VIRUS in Hindi Philosophy by ANKIT YADAV books and stories PDF | VIRUS

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VIRUS

हाय राम, ये क्या हो गया, कैसे हो गया। सब के सब यूं क्यों पड़े हैं। मम्मी पापा उठो ना, उठते क्यों नहीं, भैया उठ क्यों नहीं रहे, ओ माय गॉड, ये सब क्या हो गया। आंटी जी, देखिए ना, गेट खोलिए ना। कोई गेट क्यों नहीं खोल रहा। सब को क्या हो गया है। समर तुम कहां हो, जल्दी मेरे घर आ जाओ, यहां कोई उठ ही नहीं रहा, सारे गहरी नींद में है और सब के चेहरे पर हरे हरे निशान दिखाई पड़ रहे हैं। समर के घर का भी कुछ यही हाल था, सब के सब गहरी नींद में और सबके चेहरे पर हरे निशान। बाहर जाकर देखा तो समर और नैना दोनों दंग रह गए। दोनों क्या देखते हैं कि सब लोग वैसे ही पड़े हैं और सबके चेहरे पर वही हरे निशान। जहां देखो, वही लाशों की भांति इंसान पड़े हैं, सबको पता नहीं क्या हो गया है।
"नैना मुझे लगता है कि जब हम अपने project के लिए tunnel मे थे, तब यहां जरूर कुछ हुआ है। कहीं कोई जहरीले गैस तो लिक नहीं हुई जिससे ये लोग बेहोश हो गए।'हो सकता है समीर, उम्मीद है सब जल्दी उठेंगे'।
एक-एक करके हर जगह से बदबू फैलने लगी। बेहोशी लाशों में तफदील डील होती जा रही थी। असंख्य लाशें अकेले दिल्ली शहर में थी। समर और नैना जहां गए केवल लाशें और लाशें। सारी लाशों में वही बस चेहरे पर हरा निशान।
"माय डियर people of world, let me announce you, I juneston is the only person in this planet who is alive now. लेकिन मैं यह किसे बता रहा हूं, सब के सब लोगों को मैंने मार डाला, अब पूरे इस planet का मैं एकमात्र राजा हूं, ये सारे संसाधन मेरे हैं, केवल मेरे। आज शाम 5:00 बजे की जो हवा इस पूरे विश्व ने सुंघी , उसने मेरा बनाया virus था, जिसने भी सांस लिया, उसकी चंद मिनटों में ही मौत हो गई। हां, हां, हा, बाई, बाई, चिंता मत करो लाशों, मैं तुम सब के ऊपर अभी chemical डालकर तुम्हें decompose कर दूंगा।
समर और नैना ने ये सब टीवी पर सुना। टीवी के सभी चैनलों पर यही प्रोग्राम चल रहा था। समर और नैना समझ गए कि अब इस धरती पर केवल 3 लोग जिंदा है समर, नैना और juneston जिसने ये सब कार्य किया है।
इतने में अचानक घड़ाघड हेलीकॉप्टरों की आवाज सुनाई दी। सारे हेलीकॉप्टर बिना ड्राइवर के Ai से चल रहे थे। कुछ नीले रंग का छिड़काव हर जगह हो रहा था। जैसे ही ये नीला पदार्थ किसी लाश पर पड़ता, चंद पलों में वह गायब हो जाती। पूरे विश्व में ऐसा हुआ। ये सब प्रोग्राम सभी देशों के सारे टीवी चैनलों पर Live चल रहा था।
समर और नैना समझ गए कि पूरी दुनिया को खत्म करने का प्लान किया गया था। समर और नैना बच गए क्योंकि virus फैलने के समय वे Tunnel मैं थे जहां उन्हें oxygen cylinders से oxygen मिल रही थी। समर और नैना को बाहर निकलने में भी डर लग रहा था कि कहीं juneston कहीं उन्हें देख न ले। दोनों बेचारे मौन थे। एक पल में सारा संसार उजड़ गया था। इतने में उसके पास एक helicopter उत्तरा उसमें साक्षात juneston था। Juneston को उनके जिंदा होने की खबर satellite के माध्यम से मिल गई थी। Juneston ने कहा -" see, i
Don't know who people are you, not I want to know, I just want everyone dead except me on this planet Earth. I just want alone me on this planet. I am here to let you reach to your father mother and other Earthmates. Let be ready"
इतने में दो green fires समर, नैना पर हुए। दोनों को अपनी मौत देखती प्रतीत हुई।
सहसा नैना का सपना टूटा। हाय राम, इतना बड़ा सपना नैना तू कैसे देख सकती है, नैना ने मन ही मन सोचा।
"अगर ये सच हो गया तो क्या होगा, इस दुनिया में आज के जमाने में जितने विनाशकारी हथियार हैं उसके सामने ये स्वपन भविष्य में कभी सच हो जाए, ये कोरी कल्पना मात्र नहीं। भविष्य में खतरा nuclear हथियारों का नहीं, biological हथियारों का है। Nuclear हथियार biological हथियारों से कम घातक हैं। Nuclear हथियार तो व्यक्ति के साथ-साथ बनस्पति,पर्यावरण सब को खत्म करता है लेकिन एक biological weapon जैसा कि virus एक पल में पूरी दुनिया खत्म कर सकते हैं, बिना संसाधनों को नुकसान पहुंचाए। पल भर में किसी देश के सारे नौकरियों को मारकर उसके सारे संसाधनों पर कब्जा किया जा सकता है। सरकारों को जरूरत है सचेत रहने की कि इस विज्ञान का इस्तेमाल मानव जाति के लिए सकारात्मक संदर्भ में हो, न कि उसका मानव जीवन के लिए उसके विनाश के लिए हो। विज्ञान को अभिशाप नहीं वरदान बनाना है। इसके लिए जरूरत है हर व्यक्ति अपने स्तर पर अपना योगदान करें।