लेखक - सोनाली रावत
घने जंगलों की ऊँची पहाड़ियों में बसा एक ऐसा छोटा सा देश जिसके बारे में सब अज्ञात है l वो देश कहलाता है तितलियों का देश, जहां अलग अलग तरह की तितलियां रहती हैं, सभी के रंग अलग अलग होते हैं l
कहने को तो इसे ये बहुत अच्छा देश है यहाँ सब एक दूसरे की मदद करते हैं, आज भी जब सारी तितलियाँ अपने - अपने काम को करने के लिए निकल गयी तब एक नन्ही तितली जिसे अभी तक अपना काम मालूम नहीं था, यहाँ वहाँ घूमने लगी, और सभी को काम करता देख रही थी, नन्ही तितली को घूमते देख तितली रानी वहां आई और उससे बोली, तुम क्या देख रही हो.... नन्ही तितली ने जवाब दिया, तितली रानी मुघे कब पता चलेगा कि मुझे क्या करना है...! देखो न सब कैसे सीधी पंक्ति में चल कर अपने - अपने फूलों से रस इक्कठा कर रहे हैं, मुझे भी फूल बहुत पसंद हैं लेकिन मैं उस नीले झरने की और जाऊँगी जहाँ इससे भी अद्धभूद बगीचे हैं लेकिन उसके लिए मुझे मेरे पंखों को और भी तेज़ उड़ान देनी होगी जिससे कि मैं जल्दी ही अपनी मंज़िल तक पहुँच सकूँ..
रानी तितली ये बात सुन मुस्कुरायी ..
और बोली अगर तुम ऐसा करना चाहती हो तो तुम्हें और अधिक ज्ञान की आवश्यकता पड़ेगी l
इतना कह तितली रानी अपने जादू की छड़ी घुमा कर नन्ही तितली को एक पुराणी किताब देती है जिसमे तितलियों के रहस्य और उनकी रहस्य्मयी कहानियों के बारे में सब लिखा होता है जिसे नन्ही तितली अपने घर ले जा कर पड़ती है, और पूरी किताब पढ़ने पर तितली रानी से रहस्य भरे झरने की दुनियां में जाने के लिए आज्ञा मांगती है, तितली रानी मुस्कराहट और आशीर्वाद के साथ नन्ही तितली को अलविदा करती है l
नन्ही तितली उड़ान भर कर उस नीले चमकदार झरने की और चल देती है जिसके अंदर एक नयी जादुई दुनियां है, उसने पड़ा था उस किताब में की उस दुनियां के अंदर ऐसे विलाक्षणिक और अद्भुद फूलों के बगीचे हैं, जो इस दुनियां की राजकुमारी फ़्लोरा की निगरानी में हैं जो कि फूलों के देश की राजकुमारी है l और बगीचों के बीचों बीच एक आलिशान पैलेस में रहती है, नन्ही परी राजकुमारी फ़्लोरा से मिलने के लिए बहुत उत्साहित थी, और उनसे फूलों के औषधिक उपचार के नुस्के और जादुई फूलों के उपयोग को सीखना चाहती थी l
ये सोचते हुए नन्ही तितली उस जादुई झरने के पास पहुंची जिससे नीली रौशनी का प्रकाश झरने के चमकदार पानी को और भी सुंदर रूप दे रहा था, झरने से फूलों की सुगन्धित लुभावमय महक आ रही थी जिसे सूंघ कर नन्ही तितली और इंतज़ार नहीं करना चाहती थी इसीलिए वह उस नीले झरने के पास गयी l जिस पर एक सफ़ेद रंग का पँख था जो बोल सकता था नन्ही तितली ने उससे आगे जाने की अनुमति मांगी और दूसरी दुनियां में प्रवेश किया l फ़्लोरा से मिलने और उससे ज्ञान लेकर नन्ही तितली वहा से एक नीले गुलाब का रस ले आयी l जिसमें पंखों में तेज उड़ान भरने और उनको नए पंखों में बदलने की शक्ति थी l