एपिसोड 12 ( माया राजीव को सज़ा ... )
शौर्य अब माया ओर राजीव से बदला लेना चाहता था | ओर उसमे शौर्य का साथ मेहक देने वाली थी | ऑफिस में जब शौर्य आपना कुछ काम कर रहा था ... तभी उसने एक नजर मेहक पर डाली | जो उसी के साथ वाले टेबल पर बैठ ... काम कर रही थी | तभी शौर्य को नमन का ध्यान आया | शौर्य को मेहक की चिंता हो रही थी | मेहक ने अभी तक शौर्य को ये भी नहीं बताया था की कल वो कहाँ थी | तो शौर्य ने मेहक से पुछा |
शौर्य : मेहक ...
मेहक : हाँ सर ...
शौर्य : तुम ठीक हो न ...?
अनजाने में ही दोनों की नजरें मिल गईं | ओर दोनों एक दुसरे को देखते ही रह गये | मेहक की ज्हील जैसी आँखों में शौर्य मनो डूब रहा हो | पर फिर खुद को सँभालते हुए शौर्य आगे बोला |
शौर्य : वो ... मेरे कहने का मतलब था .. की .... तुम ठीक हो न ....
शौर्य को शायद ये पता नहीं था .. अपर वो अब मेहक की फिकर करने लगा था | मेहक आगे कुछ बोल पाती ... उसे किसी का कॉल आया | शौर्य ने देख की मेहक के पास न्य फ़ोन था | अब शौर्य को मेहक की ओर चिंता हो रही थी | शौर्य ने ध्यान से मेहक की तरफ देखा | जो कुछ परेशान सी लग रही थी | शौर्य मेहक से बात करना चाहता था ... उससे पूछना चाहता था ... की क्या बात है | पर उसे समझ नहीं आ रहा था .. की वो कैसे पूछे | तभी शौर्य का फ़ोन बजने लगा ... मेन ऑफिस से कॉल था | तो शौर्य ने जल्दी से फ़ोन उठा लिया | शौर्य को पता लगा .... की माया ओर राजीव के खिलाफ कुछ सुबूत मिले है |
शौर्य अभी भी माया से प्यार करता था ... पर माया एक देशद्रोही थी | ओर शौर्य माया को ... जो उसने शौर्य के साथ किया ... उस के लिए माफ़ कर सकता था | पर जो माया ने देश के साथ धोखा किया | इस गुनाह के लिए माया को कभी भी माफ़ नहीं कर सकता था | अब शौर्य बिलकुल तैयार था |
आगले दिन ... माया ओर राजीव पुलिस कस्टडी में थे | माया को समझ ही नहीं आ रहा था ... की शौर्य ने इतनी जल्दी ये सब कैसे किया | माया को शौर्य के बारे में कुछ भी पता नहीं था | इसलिए उसे लगा की शायद मेहक ने उसकी मद्दत की होगी | माया को लगता था की ... मेहक शौर्य को पसंद करती है | तो ज़ाहिर सी बात है ... की उसी ने मद्दत की होगी | माया को मेहक के बारे में कुछ पता लगा था | की वो कोई आम इंसान नहीं थी |
फिर कुछ दिन बाद ... शौर्य माया से मिलने जेल गया | माया ने शौर्य से पुछा की ... ये सब तुमने कैसे किया ... तो शौर्य हस्ते हुए बोला | तुम मेरा प्यार थी माया | पर तुमने कभी मुझे जाना ही नहीं | याद है ... मैंने तुमसे कहा था .. की जो मैं हूँ ... वो मैं नहीं हूँ |
माया को अभी भी कुछ समझ नहीं आ रहा था | तो शौर्य आगे बोला |
तुम्हे क्या लगा ... की मैं कोई आम सा सीबीआई एजेंट हूँ | नहीं माया नहीं | तुम राजीव के साथ देश को बर्बाद करने में इतनी जुटी हुई थी | की तुमने कभी गौर ही नहीं किया ... की मैं क्या करता हूँ | कहाँ जाता हूँ | किन लोगों के साथ मेरा उठाना बैठने है | पर रहने दो ... अब मुझे तुम्हे कुछ बताना भी नहीं है | तुमने जो मेरे साथ किया ... मैं वो कभी भी नहीं भूल सकता हूँ |
तो माया गुस्से में बोली ... तुम्हे क्या लगता है शौर्य ... वो मेहक .. वो कोई आम इंसान है | नहीं ... तुम कभी नहीं जान पयोगे की ... वो कौन है |
ओर इसी तरफ माया का चैप्टर यहीं ख़तम होता है |
THE END …to be continued in next UC3