Me and my feelings - 73 in Hindi Poems by Darshita Babubhai Shah books and stories PDF | में और मेरे अहसास - 73

Featured Books
Categories
Share

में और मेरे अहसास - 73

परिश्रम को इबादत समज l

कामयाबी इनायत समज ll

 

कई तरह के इन्सां यहां l

क़ायनात हकीहत समज ll

 

जीस्त तंदुरुस्त रख सदा l

खुदा की सखावत समज ll

१-२-२०२३ 

 

जिंदगी में अपना किरदार निभा लो l

जीवन की बगिया खुशी से सजा लो ll

 

जाने पाला पल वापिस नहीं आता l

जिंदगानी में हर लम्हे का मजा लो ll

 

भरोसा रख बनाने वाले पर सखी l

सीने में जीने का जुनून जगा लो ll

१-२-२०२३ 

 

माता पिता

 

करो जतन माता पिता का तन मन धन से l

तुम्हें कुछ लायक बनाया तन मन धन से ll

 

नाझो प्यार और दुलार से परवरिश की l

तुजे शिक्षा देके सजाया तन मन धन से ll

 

जीने की सही राह और समझदारी देकर l

जग के क़ाबिल बनाया तन मन धन से ll

२-२-२०२३ 

 

होठों का गीत बन जाऊँ l

मनमोहिनी प्रीत बन जाऊँ ll

 

आँखों से जाम पीलाकर l

प्यारा मन मीत बन जाऊँ ll 

 

बेपनाह इश्क़े नदी बहाकर l

जीने की रीत बन जाऊँ ll 

 

मुहब्बत में गाये जानेवाले l 

गीत का संगीत बन जाऊँ ll

 

मधुर मिलन की रात में l

सखी मनमीत बन जाऊँ ll

२-२-२०२३ 

आज्ञाकारी संतान खुश रहते हैं l

बड़ो की बात चुपचाप सुनते हैं ll

३-२-२०२३ 

 

इश्क का अंजाम खुदा को सौंप दिया l

जुदाई के गम को मुस्कराते ढाँक दिया ll

 

बारहा यादें रुला न जाये इस लिये l

मन को काम के बोझ से लाद दिया ll

 

कई रसीले चुटकुले सुना सुनाकर आज l

दोस्तों ने उदासी हटाने को साथ दिया ll

 

आज हुश्न से मिलन के लिए झटपटाते l

जिद्दी दिल को बहलाकर रोक दिया ll

 

सखी मिलन की तड़प देखकर आखिर l

मुलाकात का वादा करके शाद दिया ll

३-२-२०२३ 

 

वक्त के साथ सहनशीलता आ जानी चाहिए l

बड़े गहरे ग़म की गोली खा जानी चाहिए ll

 

इश्क़ भी कमाल की चीज़ है l

दिल में धमाल की चीज़ है ll

 

याद न करने का वादा भी l

खुद से सवाल की चीज़ है ll

 

मुहब्बत का इजहार करना l

जग में बवाल की चीज़ है ll

 

कमबख्त सुकूं छीन गया l

बिगड़े हाल की चीज़ है ll

 

जुदाई का ख्याल अपनेआप l

चैन को हलाल की चीज़ है ll

४-२-२०२३ 

 

सपने हक़ीक़त बनते हैं l

दिल में चुपचाप पलते है ll

 

सुबह होते ही जगते है l

शाम के साथ ढलते है ll

 

प्यार के राही सदा ही l

साथ साथ चलते है ll

 

हाथों में हाथ थामे l

राहों में निकलते हैं ll

 

सपनो को मुकम्मल l

माँ बाप ही करते हैं ll

५-२-२०२३

 

ग़म और खुशी दो किनारे है l

जैसे बहती नदियाँ की धारे है ll

 

कुदरत का करिश्मा ही देख लो l

आज जगमगाते नजारें सारे है ll

 

दो किनारे की तरह कभी नहीं मिलेगे एसा मत सोचो l

अपनी चाहत के फूल कभी नहीं खिलेंगे एसा मत सोचो ll

 

गर खुदा ने चाहा तो प्यार के गुल खिल के जरूर रहेगे l

हम साथ साथ मिलके कभी नहीं जियेंगे एसा मत सोचो ll

६-२-२०२३ 

 

प्यास नयनों की बुझा दो सनम l

आश नयनों की मिटा दो सनम ll

  

सखी बेखौफ होके जानिसार l

जान और जहां लुटा दो सनम ll

 

दिल की दुनिया आबाद करने l

इश्क़ के आगे झुका दो सनम ll

 

बड़े सुने सुने दिन गूजर रहे हैं l

प्यार भरा गीत सुना दो सनम ll

 

