Kahani Pyar ki - 70 - Last Part in Hindi Fiction Stories by Dr Mehta Mansi books and stories PDF | कहानी प्यार कि - 70 - अंतिम भाग

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कहानी प्यार कि - 70 - अंतिम भाग

अनिरुद्ध ब्लैक सूट में खुद को आईने में देख रहा था...
उसके चहेरे पर सुकून भरी मुसकुराहट थी....

तभी संजना ने आकर उसे पीछे से हग कर लिया...
" तुम आज बहुत हेंडसम लग रहे हो...."
संजना सिर्फ उसे आईने में देखे जा रही थी...

" संजू... ऐसे मत देखो मुझे...."

" पर क्यों ? तुमसे मेरी नजर ही नहीं हट रही.... " संजना मुंह बिगड़ती हुई बोली...

" अच्छा सुनो आज वहा पर बहुत सारी लड़कियां होंगी.. पर तुम किसी पर ध्यान नहीं दोगे .. सिर्फ मुझे ही देखोगे समझे...."

" हा बाबा.. और वैसे भी मेरी नजर तुमसे हटती ही कहा है..! तुम तो मेरे दिल में रहती हो " बोलकर अनिरुद्ध ने भी मुस्कुराते हुए संजना को अपने सीने से लगा लिया..

" संजू नायरा कहा है ? "

" नायरा मां के पास है...."

मां शब्द सुनते ही अनिरुद्ध हैरान रह गया...
संजना ने अनिरुद्ध की तरफ देखा जो कुछ सोच रहा था..

" क्या सोच रहे हो ? "

" क्या मोम भी यहां आई है ? "

यह सुनकर संजना मुस्कुराई... और ना में अपना सिर हिला दिया...
अनिरूद्ध को समझ नही आया वो बस संजू को सवालात भरी नजरो से देखने लगा...

" अनिरूद्ध में आंटी की बात कर रही थी.. पता नही क्यों पर मेरी जुबान से उनके लिए मां शब्द निकल गया.. पर अब लग रहा है की जैसे मैंने बिलकुल सही कहा.. "

" क्या ? में कुछ समझा नहीं..."

" देखो अनिरुद्ध.. अनुराधा आंटी और अखिल अंकल ने तुम्हे बचपन से पाला है.. तुम्हारे लिए वो सब किया है जो एक मोम डेड अपने बच्चे के लिए करते है.. और तुमने भी कहा था की अंकल आंटी तुम्हारे लिए अपने मोम डेड से बढ़कर है...? "

" हा संजू वो मेरे लिए बहुत खास है , मोम डेड के साथ में ज्यादा वक्त गुजार नही पाया था.. और जितना भी वक्त हमने साथ बिताया था उनमें से मुझे कुछ पल ही याद है क्योंकि तब में छोटा था पर अंकल आंटी इतने सालो से मेरे साथ है , मुझे सौरभ से भी बढ़कर प्यार देते है.. "

" आई एम सोरी अनिरुद्ध पर एक बात थी जो में तुमसे बहुत वक्त पहले कहना चाहती थी .. पर अखिल अंकल ने मुझे तुमसे कहने के लिए मना किया था पर अब में खुद को रोक नही पा रही हू.." बोलते बोलते संजना की आंखे भर आई..

" संजू क्या बात है ? तुम रो क्यों रही हो ? "

" एक दिन जब में अंकल को दवाई देने जा रही थी तभी मैंने अंकल और आंटी की बाते सुनी... वो तुम्हारे बारे में बाते कर रहे थे... "

" मेरे बारे में पर क्या ? "

" अंकल कह रहे थे की जब तुम्हारे पापा आखरी सांसे ले रहे थे तब उन्होने अंकल से कहा था की वो तुम्हे अपने बेटे की तरह संभाले , तुम्हे एक पिता का प्यार दे , तुम्हे कभी मां और पापा की कमी खलने ना दे पर जब तुम उन्हें अंकल बुलाते हो तब उन्हे लगता है की वो अपना वादा पूरा नहीं कर सके , वो तुम्हारे लिए कभी एक पिता नही बन सके.. और यही बात उन्हे परेशान करती थी , वो तरसते थे तुम्हारे मुंह से उनके लिए पापा शब्द सुनने के लिए..."

