Virasat - 5 - Last part in Hindi Short Stories by Neelam Kulshreshtha books and stories PDF | विरासत - भाग 5 - अंतिम भाग

Featured Books
Categories
Share

विरासत - भाग 5 - अंतिम भाग

[अंतिम एपीसोड]

"मिशिका !प्लीज़ ! बात करो न। "

[ नीलम कुलश्रेष्ठ ]

बच्चों को तो मज़े आ गये छुट्टियों के लेकिन बीस पच्चीस दिन बाद समझ में आया कि ये छुट्टियां नहीं हैं, कैद है। बड़े लोग भी घर में बंद लैप टॉप खोले उन्हें अपने कमरों से भगाते रहते हैं, झिड़क देते हैं, "ऑफ़िस का काम करने दो। "

"आप ऑफ़िस क्यों नहीं जा रहे? "

"कोरोना फ़ैल रहा है तो कैसे जाएँ ? बॉस ने कहा है कि घर से ऑफ़िस काम करो। "

हर कमरे में भटकती, टीवी देख कर बोर हुई मिशिका बहुत ऊबी रहती थी,"मुझे सायकल चलाने नीचे जाना है -----हम लोग होटल कब जायेंगे ?-----हम लोग स्वीमिंग प्लूल [पूल] में नहाने कब जाएंगे ? "

" बताया तो था बाहर एक छोटा कीड़ा आ गया है किसे कोरोना वायरस कहते हैं। "

"छोटा है तो कट्टी कैसे करेगा ? "

कभी ज़िद करती " मुझे नव्या से मिलने जाना है। "

"कैसे अपनी फ़्रेंड से मिलने जाओगी कोरोना के कारण वह भी नीचे नहीं आती। "

मिशिका ने रास्ता ढूँढ़ ही लिया अपने से छ:महीने छोटी नव्या के पास इंटरकॉम से तो पहुँचा ही जा सकता है। बस वह एक घंटे,दो घंटे बाद उसका नंबर घुमा देती,"नव्या! तुम्हारे घर भी कोरोना आ गया है ?"

होने ये लगा कि कभी नव्या का भाई निलय, नव्या के मम्मी पापा, कभी दादा, कभी दादी फ़ोन उठाते तो मिशिका की आवाज़ सुनकर तुरंत फ़ोन काट देते।रात में फ़ोन मिलने पर कभी बहाना लगाते,"नव्या सो गई है। "

मिशिका कहाँ मानने वाली पंद्रह मिनट बाद फिर इंटरकॉम डायल करती. यदि नव्या रिसीवर उठा लेती तो अपने घरवालों की डाँट के डर से कह देती,"मैं कैसे बात करुं मैं सो गईं हूँ ?"

मिशिका पर सबकी डाँट का असर दिखाई देने लगा, वह फ़ोन कुछ कम करने लगी है।

नव्या के दादा दादी का वही हाल होता है, जो ऐसे समय में बहादुर बने मॉर्निंग वॉक पर जाते सीनियर सिटीजंस का होता है। वे अस्पताल पहुँच जाते हैं। कुछ दिन से फिर मिशिका बार बार बात इंटरकॉम पर बात करने लगी है । उसे डांटा जाता है,"तुमने फ़ोन करना फिर शुरू कर दिया ? उन लोगों की डाँट खाओगी। "

वह फ़ोन रखकर मासूमियत से कहती है,"नव्या की आंटी अब नहीं डांटती। "

"आंटी --ओ मतलब नव्या की मम्मी ?" इस बदलाव से सब अचरज में हैं किसी की बात समझ में नहीं आती।

मिशिका की मम्मी रहस्य खोलती है,"नव्या की मम्मी प्रज्ञा का मैसेज मिला था घर में अकेली है,उन्हें कोरोना हो गया है । अपने पति व बेटे को ननद के घर भेज दिया है। अपने लिये टिफ़िन लगा लिया है। "

"ऐसे कैसे बीमारी में सब उन्हें अकेले छोड़कर चले गये ?" बाकी लोग चुप हीं हैं,ये कोरोनाकाल कुछ भी करवा ले।

तभी इंटरकॉम की घंटी बज उठती है, उधर नव्या की मम्मी की आवाज़ है "मिशिका ! फ़ोन क्यों काट दिया ? मिशिका ! प्लीज़ ! बात करो न। "

---------------------------------------------------- 

नीलम कुलश्रेष्ठ

e--mail -------kneeli@rediffmail.com