The ghost of the channel dish in Hindi Horror Stories by Tarun Dhanda books and stories PDF | चेनल की डिश का भूत

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चेनल की डिश का भूत

यह कहानी मेरे साथ घटी एक सच्ची घटना है।

हारली में कोरोना वाइरस के कारण पूरे भारत भर में लॉकडाउन किया गया था। उसी लॉकडाउन में मेरे साथ यह घटना घटी थी जो अभी मैं आपको बताने जा रहा हु।

लॉकडाउन 4

मैं श्याम को करीबन 8 बजे अपने घर की छत पर वॉकिंग कर रहा था।

तभी कुछ करीबन 5 मिनिट बाद छत के दूसरे भाग से किसीके खखड़ाने की आवाज आई। मैं उस साइड देखने के लिए गया कि आखिर आवाज किस चीज की थी।

क्योंकि छत पर मेरे अलावा और कोई भी नही था। उसी दौरान मेरी नजर चेंनल की डीश पर पड़ी, जो छत के दूसरे भाग में थी।

मुजे लगा कि शायद कोई चूहा होगा। इस लिए मैं ने ज्यादा ध्यान नही दिया।

कुछ देर बाद फिर से वहीं आवाज आई। मैं तुरंत वहाँ जाके देखा तो, मैं स्तब्ध हो गया।

क्यंकि जो चैनल की डिश पहले जिस जगह पे थी उस जगह से 5 ft दूरी पर चली गई थी।

मेरी समाज में कुछ नही आ रहा था, आखिर यह हुआ तो कैसे हुआ।

बाद में मैं उसी जगह खड़ा रह कर देखने लगा कि क्या अब मेरी नजर के सामने यह हिलती है क्या?

देखते ही देखते अचानक वह डिश अपनी जगह से हवा में करीबन 2ft ऊपर उठकर नीचे गिरी। ओर अपनी जगह पर हिलने लग गईं।

यह देखकर मेरे तो होश ही उड़ गए। मैं ने तुरंत ही उस चैनल की डिश के मालिक को फोन किया। और उन्हें छत पर बुलाके सारि बातें बताई।

पहले तो मेरी बात सुनकर उन्होंने यकीन नही किया, लेकिन जब यह हादसा फिर से उनकी नजर के सामने हुआ तो उनके भी होंश उड़ गए।

कुछ देर बाद आसपास के लोग भी इकठ्ठा हो गई। लोगो को लगा कि शायद कोई भूत प्रेत होगा जो यह सब कर रहा होगा।

फिर हम सब ने उस डिश को रस्सी से बांध दिया और फैसला किया कि कल सुभह ही इस डिश को यँहा से निकल कर फैंक देंगे।

उस रात करीबन पोंने दो बजे,

हम सब सो रहे थे, तभी मुजे छत पर किसी के घूमने की आवाज सुनाई दी, क्योंकि मेरा घर टॉप फ्लोर पे था। इस लिए जब भी छत पर कुछ भी हो तो सबसे पहले हमें सुनाई देता है।

मैंने अपने घर वालो को जगाया ओर बताया कि, छत पर कोई है जो घूम रहा है।

उस रात हम सब हिम्मत करके छत पर गई, यह देखने की लिए की आखित ऊपर कौन है?

हमने ऊपर जाके देखा तो ऊपर कोई भी नही था। लेकिन छत पर किसी के पैरों की निशान थे, वो भी आम पैरों के निशान से कई ज्यादा बड़े थे।

हम डिश को देखने के लिए गए तो, डिश पूरे छत पर कही नही थी। हमे लगा कि कोई किसी के उस डिश को फेंक दिया होगा।

लेकिन पैरों के निशान ने हम सब को काफी डरा दिया था। क्यूंकि आजतक ऐसे निसान हमने पहले कभी नही देखे थे।

रात काफी होने के कारण हम सबने मिलकर डिसाइड किया कि अब जो भी करना है वो हम कल सुभह ही करेंगें।

ओर हम अपने अपने घर चले गए। उस रात को मुजे नींद भी नही आ रही थी। मेरे मन में केवल यही चल रहा था कि कही हमारे छत पर कोई भूत प्रेत का साया तो नही है ना?

दूसरे दीन सुबह

जब हम सभी छत पर देखने के लिए गए तो देखा कि वो डिश जो कल रात छत पर से गायब हो गई थी वह डिश आज उसी जगह पर बापस आ गई थी।

तभी सब ने डिसाइड किया कि उस डिश को तोड़ के उसे नष्ट कर देंगे। ताकि बाद में कोई परेशानी न हो।

जब उस डिश को तोड़ रहे थे तब उसके अंदर से काले काले रंग का कुछ पदार्थ बाहर निकल रहा था जो बहोत ही बुरी बास कर रहा था।

उस डिश को तोड़ कर उसे एक खुली जगह पर ले जाके उसे जला दिया।

तब से लेकर अभी तक अब कई आबाज या किसी के होने का अहसाह नही हो रहा था।

दोस्तो आपको यह कहानी कैसी लगी प्लीज़ हमे कमेंट कर के जरूर बताए।

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