Pyar ek anokha rishta - 12 in Hindi Love Stories by RACHNA ROY books and stories PDF | प्यार का अनोखा रिश्ता - भाग १२

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प्यार का अनोखा रिश्ता - भाग १२

हिना एक हल्के नीले रंग का चिकनकारी की कुरती चुड़ीदार सलवार और एक सफेद मलमल का दुपट्टा लिया था।गीले बालों को खुला छोड़ रखा था और फिर सब एक साथ चाय पीने लगे और फिर मिनल ने कहा अरे हिना बेटा तुम्हारे बाल तो बहुत घुंघराले है इनको खुला छोड़ दो।
हिना एक हल्की सी मुस्कान लिए बोली कि अभी तो गीले है इसलिए वरना।
आभा ने कहा अरे संकोच मत कर हिना। अब तुझे तेरी जिंदगी जीना होगा पर हां आसान नहीं होगा सब।
कुछ देर बाद ही राजीव आ गया और फिर उसने कहा कि चलिए अब निकलना चाहिए।।
राज की नजर जब हिना पर गई तो वो ताज्जुब हुआ कि कितना शुकुन है हिना की आंखों में और फिर जब वो खुलें बालों में जब भी कालेज आ जाती थी तो मैं हमेशा टोकता था कि तुम खुलें बालों में यहां मत आया करो नज़र लग जाएगी।। सबको दिखाने की जरूरत क्या है सिर्फ मेरे लिए इन बालों को खोला करो।
आभा ने कहा कहां खो गए बेटा?
राज ने कहा अरे क्या हुआ चलें।
राज कुछ बिना बोले आगे निकल आया।

हिना समझ चुकी थी कि राज के दिल में क्या चल रहा है। इसलिए हिना ने अपने बालों को क्लच कर दिया।
मिनल ने कहा अरे बाबा अब हिना तुझे क्या हुआ?
हिना ने कहा कुछ भी नहीं।
फिर मासी ने कहा अरे बाबा क्या होता है आजकल के बच्चों का।
आभा ने कहा हां, कुछ समझ नहीं पाती हुं।
मिनल ने कहा जीजी मैं क्या कहती हुं अब राजीव को शादी कर लेनी चाहिए।
आभा ने कहा इस बात का रोना है!
वो तो तैयार नहीं है।
मिनल ने कहा अरे बाबा तुम मुझ पर भरोसा करो ।वो मेरी जेठानी है ना दिल्ली में उसकी बेटी है अमेरिका से वापस आ गई। दिल्ली में नौकरी करती है।
आभा ने कहा हां ठीक है बात करो।
तब तक राजीव गाड़ी लेकर आ गया।
हिना वहां बैठ कर सब कुछ सुन रही थी और फिर किसी तरह से खुद को सम्हाल लिया था उसने।
फिर सब जाकर गाड़ी में बैठ गए।
रमेश ने कहा तो आज कहां घुमाने जा रहे हैं।
राजीव ने कहा ऊटी से 67 किलोमीटर दूर मुदुमलाई वन्य प्राणी विहार है। वहीं पर हम1-2 दिन रुक जाएंगे।

रामदेव ने कहा अरे वाह वाह वाह क्या बात है।।
रमेश ने कहा बिल्कुल सही कहा।



, तो वन्य प्राणी विहार को देखना आपके लिए बहुत अच्छा अनुभव होगा। यहां बहुत से पेड़-पौधे और जीव-जंतु हैं। यहां इनकी दुर्लभ प्रजातियां हैं। यहां हाथी, बड़ी गिलहरियां, सांभर, चीतल, भौंकनेवाले हिरण और उड़नेवाली गिलहरियां तो यूं ही देखने को मिल जाती हैं। इस अभयारण्य में किस्म-किस्म के पक्षियों को भी देखा जा सकता है। इनमें रंगबिरंगे तोते, काले कठफोड़वे, गरुड़ आदि शामिल हैं।


काफी देर तक गाड़ी में बैठ कर बड़ी बोरिंग हो रहा है आभा ने कहा अब खाना खा ले।
राजीव ने कहा हां ठीक है कुछ अच्छा रेस्तरां देख कर रोक लेते हैं।

