Mahila Purusho me takraav kyo ? - 65 in Hindi Human Science by Captain Dharnidhar books and stories PDF | महिला पुरूषों मे टकराव क्यों ? - 65

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महिला पुरूषों मे टकराव क्यों ? - 65

दामिनी वह सब कला जानती है जिससे अभय को अपने अनुकूल बनाया जा सके । जैसे ही दामिनी को अभय ने कहा कि मुझे अब तो" तुम पर भी शक होने लगा है । कही तुम भी केतकी की तरह मुझे धोखा तो नहीं दे रही । केतकी जब मेरे साथ थी तो" ऐसा कभी लगा कि उसके दिल दिमाग में कोई खिचड़ी पक रही है ।
दामिनी ने अभय के मन की उद्विग्नता समझ ली' और उसके करीब जाकर प्रणय निवेदन करने लगी । दामिनी को हृदय के समीप देखकर उसका सुकोमल स्पर्श पाकर अभय जो कहना चाह रहा था उसे बीच में ही छोड़ दिया और दामिनी को अपलक निहारने लगा । अब दोनों निशब्द हो गये । अभय ने अपनी दामिनी को अपनी बलिष्ठ भुजाओं की नागपास मे आबद्ध कर लिया । वह प्रणय से पूर्व के आलिंगनोपचार करने लगा । दोनों ही अब अपनी प्रणय लीला के सरोवर में तैरने लगे, प्रणय सरोवर के उस छोर तक पहुंच ने के लिए दोनों प्रयासरत हैं किनारे पर पहुंच ने से पहले ही एक डोर वेल बजी ।
किन्तु अभय ने परवाह न करते हुए अपनी प्रणय नौका को किनारे तक लेजा कर ही दम लिया । उसके चेहरे पर श्रम बिन्दु साफ नजर आ रहे थे ।
अभय ने जाकर दरवाजा खोला और चाय लेकर आये वेटर से चाय बाहर से ही ले ली । चाय लेकर वेटर को थैंक्यू कह दिया । दामिनी और अभय अब बैठकर एक दूसरे को निहारते हुए चाय की चुस्की लेने लगे । दोनों ही के मन शान्त हैं और दोनो ही प्रसन्न नजर आ रहे हैं । चाय पीकर दामिनी फिर से फ्रेस होने चली जाती है । लग भग 15 मिनट के बाद दामिनी बाहर आती है और अभय से कहती है ...प्लीज अभय ! गुडिया का ध्यान रखना मुझे अभी पुलिस स्टेशन जाकर कॉल करना है । मै यहा पास के पुलिस स्टेशन पर जाकर आती हूँ । यह कॉल मोबाईल से नही कर सकती वही लेंड लाइन से ही करनी होगी । अभय ने कहा ठीक है तुम जाओ और अपना मोबाईल खुला रखना । दामिनी ने जाते हुए मुस्कुराकर सहमति दे दी ।
उधर केतकी अभय के जाने के बाद अपने पांव पटकते हुए रोती हुई घर के अंदर चली जाती है । उसने अपने काका डाक्टर साहब को पहले ही भेज दिया था ..अब वह घर में पूर्णतः अकेली रह गयी । अंदर घर के चोक मे इधर उधर टहलने लग जाती है । उसने अपने लैंडलाइन फोन से अपने पापा को फोन किया ... केतकी" फोन पर रोने लग जाती है .. पापा ! आप यहां आजाइए वर्ना मैं वहां चली आती हूँ... केतकी का पापा बोला ..अब क्या हो गया ? तू रो क्यो रही है ? केतकी ने कहा पापा ! अभय और दामिनी मुझसे मिलने आये थे ...सब गड़बड़ हो गया । प्लीज पापा ! आप यहां आजाइए । केतकी के पापा ने कहा ..ठीक है मैं अभी आता हूँ , तू इस तरह रो मत .. । केतकी की मम्मी ने कहा किसका फोन है ? तुम्हारी बेटी का है , वह कह रही है आप मेरे पास आजाओ वर्ना मैं वहां आजाऊंगी । केतकी की मम्मी ने कहा इधर ही बुला लो उसे । केतकी के पापा ने कहा ..अरी संतोष उसे यहां नहीं बुला सकता ..