Alaukik Shakti in Hindi Thriller by Er.Vishal Dhusiya books and stories PDF | अलौकिक शक्ति

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अलौकिक शक्ति

मानव इस अवस्था में समाज की सारी घटनाओं की व्याख्यान धार्मिक आधार पर करता है कि इस संसार की सारी घटनाओं एक अलौकिक शक्ति की क्रिया का ही परिणाम है। यह सत्य भी है और इसे आज का आधुनिक विज्ञान भी मान चुका है , कि कुछ ना कुछ तो रहस्य है और कोई ना कोई एक अलौकिक शक्ति है जो इस पूरे ब्रह्माण्ड को संचालित कर रही हैं। यह ब्रह्माण्ड कैसे टीका हुआ है। इंसान , पशु और पक्षी कैसे जन्म लेते हैं, क्यों और कैसे मरते हैं। जन्म से लेकर मृत्यु तक इनका निर्माण और संचालन कौन करता है। इनकी शरीर की बनावट अलग अलग क्यों है। इनके भोजन पानी में भिन्नता क्यों है, तथा इस पृथ्वी पर पहला व्यक्ति, पशु व पक्षी कौन आया। जिनके कारण पृथ्वी पर मानव, पशु और पक्षी का विकास और विस्तार हुआ। इस पृथ्वी पर हर प्रकार के बनावट के लोग हैं। जैसे लूला, लंगड़ा, काना, अंधा, पागल, चालाक, मुर्ख व बुद्धिमान लेकिन एकसमान क्यों नहीं है। इन तमाम उलझनों व सवालों का जवाब विज्ञान ने बहुत ढूंढने की कोशिश की परंतु सफलता हाथ न लगी। सोचने वाली बात यह है कि इस पृथ्वी पर अमीर- गरीब दो वर्ग क्यों हैं। सबको अमीर होना चाहिए मेहनत तो सब करते हैं । वैसे तो धर्मग्रंथों जैसे वेद, शास्त्र , पुराण, बाइबल, कुरान आदि में लिखा गया है कि फ़लां भगवान , ईश्वर , अवतार लिए ।
चलिए इसको भी मान लेते हैं क्योंकि धर्मशास्त्रों , धर्मग्रंथों में समानता, एकता और अखंडता की बात की गई है तो समाज में हिंसा क्यों। यह एक अलग विचारधारा है मैं इसमे कोई हस्तक्षेप नहीं कर सकता। और आपलोग खुद समझदार हैं इसमे कोई शक नहीं। बस इतना सत्य है कि एक अलौकिक शक्ति है, जो इस ब्रह्मांड का संचालन कर रही है। लेकिन यह अलौकिक शक्ति अपना अस्तित्व बचाए रखने के लिए रहस्यमय जाल बिछायी हुई है। मैं इस दुनिया के तमाम मिथकों को नहीं मानता जो अपनी अपनी स्वार्थ सिद्ध करती हों। मैं उस ईश्वर को मानता हूँ जो अदृश्य है, जो कभी दिखाई नहीं देता। लेकिन इस पृथ्वी को अपने शक्ति से अडिग रखा है। मेरा एक सवाल है कि सभी जीव प्राणियों के शरीर में आत्मा निवास करती है, जो एक समय अवधि बाद उस शरीर को छोड़कर चली जाती है। क्या कभी किसी मनुष्य या जीव जन्तु ने अपने आत्मा को देखा है। नहीं न, तो हम उस परमात्मा को कैसे देख सकते हैं। जिसके हम बस एक छोटा सा अंश हैं। अगर धर्मग्रंथों में देखा जाए तो ईश्वर को इंसान के रूप में दर्शाया गया है, लेकिन इस पृथ्वी पर जानवर और पक्षी भी तो है। हैरान करने वाली बात यह है कि इंसान को पृथ्वी पर आने से पहले जानवर और पक्षी भी तो आए थे। उनमें से कौन भगवान थे। खैर छोड़िए बस इतना समझना है कि ईश्वर है तभी हम हैं इसको नकारा भी नहीं जा सकता और यह सत्य है और युगों युगों तक सत्य रहेगा आज विज्ञान आधुनिक हो गया है लेकिन ईश्वर के आगे बौना है।

- विशाल कुमार धुसिया