Pyari Duniya - 14 in Hindi Love Stories by Deeksha Vohra books and stories PDF | प्यारी दुनिया... - 14 - (कायरा का बड़ा भाई ....)

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प्यारी दुनिया... - 14 - (कायरा का बड़ा भाई ....)

एपिसोड 14 ( कायरा का बड़ा भाई .... )
अबीर क ये आभास हो रहा था की कोई न्य सांप उसके घर के आसपास है | ये सुगंध कुछ जानी पहचानी थी | पर अबीर को याद नहीं आ रहा था की ये कौन है | नागवंश के हर नाग के बारे में अबीर जनता था | पर ये कोई आम नाग नहीं था | इस नाग की सुगंध से ही अबीर ये जान चूका था | की हो न हो ये कोई बहुत ही शक्ति शाली नाग है | अबीर जल्दी से सीडियों से निचे उतरा जहाँ उसे कायरा ओर वीर दिखे | कायरा बहुत खुश नज़र आ रही थी | कायरा की ख़ुशी का तो कोई ठिकाना ही नहीं था | पर अबीर कुछ पूछ पाटा उससे पहले ही ... जो सुगंध अबीर को आ रही थी | वो ओर ज्यादा बढ़ गई | अबीर ने वीर की तरफ देखा | वीर भी जनता था की अबीर को भी शायद ये सुगंध आ रही होगी | तभी कायरा उछलते उछलते गिर गई |
कायरा : आह ... भाई | ( ओर रोने लगी )
अबीर कायरा के पास पहुंचता ... उससे पहले ही कायरा के पास कोई आया | जिसने कायरा को जमीन पर से उठाया | ओर उसके कपडे साफ़ करने लगा | जब कायरा ने महसूस किया की उसका भाई यहाँ है | तो वो जल्दी से खुश होते हुए बोली |
कायरा : ये ... आप आ गये |
ओर उसे कास कर कायरा ने गले लगा लिया | हॉल में कुछ अजीब फील हो रहा था | अबीर को समझ आ गया था | की हो न हो ये सुगंध इस बच्चे से ही आ रही है | जब वीर की नजर उस छोटे से बच्चे पर पड़ी | तो वीर हैरान रह गया | उसे भरोसा ही नहीं हो रहा था की ... ये ...
वीर : ये कैसे हो सकता है ?
वो बच्चा हुबहू अबीर की तरफ दीखता था | वाही आँखें | ओर वाही खतरनाक और | उस बच्चे को देख ऐसा लग रहा था ... मानो अबीर का छोटा वर्जन वहां खड़ा हो | वीर को समझते देर न लगी | की हो न हो ये अबीर का ही बेटा है | पर उसे याद नहीं था की कनिका का कोई बेटा भी है | उसे रिया से पुछा था | तो रिया ने तो वीर को किसी बच्चे के बारे में नहीं बताया | पर कायरा को उस बच्चे को भाई बोलता सुन .. वीर का शक यकीन में बदल गया | वो बच्चा दिखने में छोटा जरूर था | पर उसका और बहुत ही भयानक था |
जिससे वीर भी कांपने लगा था | कायरा उस बच्चे से अलग होते हुए बोली |
कायरा :: कायर्व भाई | मैंने आपको बहुत मिस किया |
कायर्व : ( हस्ते हुए ओर कायरा के आंसू पौंचते हुए बोले ) मैंने भी | तुम्हे कहीं चोट तो नहीं लगी न |
कायरा : नहीं भाई |
फिर कायर्व की नजर वहां खड़े वीर ओर अबीर पर पड़ी | जब कायर्व की नजरे अबीर से मिलीं | तो अबीर को ये समझते देर न लगी की कायर्व सारा सच जनता है | अब वहां का मुहाल बहुत ही अजीब हो गया था | कायर्व ने कायरा को वहां सोफे पर बिठाया | ओर उसका पैर देखने लगा | ओर प्यार से कायरा को डांटते हुए बोला |
कायर्व : मैंने कहा था न | की नगे पाव मत चलना | तुम्हे चोट लग सकती है |
कायरा : आपके होते हुए | भला मुझे कुछ हो सकता है ?