" पर अंकल ने मुझे तो ऐसा कुछ कहा नहीं..." अनिरूद्ध की आंखे नम हो चुकी थी...

" क्योंकि वो चाहते थे की तुम सामने से उन्हे पापा बुलाओ , ना की किसी के कहने पर.... क्या तुम्हे नही लगता की उनके लिए अंकल आंटी से ज्यादा पापा और मां शब्द सही रहेगा...?"

यह सुनकर अनिरुद्ध सिर्फ हा में अपना सिर हिला पाया..
" अनिरूद्ध रिश्ते सिर्फ खून से नही जुड़ते , बल्कि प्यार से जुड़ते है , दुनिया में ऐसे कई लोग है जिनके अपने माता, पिता और संतान नहीं होते पर वो प्यार से नए रिश्ते बनाते है , कई बार ऐसा होता है की कोई मां अपने सौतेले बेटे को अपनाती नही है , कोई बेटा अपने दुसरे पापा और दूसरी मां को अपनाते नही पर अंकल आंटी ने कभी हमे पराया नही समझा , अपने सगे बेटे और बेटी की तरह रखा है "

" संजू तुम सही कह रही हो , मुझे उनके दर्द के बारे में कभी पता ही नही चला ... और मैंने कभी इस बारे में सोचा भी नही .. थैंक यू संजू मुझे रियलाइज करवाने के लिए .. अब आज ही में अपनी गलती सुधारूंगा" अनिरूद्ध की आंखो में आंसू के साथ मुस्कान भी थी...

" अब चलो सेंटी मत हो ... और अब तुम बाहर जाओ मुझे तैयार होना है .. आज में एक बड़े बिजनेस मैन की वाइफ बनकर जाने वाली हु तो मुझे तैयार होने में भी वक्त लगेगा...." संजना ने एटीट्यूड के साथ कहा तो अनिरुद्ध हसने लगा...

" ठीक है पर प्लीज थोड़ा .. थोड़ा जल्दी करना ...डार्लिंग ..." कहते हुए अनिरुद्ध चला गया...

दूसरी तरफ भी कुछ यही हाल था..
किंजल अपने घर में बहुत देर से आईने के सामने तैयार हो रही थी और करन तैयार होकर मुंह बिगाड़े उसे ही घूर रहा था..

" किंजल कितनी देर ? ये तुम्हरा सजना संवरना कब खत्म होगा.."

" क्या तुम थोडी देर शांत नहीं बैठ सकते ? ऐसे मेरे सिर पर मंडराते रहोगे तो में तैयार कैसे होंगी..? " किंजल गुस्से से बोली..

" पर में आधे घण्टे से यहां खड़ा हु.. और तुम तो ऐसे रेडी हो रही हो जैसे तुम्हे वहा पर राष्ट्रपति सम्मानित करने वाले हो ! "

" बकवास मत करो करन... तुम्हारी वहा इतनी बड़ी इवेंट है ... तुम्हे इतना बड़ा प्रोजेक्ट मिलने वाला है .. और में वहा सिंपल दिखूंगी तो कैसा लगेगा ? आखिर में तुम्हारी गर्लफ्रेंड हु...और उस वीडियो वायरल होने के बाद अब सब को पता चल गया है "

" रुको रुको ये क्या पहन रही हो... वो इयरिंग्स अच्छी नहीं है वो दूसरी वाली तुम पर ज्यादा सूट होगी..."

यह सुनकर किंजल करन को घूरने लगी..

" आई एम सोरी.. " करन बोलकर चुप हो गया..

" अब कुछ मत बोलना करन .. आधे घंटे से तुम यही कह रहे हो .. ये नही वो पहनो , ये अच्छा नही लग रहा, वो अच्छा लगेगा .. क्या है ये ? मुझे अपनी तरह से तैयार होने दो.. समझे .. और तुम बाहर जाओ.. " किंजल गुस्सा होकर बोली... तो करन मुंह बिगड़कर बाहर चला गया...