कुछ देर बाद ही एक अच्छा रेस्तरां देख कर रूक गए।
सब उतर आए और फिर सब फ्रेश होने चलें गए।
पर हिना वहां रूक गई जैसे उसे कुछ कहना था राज से ।।
राज भी रूक गया और फिर जब मुड़ा तो देखा कि हिना वहां नहीं थी।
राज ने कहा अरे एकाएक कहां चली गई?
फोन लगाने लगा पर बैग तो यहां रख छोड़ा है, इतना केयर लेस कैसे हो सकती है और फिर तभी हिना आ जाती है और उसके बैग को राज के हाथों में देख कर वो कहती हैं ये क्या??
और फिर राज गुस्से से हिना को कस कर पकड़ लेता है और फिर बोलता है कहां चली गई थी? इतना केयर लेस कैसे हो सकती हो तुम?फोन क्यों नहीं ले गई बोलो।
हिना राज को ऐसा देख डर जाती है और जब सबको आता देख कहती हैं अरे पापाजी आप लोग कहां थे?
बस इतना बोलना राज हिना के बाहों को जिसे कस कर पकड़ा था वो छोड़ कर बैग आगे बढ़ा देता है।
और वहां से चला जाता है।
आभा यह देख कर कहती हैं ये राज कहां गया?
हिना ने कहा मम्मी जी देवर जी वाश रूम गए और हमें वहां बैठने को कहा है।
चलो फिर सब जाकर बैठ गए।
पानी पीने लगे और फिर राज भी आ गया और फिर बोला मैंने पंजाबी थाली मंगवा लिया।
यहां और कुछ अच्छा नहीं था।
मिनल ने कहा पुतर एक बात बोलूं।
राज ने कहा हां ज़रूर।।
मिनल ने कहा देख अब तुझे शादी कर लेनी चाहिए।।
ये सुन कर राज के गले में पानी फस गया और वो खांसने लगा।
आभा उठकर उसके पीठ पर हाथ मलने लगी।
फिर आभा ने कहा देख राजीव अगर कोई पसंद कि है तो बता दो।
राज ने कहा ओह मां आप लोग यहां घुमने आए हैं कि शादी करवाने।।
रमेश ने कहा अरे बेटा शादी का एक उम्र होता है इसके बाद तो मन होगा नहीं।
रामदेव ने कहा हां और क्या?
मिनल ने कहा जब बात छिड़ गई है तो मेरी जेठानी याद है ना उसकी बेटी।।
राज ने कहा ओह मैं यहां से जा रहा हूं फिर।।

आभा ने कहा अच्छा ठीक है चलो खाना आ गया।
फिर सब जल्दी जल्दी खाना खाने लगे क्योंकि सबको भुख लगी थी।

फिर सब खाना खाने के बाद वहां से निकल गए।
राज ने कहा शाम तक पहुंच जाएंगे।।
फिर सब कुछ देर शान्त हो गए।।

राज ने कुछ चुनिंदा गाना चलाने को कहा।।।
तुम को भी है खबर मुझको भी है पता।।।।
ये एक नाकाम मोहब्बत की कहानी है।।
अलविदा ना कहना, कभी अलविदा ना कहना।।
गाना खत्म होते ही हिना की आंखों में आसूं आ गए।
आभा ने कहा अरे बेटा घर की याद आ गई?
हिना ने आंसु पोछते हुए कहा हां, मम्मी जी।।
मिनल ने कहा हां,जीजी हिना को कुछ दिनों के लिए घर जाने दो ना।
आभा ने कहा अरे हमने कहां रोक रखा है इसे, खुद नहीं जाना चाहती है।।