उन दोनों बच्चो को आपस में यूँ प्यार से बाते करता देख ... अबीर उनके पास आया | कायरा ने देखा की अबीर वहां आ गया है तो वो जल्दी से बोली |
कायरा : अरे ... भाई आप तो मेरे नए दोस्त से मिले ही नहीं |
कायर्व ने फिर से अबीर की तरफ देख ... मनो पूछ रहा हो ... की कायरा यहाँ क्या कर रही है | तो अबीर बोला |
अबीर : कायरा .. ये .. आप भाई है ?
कायरा : हाँ दोस्त | ये मेरे बड़े भाई हैं | आपको पता है | ये मुझसे पुरे 20 सेकंड बड़े हैं |
अबीर आगे कुछ बोल पाटा कायर्व बोल पड़ा |
कायर्व : कायरा .. तुम यहाँ क्या कर रही हो ? ओर ममा कहाँ हैं |
कायरा को मनो अब याद आया हो की वो यहाँ आई क्यूँ थी | ओर उसकी आँखें फिर से लाल हो गई | वो रोते हुए कायर्व से बोली |
कायरा : भाई ... ममा ... ममा घर नहीं आई | मैं उन्हें ढूढने आई हूँ |
ये बात सुन कायर्व ने अबीर की तरफ देखा ... मनो इशारों इशारों में पूछ रहा हो .. की क्या चल रहा है यहाँ |
अबीर : तुम्हारी माँ की तबियत ठीक नहीं थी | तो मैं उसे यहाँ ले आया | तभी उन्हें एक धीमी पर मीठी सी आवाज़ सुनाई दी | कनिका वहां आ चुकी थी | ओर कायर्व को देख उसकी भी आँखें लाल हो गईं थी | जो भी हो आखिर वो उसी का अंश था | कनिका अपनी रूवांसी सी आवाज़ में बोली |
कनिका : कायर्व ...
कायर्व ने जब कनिका की आवाज़ सुनी | तो जल्दी से कनिका के पास गया | ओर उसे कस कर गले लगा लिया |कायर्व को गले लगते ही ... कनिका फूट फूट कर रोने लगी | मनो कायर्व सब ठीक कर देगा | भले ही कायर्व 2 साल का था | पर वो कनिका ओर कायरा का बहुत अच्छे से ध्यान रखता था | कायर्व बहुत ही समझ दार था | कोई नहीं कह सकता था की वो सिर्फ 2 साल का है | कनिका अक्सर सोच में पद जाती थी | की कायर्व किस पर गया है | सुन्दर नैन्न्क्ष ... गहरी नीली आँखें .. ओर सबसे बड़ी बात ... कायर्व की बातें | कायर्व ऐसी बाते करता था मनो वो को ३० साल का आदमी हो | जिसे सब कुछ पता था | फिर कायर्व कनिका से अलग हुआ ओर उसके आंसू साफ़ करते हुए बोला |
कायर्व : कोई बात नहीं ममा | अब मैं आ गया न | मैं सब ठीक कर दूंगा |
कनिका को मानो कायर्व की बातों पर विशवास था | की वो सब ठीक कर देगा | उसने हाँ में अपनी गर्दन हिला दी | दोनों माँ बेटे को देख ... जहाँ कायरा इतनी खुश ... कनिका इतनी इमोशनल थी | वहीँ कनिका के पास खड़ी रिया | खड़े खड़े कांप रही थी | मानो उसकी मौत उसके साम्मने खड़ी हो | कायर्व को देख .. रिया कुछ सोच रही थी | जिससे वो अच्चानक से ज़ोर से बोली |
रिया : नहीं ...
सब ने एक साथ रिया की तरफ देखा ... जो कायर्व को देख रही थी | ओर जैसे ही कायर्व ओर रिया की नजरें मिलीं | रिया एक दम चुप हो गई | अबीर ओर वीर ने कुछ अजीब नोटिस किया | की दोनों कनिका ओर रिया | कुछ डरी हुई लग रहीं हैं |
आखिर कयूं दरी हुईं थीं कनिका ओर रिया ? जानने हैं इन सभी सवालों के जवाब तो बने रहिये मेरे साथ |