उसके जाते ही किंजल मुस्कुराने लगी और करन ने जो कही थी वो इयरिंग्स पहन ली..

कुछ घण्टे में सब लोग तैयार होकर पंद्रह अगस्त की इवेंट के लिए निकल गए...
इवेंट में बहुत सारे लोग आए थे... स्पेशल गेस्ट के लिए अलग से बैठने की व्यवस्था की गई थी .. अनिरूद्ध , सौरभ और करन को स्टेज पर प्रधानमंत्री के साथ बैठना था...

कुछ वक्त के बाद इवेंट शुरू हुई , संजना , मीरा , किंजल , अंजली , मोहित , अखिल जी अनुराधा जी , मनीष चाचू, वैशाली और पुरा परिवार स्पेशल गेस्ट के रूप में स्टेज के साइड में बैठे हुए थे... नायरा संजू की गोद में सो रही थी...

पहले राष्ट्रगान और फिर डिफरेंट डिफरेंट एक्टिविटी हुई...

" तो अब में इनवाइट करना चाहता हु मि. अनिरूद्ध ओब्रॉय, मि. सौरभ मल्होत्रा, और मि. करन शर्मा..."
एंकर ने कहा ..

अनिरूद्ध , सौरभ, और करन खडे हुए और स्टेज पर आगे आए...
करन और सौरभ ने अनिरुद्ध को बोलने जाने के लिए इशारा किया...

तो अनिरुद्ध माइक के पास आया...और बोलना शुरू किया
" हेलो फ्रेंड्स... फर्स्ट ऑफ ऑल.. आप सभी को हैप्पी इंडिपेंडेंस डे... और में हमारे प्रधानमंत्री जी का शुक्रिया अदा करता हु की हमे इस स्टेज पर आने का मौका दिया... आज बहुत खास दिन है और इस दिन कुछ और भी बहुत खास होने वाला है...आज में इस मुकाम पर खड़ा हु तो वो सिर्फ मेरे परिवार की वजह से... तो सबसे पहले में अपने परिवार को शुक्रिया कहना चाहूंगा की उन्होंने हमेशा मेरा साथ दिया.. मां , पापा थैंक यू सो मच ... "
यह सुनते ही अखिल जी और अनुराधा जी हैरानी से अनिरुद्ध को देखने लगे...
" हा में आपको ही कह रहा हु ... मां और पापा..." अनिरूद्ध ने मुस्कुराते हुए अखिल जी और अनुराधा जी की और देखकर कहा..

" मेरे मोम और डेड जब में छोटा था तब ही गुजर गए थे, और तब से मेरे अखिल अंकल ने और अनुराधा आंटी ने ही मुझे पाला है ... पर आज किसीने मुझे रियलाइज करवाया की मेरे लिए मेरे अंकल आंटी ही मेरे मां और पापा है ... थैंक यू संजू..."
संजना यह सुनकर इमोशनल हो गई थी... अखिल जी और अनुराधा जी भी संजना की और देखने लगे उनकी आंखो में भी आंसू थे जो संजना को बहुत ज्यादा आशीर्वाद दे रहे थे...

" आज मैंने पहली बार अपने अंकल आंटी को मां और पापा बुलाया है ... हमारी सरनेम अलग है पर हमारे दिल एक है , हमारा एक दूसरे के लिए प्यार प्योर है... मेरे चाचू , मेरी वाइफ और सबसे जरूरी लास्ट बट नोट धी लिस्ट मेरे दोस्त.... " अनिरूद्ध ने सौरभ और करन की और देखते हुए कहा..

