Ekza the Story of Death - 13 in Hindi Thriller by ss ss books and stories PDF | एकजा द स्टोरी ऑफ डेथ - भाग 13

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एकजा द स्टोरी ऑफ डेथ - भाग 13


ये सुनके करन ने सबको बताते हुए कहा -

हिन्दू धर्म में गति और कर्म अनुसार मरने वाले लोगों का विभाजन किया है- भूत, प्रेत, पिशाच, कूष्मांडा, ब्रह्मराक्षस, वेताल और क्षेत्रपाल। इनमे भी और कई प्रकार होते है। आयुर्वेद के अनुसार 18 प्रकार के प्रेत होते हैं। भूत सबसे शुरुआती पद है या कहें कि जब कोई आम व्यक्ति मरता है तो सर्वप्रथम भूत ही बनता है।
इसी तरह जब कोई औरत मरती है तो उसे अलग नामों से जाना जाता है। माना गया है कि नवयुवती मरती है तो चुड़ैल बन जाती है मतलब जो शादीशुदा होती है और जब कोई कुंवारी कन्या मरती है तो उसे देवी कहते हैं। जो स्त्री बुरे कर्मों वाली है उसे डायन या डाकिनी करते हैं। ये सब भूत या प्रेत अपने पापों, व्याभिचार से, अकाल मृत्यु से या श्राद्ध न होने से बनते है।
प्रेत योनि में जाने वाले लोग अदृश्य और शक्तिशाली हो जाते हैं। सभी मरने वाले इसी योनि में नहीं जाते और सभी मरने वाले अदृश्य तो होते हैं, लेकिन बलवान नहीं होते। यह आत्मा के कर्म और गति पर निर्भर करता है। बहुत से भूत या प्रेत योनि में न जाकर पुन: गर्भधारण कर मानव बन जाते हैं।गरूड़ पुराण में भूत-प्रेतों के बारे में बताया गया है , वही श्रीमद्‍भागवत पुराण में भी धुंधकारी के प्रेत बन जाने के बारे में बताया गए है।
जब कोई स्त्री मरती है तो उसे अलग नामों से जाना जाता है। माना गया है कि प्रसूता स्त्री या नवयुवती मरती है तो चुड़ैल बन जाती है और जब कोई कुंआरी कन्या मरती है तो उसे देवी कहते हैं। जो स्त्री बुरे कर्मों वाली है उसे डायन या डाकिनी कहते हैं। ये सब अपने पापों, व्यभिचार, अकाल मृत्यु या श्राद्ध न होने से से बनती है। इस तरह से और भी कई तरह के भूत होते हैं । ये सुनके समीर ने कहा एक मिंट यार ये तो बता ये धुंधकारी कौन है ??
समीर का सवाल सुनके बाबा ने कहा - ये वो इंसान था जिसने सारे बुरे कर्म किये थे ,इसने अपने माता - पिता को सताया था और उन्हें मार पिट कर घर से बहार निकल दिया था। जिसकी वजह से उसकी माता ने आत्महत्या कर ली और उसका पिता वन में चला गया था। उनके जाने के बाद वो चोरी - डकैती और वैशियाओ के साथ रहता था और उन्ही वैश्याओ ने उसे जला कर मार दिया था। जिसकी वजह से वो एक प्रेत बन गया था।
इसपे समीर ने अच्छा !!! तभी करन बोला अब तू चुप हो जा बाकि मैं बाद में डिटेल्स में बता दुगा। तभी शिवाय ने कहा आप सबकी बाते सुनके के बाद तो ऐसा लगता है वो राजकुमारी अच्छी थी पर अगर वो अच्छी थी तो वो गांव वालो को मार कैसे सकती है।
इसपे बाबा ने शिवाय से कहा बेटा शायद उस श्राप की वजह से। ये सुनके शिवाय बोला लेकिन बाबा उस श्राप के बारे में हम पता कैसे की वो डायन है या चुड़ैल ।
