Ekza the Story of Death - 12 in Hindi Thriller by ss ss books and stories PDF | एकजा द स्टोरी ऑफ डेथ - 12

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एकजा द स्टोरी ऑफ डेथ - 12


सभी जब शांत हो गए तब बाबा ने आगे बताना शुरू किया। बाबा ने कहा जैसे मैंने तुम्हे बताया वो बहुत सुंदर थी और युद्ध भी करना जानती थी , लेकिन एक चीज थी जो सिर्फ राजकुमारी के पास थी और जिसकी वजह से उनका नाम एकजा रखा गया था।
ये सुनके शिवाय ने झट से पूछा क्या ? बाकि लोग भी इस सवाल का जवाब सुनने के लिए बेताब हो रहे थे।
तभी बाबा ने कहा - राजकुमारी की आँखे।
ये सुनके सब हैरान रह गए और धीरे से बोले आँखे। तभी रीया ने कहा आँखों में भला क्या अलग हो सकता है बाबा ?
बाबा ने कहा उनकी आँखे आम इंसान के आँखों जैसी बिल्कुल ही थी बल्कि बैंगनी रंग की थी।
ये सुनके रीया तपाक से बोल पड़ी बाबा शहर में कांटेक्ट लेंस मिलते आज कल हर कलर के जो लड़किया लगती है मेरे पास भी है , पहले भी ऐसा कुछ होता था क्या ?
रीया की ऎसी बात सुनके सब हसने लगे।
तभी बाबा ने कहा नहीं बेटा , उस राजकुमारी की आँखे असली में बैंगनी रंग की थी और ऐसे किसी आँखों वाले को किसी ने कभी नहीं देखा था । जिसकी वजह से सारे राज्यों में उनकी चर्चा थी। ये ही वजह थी जो उनका नाम एकजा रखा गया था , जिसका अर्थ ही केवल एक होता है ।
राजकुमारी किसी स्वर्ग लोक की देवी जैसी थी , मनो जैसे स्वयं रति सुंदरी हो वो।
राजकुमारी की सुंदरता देख के कोई भी मोहित हो जाता , यहाँ तक की औरते भी ।
फिर अचानक एक दिन कुछ हुआ जिसकी वजह से वो महल खंडर बन गया।
इसपे सबने बाबा से पूछा क्या हुआ था बाबा ??
बाबा ने जवाब देते हुए कहा मुझे सिर्फ इतना पता था , इसके आगे क्या हुआ मुझे भी नहीं पता।
ये सुनके सब कहने लगे , हमे अभी भी नहीं पता चला आखिर हुआ क्या था उस राजकुमारी के साथ।
तभी शिवाय ने बाबा से कहा - "बाबा क्या मैं आपसे कुछ पूछ सकता हूँ "
इसपे बाबा ने कहा - हां बेटा पूछो। क्या पूछना है तुम्हे ?
शिवाय ने फिर बाबा को देखते हुए कहा - बाबा आप इतना भी कैसे जानते हिअ उस महल के बारे में।
ये सुनके फिर से एक बार सब बाबा की तरफ सवालिया नज़रो से देखने लगे।
ये देख बाबा ने कहा - क्यूकी मेरे पूर्वज उस महल में काम करते थे। ये सुनके सब बाबा को हैरानी से देखने लगे।
बाबा ने अपनी बात आगे बताते हुए कहा - मेरे पूर्वज उस महल के लेखक थे और उन्होंने राजकुमारी को बचपन से देखा था ,क्यूकी वो एक लेखक थे तो उन्होंने एक किताब लिखी थी जिसमे उन्होंने राज महल का वर्णन किया है लेकिन उसमे उस श्राप के बारे में कुछ नहीं है।
शायद मेरे पूर्वज आगे नहीं लिख पाए और शायद उनकी मृत्यु हो गयी थी इसलिए वो आगे नहीं लिख पाए।
मुझे जितना पता था मैंने तुम सबको बता दिया। उस किताब में राजकुमारी की एक तस्वीर भी बनायीं गयी है , तभी मैं उनके बारे में आप सब को बता पाया।
तभी शिवाय ने एक और सवाल पूछा बाबा फिर क्या उस महल में उस राजकुमारी की आत्मा है ?
ये सुनके बाबा ने कहा हमे नहीं पता क्यूकी आज तक जो भी गया और जिसने देखा वो कुछ बताने के लिए बचा ही नहीं।
तभी एक गांव वाले ने कहा नहीं चुड़ैल है वो या डायन तभी तो मरने वाले का शरीर नीला पड़ जाता है। तभी दूसरे गांव वाले ने कहा लेकिन आज जिन दोनों की मौत हुई है उनके शरीर का रंग नीला तो था नहीं , ऊपर से इतनी बेदर्दी से मारा है दोनों को।
ये सुनके सबने हां में सर हिलाया और बाबा से बोले बाबा हमे क्या करना चाहिए अब तो औरते भी सुरक्षित नहीं है। और हमे ये भी नहीं वो क्या चीज है जिससे हम खुद को बचा सके। तभी सब कहने लगे पता नहीं किसने उस भूतिया महल को खोलने की गलती की और हम सब की जान भी खतरे में डाल दी।
तभी करन जो इतनी देर से सारी बाते सुन रहा था वो बोला - " उस औरत के साथ तो वो सब भी हुआ है तो ये किसी चुड़ैल या डायन का काम नहीं हो सकता। " ये कुछ और ही है।
ये सुनके सब करन की तरफ देखने लगे , तभी किसी ने पूछा तुम्हे कैसे पता ????
इसपे करन ने कहा मैं एक मैथोलॉजिस्ट हूँ और हिस्टोरियन भी तो मैंने बहुत सी किताबे पढ़ी है ।
ये सुनके एक गांव गांव वाले पूछा ये क्या होता है ???
ये सुनके करन के दोस्त हसने लगे और बोले करन चल अब अपने बारे में बता फिर भूत के बारे में बताइयो।
फिर करन ने गांव वालो को समझते हुए कहा - मैं एक पौराणिक विज्ञानी या यु कहे जो पुराणी चीजों और इतिहास के बारे में ढूढ़ते है , मैंने बहुत ये रिसर्च भी किये है। ये सुनके एक गांव वाले ने कहा अच्छा तो तुम पुरानी चीजे ढूंढते हो। ये सुनके सारे फिर से हसने लगे। तभी बूढ़े बाबा ने कहा वैसे तो तुम शहर से आये हो , तब भी इन सब में विश्वास रखते हो। इसपे करन ने कहा बाबा - हवा भी तो दिखाई नहीं देती तब भी हम कहते है ना हवा चल रही है क्यूकी हम उसे महसूस करते है। तभी करन ने अपने दोतो की तरफ देख के कहा बाबा वैसे भी जिसने देखा है वो मानता है , जिसने नहीं देखा वो भी बहुत जल्द मान जायेगे।
ये सुनके समीर ने कहा करन यार ऐसे डरा मत हमे। हम आगे से तेरा मजाक नहीं उड़ायेंगे। तभी शिवाय ने कहा अच्छा छोड़ ना करन ! तू कुछ बता रहा था बहुत के बारे में बता। इसपे बाबा ने भी कहा हां बेटा बताओ तुम्हे जो पता है क्या पता हम कोई हल निकाल पाए इस समस्या का। आखिर क्या हुआ आगे?
जानेगे आगे की कहानी में।
क्या महल का राज जान पाएंगे शिवाय और उसके दोस्त ?
जानने के लिए पढ़ते रहे -"एकजा→