फिर कुछ देर बाद ही हम लोग पहुंच गए।
राजीव ने कहा कि आप लोग गाड़ी में ही रहो।
मैं अभी पता करके आता हूं।
कुछ देर बाद राजीव वापस आया और फिर बोला कि एक ही रूम मिला है कोई दिक्कत तो नहीं?
हिना की तरफ देखते हुए पुछा।।
रमेश ने कहा अरे बाबा क्या दिक्कत है दो दिन की बात है।
राजीव ने कहा हां, फिर आइए आप लोग,
फिर सामान बैंग सब सर्वेंट लेकर चले गए।
कुछ देर बाद सब रूम में पहुंच गए।
रामदेव ने कहा क्यों भाई सहाब कुछ याद आया?
रमेश ने कहा हां, याद है जब हम हनीमून पर सबको लेकर आएं थे।
हिना ने कहा अच्छा पापाजी फिर बहुत अच्छा लगा होगा सबको।।
रमेश ने कहा हां,पुरा परिवार और रिश्तेदारों को लेकर हम बहुत ही खुशी से हनीमून मनाए थे।
आभा ने कहा अरे आप भी ना, कुछ भी बोल रहे हैं।
फिर राजीव ने कहा हां,सब फ्रेश हो जाइए मै डिनर आॅ डर कर देता हूं।
फिर सब तैयार हो कर बैठ गए और बातें करने लगे।
कुछ देर बाद ही रूम में डिनर आ गया।
राजीव ने सबको प्लेट पर खाना परोस दिया।
पनीर कोफ्ते तो बस बहुत अच्छा है ये बात रामदेव ने कहा।
मिनल ने कहा हां,पर तिख्खा है।
हिना को भी राजीव ने प्लेट लगा कर आगे बढ़ा दिया।
फाईड राइस भी सर्व कर दिया।
आभा ने कहा बस कर कितना खिलाएगा मां को।
मिनल ने कहा अरे राजीव तूने हिना को लौकी का रायता तो नहीं दिया?
राजीव ने कहा अरे, नहीं उसे तो लौकी से एलर्जी है ना!
राजीव का इतना बोलना जैसे किसी भूकंप का आगाज हो।
आभा ने कहा अरे ऐसे कैसे हमें तो पता तुम को कैसे पता?
राजीव ने जल्दी से कहा अरे बाबा वो भाई ने एक बार कहा था।
हिना ने गुस्से से कहा अब ऐसा कुछ नहीं है हां मैं तो खाती हूं।
हिना राजीव को ग़लत साबित करते हुए रायते का बाउल उठाया और फिर अपने प्लेट पर डालने लगी।
राजीव ने कहा अरे क्या कर रही हो तुम?
हिना ने कहा हां,देवर जी मैं खा रही हुं आप भी खाना खा लिजिए।
हिना ने सिर्फ इसलिए ऐसा कि कोई राज़ को ग़लत ना समझे।
हिना आंख बंद करके रायता खाने लगीं।
राज भी खाना खाने लगा और फिर मन में सोचा कि हिना ये क्या बचपना है!
प्लीज़ ऐसा मत करो।
फिर सब खाना खाने के बाद सोने लगे।
राज ने बड़ा बेंड पर पापा, मां, और मिनल मासी को सोने को कहा।
पर मिनल ने कहा अरे मैं और हिना वो छोटे बेड पर सो जाती हुं।
तुम अपने मम्मी पापा के साथ सो जाओ। और उस बेड पर तुम्हारे मौसाजी।।
राज ने कहा ठीक है।
कुछ देर बाद ही हिना की तबीयत खराब ही होने लगी।
पर उसने कुछ भी नहीं कहा।।
राज सब कुछ समझ गया था इसलिए उसने एंटी एलर्जिक टेबलेट पानी में मिलाकर धीरे-धीरे जाकर हिना के सामने रख दिया।
हिना को गले में खराश लगने लगा तो वो पानी का गिलास लेकर पी गई। और पता भी नहीं चला कि राज ने उसमें दवा मिलाकर रखा था।
फिर हिना सो गई।
और फिर सब सो गए तो राज ने सबसे छुपाते हुए भगवान के सामने अपना हाथ जोड़कर प्रार्थना किया कि हिना को एक लम्बी आयु दें और उस स्वास्थ्य रखें।
फिर राजीव भी सो गया।
दूसरे दिन सुबह सब उठ गए और चाय की फरमाइशें करने लगे।
राजीव उठते ही हिना की तरफ देखा तो हिना सो ही रही थी और फिर वो उठ गई तो इधर उधर देखने लगीं।
राज ने अपनी नजरें हटा लिया।
हिना ने बहुत ही खुद को आश्चर्य से देखने लगी कि ये क्या हुआ मुझे कुछ हुआ ही नहीं ऐसा कैसे?
हिना अतीत में चली गई कालेज में प्रवक्ता दिवस था और सब खुब मजा कर रहे थे और फिर किसी ने जान कर हिना लौकी के कोफ्ते और रायता खिला दिया था और अगर उस दिन राज समय से हिना को अस्पताल न ले गया होता तो हिना‌ शायद जिन्दा नहीं रहती।
और तभी से तो दोस्तों में हिना और राज का नाम राहिना के नाम से दोनों बहुत ही फ्रेम्स हो गए थे।
फिर हिना बेटा चाय ले लो।।
हिना फिर लौट आई अपने वास्तविक जीवन में।
ओह मैं!
आभा ने कहा बेटा तबीयत ठीक नहीं है क्या?
हिना ने कहा हां ठीक हुं मैं।
चाय पीने लगी और फिर सोचने लगी ये कैसे हो सकता है मुझे कुछ हुआ नहीं।
फिर सब तैयार हो कर बाहर आने लगें।
हिना भी तैयार हो गई थी और फिर जैसे ही अपना बैग उठाने लगी तो देखा कि जमीन पर एक रैपर पड़ा था और फिर उसे उठा कर देखा तो वो समझ गई ये तो एंटी एलर्जिक टेबलेट है पर यहां तो सिर्फ मुझे।।
हिना को समझने में देर नहीं लगी कि ये सब राज ने किया है।
फिर हिना भी बाहर आ गई।
और वो कुछ बिना बोले ही खाने की टेबल पर बैठ गई।
राज ने सबको पुरी और आलु की सब्जी देने लगा।

