Unsolved Case - Season 2 - Part 9 in Hindi Detective stories by Deeksha Vohra books and stories PDF | Unsolved Case - Season 2 - Part 9

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Unsolved Case - Season 2 - Part 9

एपिसोड 9 ( माया की मौत का सच )
शौर्य अपने ऑफिस में लैटर पढ़ रहा था | उसमें माया की मौत के दिन जो हुआ ... वो सब बाते लिखीं थी | जिसे पढ़ कर ... शौर्य की आँखें लाल हो चुकी थी | उसे ऐसा लग रहा था | मनो 2 साल पहले की वो घटना .. फिर से ... वो सब सच में उसके सामने प्ले हो रही हो | पर लैटर के एंड में .... ये लिखा था ... की माया अभी जिंदा है | जानना चाहते हो ... की क्या हुआ था ... उस दिन हॉस्पिटल में तो चुपचाप इस पते पर आ जाओ |
इस वक्त शौर्य के दिमाग में सिर्फ यही चल रहा था .... की माया जिंदा कैसे हो सकती है | उसने तो खुद माया की बोडी को अग्नि दी थी | फिर ये कैसे हो सकता है | इन सब के बीच ... वो मेहक के बारे में भूल ही गया था | उसे नहीं पता था ... की आज उसकी ज़िन्दगी पूरी तरह बदलने वाली है |
जब शौर्य उस पते पर पहुंचा .... तो वहां उसे एक जानामान चेहरा दिखा | वो शक्स ओर कोई नहीं ... बल्कि राजीव ही था | वाही राजीव जिसे शौर्य ने दो साल पहले ही जेल की सलाखों के पिच्छे डलवाया था | वो वाही शक्स था ... जिसने शौर्य से उसका प्यार ... शौर्य की ज़िन्दगी | उसका परिवार | बीवी ... बच्चा | सब कुछ छीन लिया था | राजीव एक देश द्रोही था | उसने माया को पाने के लिए ... अपने ही देश से गद्दारी की थी | जिसका असर आज तक शौर्य की ज़िन्दगी पर था | शौर्य दो साल पहले का वो दिन कभी नहीं भूल सकता था |
शौर्य : ( गुस्से में राजीव से बोला ) तुम बहार कैसे आए ?
राजीव : ( हस्ते हुए ) हा हा हा हा .... ये तुम अगर न ही जानो ... तो बेहतर होगा ... शौर्य सर |
शौर्य : ये सब क्या चल रहा है राजीव | तुम तो जेल में थे न ? तुम जेल से भाग गये ?
राजीव : मुझे तुमसे आपना बदला लेना था | तो बस मैं आ गया | मैं वापिस आ गया | वो हासिल करने ... जो मेरा है |
शौर्य : क्या ... माया | राजीव शायद तुम भूल रहे हो | की तुम ही माया के कातिल हो |
राजीव : मैं | भला मैं अपने ही प्यार को कैसे मार सकता हु शौर्य |
शौर्य : प्यार ... कैसा प्यार ? मेरी माया को मुझसे दूर करके ... तुम बोल रहे हो | की तुम माया से प्यार करते हो | उसे जान से मरने के बाद | तुम ये बकवास कैसे कर सकते हो |
राजीव : हा हा हा हा | किसने कहा शौर्य | की माया मर चुकी है |
शौर्य : ये मजाक नहीं राजीव |
राजीव : हा हा ... तो मैंने कब बोला की मैं मजाक कर रहा हूँ | मैं भी तो सच ही बोल रहा हूँ न | माया जिंदा है शौर्य |
शौर्य : क्या बकवास है ये सब |
राजीव : मैं सच बोल रहा हूँ | जानना नहीं चाहते ... की क्या हुआ था दो साल पहले उस दिन | तो मैं बताता हूँ |
राजीव शौर्य को बताने लगा |
राजीव : माया ने डॉक्टर से कहकर खुद की मौत की साजिश रची |
ये बात सुन .. शौर्य मनो वहीँ फ्रीज़ हो गया हो | तो राजीव आगे हस्ते हुए बोला |
राजीव : हा हा हा हा ..., क्या हुआ | शॉक लगा ? अभी तो कुछ भी नहीं है ये | आगे कुछ ऐसी बातें भी है शौर्य ... जो तुम्हे नहीं पता | तुम्हे पता है | तुम्हारे बच्चे का कातिल कौन है ?
शौर्य : बहुत हो गया राजीव |
राजीव : हा हा हा हा .... अभी कहाँ शौर्य ... सर ... | हाँ तो मैं क्या कह रहा था | बच्चा | तो तुम्हारे बच्चे का कातिल मैं नहीं हूँ | तुम्हारे बच्चे को किसी ओर ने नहीं | बल्कि तुम्हारी बीवी ने ही मारा है |
ये बात सुन ... शौर्य को मनो सांस लेने में भी दिक्कत होने लगी थी | वो वहीँ जमीन पर बैठ गया | क्यूंकि शौर्य में ओर खड़े रहने की हिम्मत नहीं थी | राजीव शौर्य का मजाक उड़ाते हुए आगे बोला |
राजीव : शौर्य तुम्हे क्या लगता है | की माया तुमसे प्यार करती थी ?
शौर्य राजीव की तरफ अपनी लाल आँखों से देखने लगा | मनो पूछ रहा हो .. की क्या कहना चाहते हो ?
राजीव : माया तुमसे नहीं ... बल्कि मुझसे प्यार करती थी | तुमसे तो उसने शादी पैसों के लिए की थी | ओर पॉवर के लिए |
शौर्य को राजीव की बैटन पर भरोसा ही नहीं हो रहा था | राजीव वहीँ नहीं रुका ... वो आगे बोला |
राजीव : ओर तुम्हे क्या लगता है | वो कोई बेचारी ... गरीब ... ओर अनाथ लड़की है ? नहीं मेरे भाई | हा हा हा हा | नहीं | तुमने कभी माया को जाना ही नहीं | माया कौन्हाई ... कहाँ से आई है ? तुमसे पहले मिलने से पहले कहाँ थी ... क्या करती थी ? तुम कुछ नहीं जानते | ओर न ही तुमने जानने की कोई कोशिश की | मिलना चाहते हो ?
अब शौर्य का दिमाग पागल हो चूका था | उसे कुछ भी समझ नहीं आ रहा था | शौर्य .. राजीव की बैटन पर भरोसा नहीं करना चाहता था | पर ये बात भी सच है ... की शौर्य ने माया के पास्ट लाइफ के बारे मैं कुछ भी बिना जाने ही ... उसे अपनी ज़िन्दगी का हिस्सा बना दिया था | पर शौर्य क्या ही करता | वो माया से प्यार करता था | ओर माया भी तो उससे प्यार करती थी | पर जो राजीव कह रहा है | उससे शौर्य को खुद के प्यार पर शक होने लगा |
तभी शौर्य को किसी के आने की आहट आई | उसने अपना सर घुमा कर देखा ... की कौन है | तो शौर्य वहीँ बैठा बैठा जैम सा गया था | वहीँ आँखें | वहीँ चेहरे की चमक | ओर वाही स्माइल |
आखिर कौन था वो इंसान ?