" मेरे दोस्त हर बार चाहे दुख हो या सुख मेरे साथ खड़े रहे है .. ये मेरी स्ट्रेंथ है , मेरी पावर है , मेरे जिगर के दो टुकड़े है .. तो मैंने सोचा की जब ये टुकड़े , ये स्ट्रेंथ ये पावर एक हो जाए तब क्या होगा..." अनिरूद्ध के मुंह से यह सुनते ही सभी पब्लिक में कानाफूसी शुरू होने लगी ... जिसकी आवाज अनिरुद्ध और बाकी सब को भी सुनाई दे रही थी..

" आप सब जो सोच रहे हो वो बिल्कुल सही है " अनिरूद्ध मुस्कुराता हुआ बोला...

" हम जब कॉलेज में थे तब हमने सपना देखा था की हम साथ में मिलकर बिज़नेस शुरू करेंगे... पर फिर सब अलग हो गए और ऐसा कुछ हो नही पाया पर आज फिर एक बार हम साथ है और हम चाहते है की हम तीनो मिलकर यह सपना पूरा करे...." अनिरूद्ध के यह बोलते ही एक जोरदार तालियों की गूंज उठी...

यह देखकर सब के चहरे पर मुसकुराहट आ गई..
" तो में अनिरुद्ध ओब्रॉय, करन शर्मा और सौरभ मल्होत्रा... आज से हमारी कंपनी को मर्ज कर रहे है ... " यह सुनकर फिर से जोरदार तालियों की आवाज सुनाई दी...

" करन , सौरभ .. आप यहां आ जाइए...." अनिरूद्ध के कहने पर करन और सौरभ अनिरुद्ध के पास आकर खड़े हो गए... अनिरुद्ध ने माइक करन को दे दिया..
" सो फाइनली आज हमारा ड्रीम पूरा हो रहा है ... आप देखिए की चाहे शर्मा इंडस्ट्री हो या , ओबरॉय वो आज सबसे सक्सेसफुल इंडस्ट्री में से है ... अब जब ये एक हो जायेगी तो ये कहा तक पहुंचेगी ... उसका अंदाजा लगाना भी मुश्किल है ... ! हम तीनो दोस्त इक्वली इस कंपनी के पार्टनर होंगे... तीनो ये कोशिश करेंगे की आप सभी को कभी निराश नहीं होने देंगे....आप सब हो तो हम है इसीलिए आप सभी को थैंक यू सो मच..." करन ने पूरे कॉन्फिडेंस के साथ कहा.. और चारो तरफ तालियों के साथ सीटी बजने लगी...

किंजल भी खुशी से करन के लिए तालिया बजा रही थी , और दूसरी तरफ करन के मम्मी और पापा टीवी पर करन को देखकर भावुक हो चुके थे... बाहर होने की वजह से वो करन की इस खुशी में शामिल नहीं हो पाए थे...

अब माइक सौरभ के हाथ में था...
" अब में क्या बोलूं... जो बोलना था वो तो इन दोनो ने ही बोल दिया..." सौरभ के इस मजाकिया अंदाज से सब हंसने लगे...

" जैसे की इन्होंने कहा की हम तीनो इस कम्पनी के इक्वली पार्टनर है तो इस कंपनी के नाम में भी हमारे नाम का इक्वली हिस्सा है ... हा और ये नाम हम तीनो आप को साथ में बताएंगे....
सौरभ ने माइक तीनो के बीच किया..

" तो हमारी इस नई कंपनी का नाम है " ए.के.एस फार्मा ग्रुप...."
तीनो साथ में बोले... और यह सुनकर सब खड़े होकर तालिया बजा रहे थे... प्रधानमंत्री भी खड़े हुए और तीनो के पास आकर उनको बधाई दी...

" अब इसका फूल फॉर्म आई थिंक मुझे बताने की जरुरत नही है आप सब लोग समझदार है , समझ ही गए होंगे... थैंक यू सो मच ...." सौरभ ने हंसते हुए कहा और फिर माइक अपनी जगह रख दिया..

प्रधानमंत्री जी ने गुलदस्ता देकर अनिरुद्ध , करन और सौरभ को कांग्रेक्यूलेट किया....