सब खाने लगे और हिना भी खाने लगीं।
फिर सब एक एक करके हाथ धोने चले गए।
हिना ने राज की तरफ वो दवा का पैकेट दिखाते हुए कहा कि ये क्या हैं?
राज ने कहा मतलब!
हिना ने कहा आपको नहीं पता?
राज ने कहा सीरियस्ली !
हिना ने कहा ये दवा है।
राज ने कहा हां, मुझे भी दिख रहा है।
हिना ने कहा हां वो तो।
राज ने कहा मेरे पास फालतू के सवाल नहीं है हां।
राज उठकर चला जाता है।
हिना को गुस्सा आता है पर वो भी खुद को सम्हाल लेती है।

फिर सब गाड़ी में बैठ जाते हैं।
निकल पड़ते हैं।



अपनी तरह का पहला मुदुमलाई वन्यजीव अभयारण्य केरल-कर्नाटक सीमा पर स्थित है। 321 वर्ग किलोमीटर में फैले इस अभयारण्य के पास ही बांदीपुर राष्ट्रीय उद्यान है। इन दोनों उद्यानों को मोयार नदी अलग करती है। मैसूर और ऊटी को जोड़ने वाला राष्ट्रीय राजमार्ग इस उद्यान से होकर गुजरता है।

मुदुमलाई वन्यजीव अभयारण्य


मुदुमलाई में वन्यजीवों की अनेक प्रजातियां देखने को मिलती हैं जैसे लंगूर, बाघ, हाथी, गौर और उड़ने वाली गिलहरियां। इसके अलावा यहां अनेक प्रकार के पक्षी भी देखे जा सकते हैं जैसे मालाबार ट्रॉगन, ग्रे हॉर्नबिल, क्रेस्टिड हॉक ईगल, क्रेस्टिड सरपेंट ईगल आदि। फरवरी से जून के बीच का समय यहां आने के लिए सबसे अधिक उपयुक्त है। यहां पर वनस्पति और जन्तुओं की कुछ दुर्लभ प्रजातियां पाई जाती हैं और कई लुप्तप्राय:जानवरों भी यहां पाए जाते है। हाथी, सांभर, चीतल, हिरन आसानी से देखे जा सकते हैं। जानवरों के अलावा यहां रंगबिरंगे पक्षी भी उड़ते हुए दिखाई देते हैं। अभयारण्य में ही बना थेप्पाक्कडु हाथी कैंप बच्चों को बहुत लुभाता है।

वाह क्या नज़ारा है मजा आ गया।।
मन होता है यहां पर ही रह जाऊं।

राज ने हंसते हुए कहा हां ठीक है यह सब देख रहे हैं पर रात को यहां का नजारा कुछ और ही होगा।
रमेश ने कहा हां,डरा रहा है हमें?
फिर सब वहां पर गाड़ी में सवार होकर पुरा जंगल तक घुम कर आ गए।
हिना को बहुत डर लग रहा था।

क्रमशः
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