तभी करन ने कहा हां ये हो सकता है की ये सब वो अपने श्राप की वजह से कर रही हो। फिर बाबा ने सबसे कहा जब तक हमे पता नहीं लगता ये सब क्या हो रहा है तब तक सबको सावधान रहना होगा। फिर बाबा ने कहा - सब अपने घर के कोने में एक नमक की पोटली बना कर रखना। और उसे हर हप्ते बदलना होगा। ये सुनके सबने हां में सर हिलाया और बाबा ने कहा और कोई भी घर से बहार ना जाये शाम के वक़्त। इसका ध्यान रखना।
इसके बाद सब वह से जाने लगे बाबा भी वह से जाने के लिए उठे तभी शिवाय ने बाबा को पीछे से पुकारा और कहा - बाबा रखिये। बाबा पीछे मुड़े और बोले क्या बात है बेटा !! इसपे शव्य ने कहा बाबा क्या आप मुझे वो किताब दिखा सकते है। इसपे बाबा ने कहा - हां क्यू नहीं। बेटा मेरे साथ चलो। शव्य ने फिर अपने दोस्तों से कहा तुम सब वापिस चलो मैं कुछ देर में आता हूँ।
ये देख कर करन ने कहा मैं भी चलता हूँ शिवाय तेरे साथ , तभी सावी ने कहा मैं भी चलती हूँ। ये सुनके रीया और समीर ने भी कहा - हम भी चलते है यार। इसपे शिवाय ने कहा नहीं तुम सब जाओ मैं आ जाउगा थोड़ी देर में। शिवाय के बार - बार बोलने पर सब मान गए। और वहा से जाने के लिए मुड़ गए। सावी जाने से पहले शिवाय को देखे जा रही थी। वही समीर ने बोला - करन क्या सच में ये भूत प्रेत होते है , इसपे रीया ने भी हां में हां मिलाते हुए कहा यार क्या सच में वो सबको मार देगी ?
इसपे करन ने कहा कुछ कह नहीं सकते। ये सुनके समीर और रीया घबराने लग गए वही सावी के चहरे पर कोई एक्सप्रेशन नहीं था। तभी रीया ने सावी से पूछा यार सावी तुझे डर नहीं लग रहा इस्पे सावी ने हस्ते हुए कहा हां लग रहा है ना मुझे डर इतना की मैं तुझे ही खा जाऊगी।
ये सुनके सारे जोर - जोर से हसने लगे। वही दूसरी तरफ शिवाय बाबा के साथ उनके घर की तरफ जाने लगा , रास्ते में जाते हुए शिवाय ने कहा बाबा क्या आपको कुछ और पता है उस राजकुमारी के बारे में ?
बाबा ने फिर कहा है बीटा एक और बात है। ये सुनके शिवाय ने हैरानी से बाबा से पूछा क्या। उस किताब में 2 तस्वीरें थी एक जिसमे राजकुमारी स्वर्ग की अप्सरा लग रही थी और एक फोटो जिसमे कुछ अजीब सा चित्र था लेकिन किताब पुरानी होने की वजह से वो तस्वीर ठीक से समझ पाना मुश्किल है। पर ये हैरानी की बात है की राजकुमारी कीतस्वीर अभी भी ऐसी लगती है जैसे किसी ने अभी बनायीं हो।
वैसे तो शिवाय और उसके दोस्त उस महल में जा चुके थे लेकिन उन्होंने वो महल अंदर से ठीक से देखा नहीं जिसकी वजह से उन्हें राजकुमारी की कोई तस्वीर नहीं दिखी और वो महल था भी इतना भव्य की एक दिन में कोई उसे पूरा देख ही नहीं सकता। शिवाय ने सोच अबकी बार उस महल को ठीक से देखना ही पड़ेगा। शिवाय मन ही मन ये सब सोच ही रहा था की बाबा ने कहा आ गया मेरा घर। क्या उस किताब में कुछ और मिलेगा शिवाय को? आखिर क्या हुआ आगे?
जानेगे आगे की कहानी में।
क्या महल का राज जान पाएंगे शिवाय और उसके दोस्त ?
जानने के लिए पढ़ते रहे -"एकजा "
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