अब चारो और शांति थी और माइक हमारे देश के प्रधानमंत्री के पास था...
" तो आज हम लोग जिस वजह से यहां एकत्रित हुए है वो करने का समय आ चुका है... आज एक बहुत बडा प्रोजेक्ट हम लॉन्च करने वाले है और वो भी अभी अभी नए जुड़े " ए. के. एस फार्मा ग्रुप " के साथ... प्रोजेक्ट बहुत बड़ा है , और हमारे देश की युवापेढ़ी के हित के लिए है ... तो गवर्नमेंट और " ए. के. एस फार्मा ग्रुप " मिलकर एक बहुत बड़ी फार्मा इंस्टिट्यूट का निर्माण करने जा रहे है ... जिसमे ना की फार्मेसी से जुड़े कोर्सिस चलाए जाएंगे बल्कि साथ में एक बहुत बड़ा फार्मा रीसर्च सेंटर बनाया जायेगा ... उसके साथ ... एक बड़ी फार्मा इंडस्ट्री भी होगी ... जिसमे बनी सारी दवाइया आधे दाम में गवर्नमेंट के फार्मा स्टोर में उपलब्ध होंगी... और फार्मा इंस्टिट्यूट में सभी छात्र न्यूनतम फीस के साथ लेटेस्ट टेक्नोलॉजी से अभ्यास कर सकेंगे...." प्रधानमंत्री की बात सुनकर सब तरफ तालियों का शोर उठ चुका था.
..

" और और ... ए. के. एस फार्मा ग्रुप के सुझाव पर हम राज्य के सभी बड़े शहरों में एक उच्चतम स्पोर्ट्स एकेडमी की स्थापना करने जा रहे है... जहां पर कोई भी व्यक्ति , चाहे कोई बच्चा हो या कोई नौजवान या कोई बुजुर्ग अपने स्पोर्ट की सक्षमता को आगे बढ़ाने और उस लेवल को और भी ऊंचा बनाने , उसकी शिक्षा लेने के लिए फ्री में एडमिशन ले सकता है ... पर उनके लिए एक परीक्षा निर्धारित की गई है... जो भी व्यक्ति जिस भी क्षेत्र में आगे बढ़ना चहता है उसके लिए एक परीक्षा होगी.. अगर आप उसमे उत्तीर्ण होते हो तो आप उसमे फ्री में एडमिशन ले सकते है और वहा पर रहने खाने सब चीज की व्यवस्था होंगी... और आपको अलग अलग टूर्नामेंट में भी भेजा जायेगा ताकि आप को एक्सपीरियंस मिले...."

एक जोरदार तालियों की गूंज से प्रधानमंत्री ने अपनी बात पूरी की...
" में मि. अनिरुद्ध , मि. सौरभ और मि. करन से बिनती करता हु की वो यहां आए और इस प्रोजेक्ट का उद्घाटन मेरे साथ करे..." प्रधानमंत्री ने कहा और तीनो उनके पास आए...
प्रधानमंत्री के हाथ में प्रोजेक्ट की एक फाइल थी जिसमे उन्होंने साइन की और फिर एक एक करके अनिरुद्ध , करन और सौरभ ने साइन की...

सब लोग आज इस प्रोजेक्ट से बहुत खुश थे... इस दो प्रोजेक्ट से देश के युवानो को एक नया रास्ता मिलने वाला था जिससे वो अपने देश का नाम ऊंचा बनाने में देश के साथ जुड़ सकते थे... आज सभी न्यूज चैनल पर यही न्यूज चल रही थी सब ए. के. एस फार्मा ग्रुप और गवर्नमेंट की भर भर कर तारीफ कर रहे थे....

देश को जरूरत थी ऐसे प्रोजेक्ट की जो देश के अर्थ तंत्र को मजबूत बनाए और भारत देश का डंका पूरी दुनिया में बजाए....

( तीन साल बाद....)

" संजू.... कहा हो तुम....नायरा बेटा .... पापा बुला रहे है प्लीज आ जाओ बेटा...." अनिरूद्ध पूरे घर में संजना और नायरा को ढूंढ रहा था... पर वो उन्हें कही दिखाई नही दे रहे थे...