मिलते रहे यूँही महफिलों मे और l

खुद के हाथो से सुरा दो सनम ll

७-२-२०२३

 

 

दिन रात होती है बातें प्यारी प्यारी l

सुकूं से कटती है रातें प्यारी प्यारी ll

 

मुलाक़ातों मे होती थी जो नोकझोंक l

जीनेको काफ़ी है यादें प्यारी प्यारी ll

 

गैरमौजूदगी से नाराज ना हो जाए l

दूर से आई है सौगातें प्यारी प्यारी ll

 

पहली ही नज़र में आशिक हो गये l

जा से प्यारी हैं आँखें प्यारी प्यारी ll

 

सखी दो पल की जुदाई न सह सकेंगे l

साँसों मे समाई है साँसे प्यारी प्यारी ll

८-२-२०२३

 

सितारों तुम मेरा साथ दो l

ग़ज़लों को मेरी आवाज़ दो ll

 

ब-जुज़ तेरे कोई भी नहीं है l

हो सके जी भर के प्यार दो ll

 

बारहा कई तन्हा गुजारी है l

मुकम्मल सी एक रात दो ll

 

याद में लिखे हुए गीत को l

सखी सुर में, तुम साज दो ll

९-२-२०२३ 

 

मेरी बेइंतिहा बेपनाह मुहब्बत का उसूल है l

हर पल हर लम्हा बस तुझे ही चाहते रहना ll

 

आईना ना देखा करो कहीं खुद की नज़र न लग जाए l

पर्दा में ही रहा करो कहीं खुद की नज़र न लग जाए ll

 

 

मालूम है वेलेन्टाइन के वक्त मिलना झूलना घूमना है l

इतना न मजा करो कहीं खुद की नज़र न लग जाए ll

१०-२-२०२३

 

ख़ुशी का यह मिलन बड़ा सुहाना है l

दो दिलों का मिलन बड़ा प्यारा है ll

 

यादों के गुलदस्ते से दिल बागबां है l

लम्हा दो लम्हा जीने का सहारा है ll

 

जिंदगी एक सी कहा गुजरती भला l

धूप छाँव भी कुदरत का इशारा है ll

 

जो मिला है खुदा की रहमत समझ l

नसीब वालो को मिलता किनारा है ll

 

जिदगी की बाज़ी जीतने के लिए l

सखी खुदा के आगे दामन पसारा है ll

११-२-२०२३

 

खुदा ही बाग़बान है l

लोग ही अंजान है ll

 

बात मेरी मान ले l

अपनों से शान है ll

 

माँ बाप की बदौलत l

जग में पहचान है ll

१२-२-२०२३ 

 

हसीं तसव्वुर सा लगता है ये मिलन l 

दिल खुशियों से भरता है ये मिलन ll

 

हुश्न और इश्क़ के मुहब्बत से भरे हुए l

लम्हो को सुहाना करता है ये मिलन ll

 

मुक़म्मल हो जाती रूह की प्यास तब l

प्यारी याद बनके रहता है ये मिलन ll

 

चाँद चकोरी जैसी प्रेम कहानी है कि l

प्यार के दुश्मन को चुभता है ये मिलन ll

 

ख़ुद से ही अनजानी हो गई हो सखी l

धड़कनों का साज सुनता है ये मिलन ll

१३-२-२०२३

 

हसीं तसव्वुर दिल से जाता नहीं l

और कोई दिल के पास आता नहीं ll

 

सच कहते हैं जब से चार नज़रे हुईं l

किसी और से नजर मिलाता नहीं ll

 

बेपनाह बेइंतहा मुहब्बत का असर है l

बहतरीन हुश्न दिल को लुभाता नहीं ll

 

खुदा और खुदा की बंदगी के अलावा l

किसी के भी आगे सर झुकाता नहीं ll

 

वफाओ की इन्तेहा देख लो क़सम है l

सखी कोई बात हुश्न से छुपाता नहीं ll 

१४-२-२०२३

 

जीस्त को मुक़द्दस से सरशार रखना चाहिए l

देख ने वाले को खुशमिजाज लगना चाहिए ll

 

जिसे साथ रहना है वो साथ निभाएगा ताउम्र l

जाने वालो के लिए ग़म नहीं करना चाहिए ll

 

मुहब्बत करने वाले यू बीच राह नहीं छोड़ते हैं l

सखी कुछ भी खो जाने से नहीं डरना चाहिए ll

 

सब्र कर हर सवेरा नई सुबह लेके आने वाला है l

बारहा दिल उम्मीदों से बार बार भरना चाहिए ll

 

कई बातें हैं जो जुबां से ब्यान नहीं होती है तो l

दिल की बात समज ने निगाहों को पढ़ना चाहिए ll

१४-२-२०२३