।