" मां क्या आपने संजू और नायरा को देखा ? " अनिरूद्ध ने अनुराधा जी के पास आकर कहा..

" नही बेटा मैंने भी सुबह से उनको नही देखा..."

" कहा चले गए..? " अनिरूद्ध परेशान होकर सोफे पर बैठ गया...

तभी किसीने पीछे से अनिरुद्ध की आंखे बंध करदी... वो छोटे छोटे हाथ अपनी आंखो पर महसूस करके अनिरुद्ध के चेहरे पर मुसकुराहट आ गई...

" पापा बताओ कौन है..? " नायरा ने हस्ते हुए कहा.. उसकी चुलबुली हसी और उसकी प्यारी प्यारी बाते अनिरुद्ध को और भी मुस्कुराने पर मजबूर कर गई...

" पापा की प्रिंसेस.....नायरा " बोलकर अनिरुद्ध ने पीछे मुड़कर नायरा को उठा लिया और उसे घुमाने लगा... और नायरा की हसी पूरे घर में गूंजने लगी...

" अच्छा बताओ मम्मा कहा है? "

" वो देखो...." नायरा ने उस तरफ़ उंगली की तो वहा पर संजना माथे पर टोपी पहरे हाथ में केक लेकर खड़ी थी साथ में सौरभ और मीरा , करन और किंजल , मोहित और अंजली , रागिनी जी , राजेश जी अनुराधा जी , अखिल जी , मनीष चाचू सब मौजूद थे...

" हैप्पी बर्थडे अनिरुद्ध...." सब साथ में बोले...

और अनिरुद्ध के चेहरे पर बड़ी सी मुसकुराहट आ गई .. वो कुछ देर के लिए सरप्राइज हो गया था क्योंकि उसे भी याद नहीं था की आज उसका जन्मदिन था...

" हैपी बर्थडे पापा " नायरा बोलते हुए अनिरुद्ध से लिपट गई..
" थैंक यू माय बच्चा..." अनिरूद्ध ने कहा और नायरा के सिर को चूम लिया...

सब अनिरुद्ध के पास आकर उसे बधाईयां देने लगे...

" हैपी बर्थडे हनी...." संजना ने धीरे से अनिरुद्ध के कान में कहा और हनी सुनकर अनिरूद्ध के चहेरा खुशी से फूल गया...

" थैंक यू सो मच मेरी जिन्दगी में आने के लिए और मुझे इतना सारा प्यार करने के लिए आई लव यू " बोलते हुए संजना अनिरुद्ध के सीने से लग गई...

" आई लव यू टू संजू..." अनिरूद्ध संजना के माथे पर हाथ फेरता हुआ बोला...

मनीष चाचू ने भी हस्ते हुए अनिरूद्ध को जन्मदिन की बधाई दी... पर अनिरुद्ध को मनीष चाचू कुछ उदास से लग रहे थे...
" चाचू में जानता हु आप वैशाली चाची को मिस कर रहे है .. आप उन्हें वापस क्यों नही बुला लाते? "

" नही अनिरुद्ध वो खुद हम सब को छोड़कर गई है.. उसे लगता है की वो हम सब से दूर रहकर अपने किए की सजा खुद को दे सकती है तो यही सही... " बोलते हुए मनीष चाचू एक जूठी मुसकुराहट के साथ वहा से चले गए..

कुछ देर बाद सब साथ बैठकर हसी मजाक कर रहे थे...

" तो करन और किंजल कैसा चल रहा है ? शादी के बाद तो तुम दोनो तीसरी बार हनीमून जाकर आ रहे हो...! " अनिरूद्ध ने मजाक करते हुए कहा...

यह सुनकर करन और किंजल दोनो शर्म के मारे लाल हो गए..

" ऐसा नहीं है यार बिजनेस ट्रिप थी तो सोचा साथ में घूमना भी हो जाए और क्वालिटी टाइम भी..." करन ने एक्सप्लेनेशन देते हुए कहा...

" ओहो... तो तो खुश खबर का इन्तजार करो ... आती ही होगी... शायद रास्ते पर ही होगी... क्यों किंजल..." संजना ने किंजल को मस्ती में कंधा मारते हुए कहा...

किंजल शर्म के मारे कुछ नही बोल पाई...

" इनके तो मजे है .. यहां ये मेम साहब तो हनीमून के बाद एक बार भी मेरे साथ अकेले घूमने नही गई .." सौरभ मीरा की और देखकर मुंह बिगाड़ता हुआ बोला...

" जूठ मत बोलो...अभी अभी तो मुंबई गए थे...." मीरा ने गुस्से से कहा..

" वो कोई घूमना था ? तुम्हारे वो दोस्त हमे अकेला ही कहा छोड़ रहे थे... ! "

" तो अब से में अकेले ही अपने दोस्तों के साथ चली जाऊंगी तुम मत आना ठीक है! "मीरा ने चिड़ते हुए कहा.. तो सब हसने लगे..

" देखा इसे मेरी जरा भी पड़ी नही... " सौरभ के कहते ही मीरा खड़ी होकर जाने लगी...

" अरे ! कहा जा रही हो ? मै तो मजाक कर रहा था... एक तुम ही तो हो जिसे मेरी पड़ी है..." सौरभ ने मीरा को रोकते हुए कहा..

तो मीरा आकर वापस बैठ गई...
" में तो वैट ही कर रही थी की तुम्हारी नौटंकी पूरी हो जाए ... में कोई तुमसे नाराज नही हु..." बोलकर मीरा हसने लगी...

" अरे मोहित आप तो कुछ बोलिए..." सौरभ ने मोहित की और देखकर कहा..

" मेरी तो अभी बहुत ज्यादा ड्यूटी बढ़ गई है... इस वक्त मेरा एक ही मकसद है अंजली का खयाल रखना... "
मोहित ने मुस्कराते हुए कहा..

" सच में मेरी प्रेगनेंसी का मुझसे ज्यादा ये खयाल रखता है... मुझे पता है ये बेस्ट डेड बनेगा..." अंजली ने प्यार से कहा...

" हम सब कितने अलग है ना ? हमारे नेचर अलग है , हमारी बाते अलग है , हमारे सोचने का तरीका अलग है हमारे स्वभाव अलग है पर हम सबकी एक बात एक है .. हमारा प्यार... हम सब की एक अनोखी प्यार की कहानी है.. , हम सब ने बड़ी मुस्किले और कई उतार चढ़ाव के बाद प्यार को पाया है ... अगर एक एक की कहानी को अलग अलग लिखने जाए तो सब के प्यार पर अलग अलग किताब बन जाए..." संजनाने कुछ सोचते हुए कहा..

" सही कहा संजू.. ये प्यार ही तो है जो हमारी लाइफ को इतना सुंदर बनाता है .. हमे जीने की वजह देता है , में तो चाहता हु की इस दुनिया में सभी को अपना प्यार मिले , जो जिंदगी के इस बाग को अपनी खुशबू से महका दे..."
अनिरूद्ध ने प्यार से संजना की और देखते हुऐ कहा...

" तो दोस्तो आज ये पार्टी हमारे प्यार के नाम हो जाए क्या बोलते हो...." सौरभ ने अपना कोल्डड्रिंक का ग्लास उठाते हुए कहा...

" हा... चियर्स...." सब एक साथ बोले और कोल्डड्रिंक पी गए...

" मम्मी पापा में भी में भी ...." नायरा ने पास आते हुए कहा...

" हा मेरी बच्ची आजा..." संजना ने उठाकर उसे अपने पास बैठा दिया और सब लोग नायरा की प्यारी प्यारी बातो को हंसते हुए , मस्ती करते हुए , खेलते हुए सुनने लगे....


😍🥰 " अंत "🥰😍

" थैंक यू सो मच दोस्तो मेरे साथ इस प्यार की कहानी के सफर में जुड़ने के लिए... आप सभी वाचकों को दिल से शुक्रिया 🙏😇❤️"