KUCHH HADSE ZINDAGI KE - 2 in Hindi Biography by Harsh Parmar books and stories PDF | कुछ हादसे ज़िंदगी के - 2

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कुछ हादसे ज़िंदगी के - 2

अजय की ज़िंदगी में ऐसे तो बहुत हादसे हुए हैं लेकिन सब हादसे अजय बया नहीं कर सकता । जॉब पे करीब 10 साल हुए होंगे एक तरफ खेत में जो फसल होता है उसमे पानी डालने के लिए ट्यूबवेल ( पानी का बोर) होता है वो बनाने के लिए बहुत खर्चा लगता है करीब 8 लाख का खर्चा था । थोड़े पैसे अजय के पास और थोड़े अजय के भाई के पास करीब 3 लाख का तो इंतजाम हो गया था । दूसरे पैसे व्याज पे लाने पड़े थे फिर ट्यूबवेल (पानी का बोर) बोर बन गया । धीरे धीरे सब कुछ अच्छा चलता रहा फिर भाई और बहन की शादी हो गई उनके शादी का भी खर्चा बहुत हुआ । चार भाई को अपने अपने हिस्से का पैसा दे दिया जो लोगो को व्याज के साथ देना था.

अजय अपने कर्ज के साथ (1 लाख) फिर जॉब पे चला गया । जॉब पे जो सेलरी मिलती उसमें से अपने मम्मी के लिए दवाई अपने खाने का खर्चा रहने का खर्च। दूसरे जो पैसे बचते वो थोड़ा घर पे भेज देता तो थोड़ा जो कर्ज था उसको दे देता । ऐसे ही सिल सिला चलता रहा.


" मुस्किले तो बहुत आई जिंदगी के रास्ते में "
" पर अजय ने कभी हार नहीं मानी मुस्किलो से "



करीब जॉब पे 13 साल हो गए फिर कोरोना वायरस आ गया जॉब भी कुछ महीनो के लिए बंद हो गई । अजय वापस अपने घर (गांव) आ गया। फैमिली में बहुत लोगो को सर्दी खांसी हो गई थी । अजय की मम्मी की तो पहले से ही दवाई चल रही थी फिर उसपे ये सर्दी खांसी की बीमारी अजय बहुत परेशान हो गया था । फिर उसने अपनी मम्मी की घर पे ही दवाई दिलाई । एक पहचान वाला dr. था उसको कोल करता तो वो घर पे दवाई कर लेता । मम्मी बिलकुल ठीक हो गई । धीरे धीरे कुछ दिन ही हुए होंगे फिर अजय के पप्पा को तेजी से सर्दी खांसी लग गई उनको सांस लेने में बहुत प्रॉबलम हो रही थी । अजय और उनके भाई पप्पा को लेकर हॉस्पिटल गए dr. ने बोला उनको कॉरोना वायरस 80% हैं उनको एडमिट करना पड़ेगा । अजय ने बोला में अपने पप्पा को एडमिट नही कर सकता आप चाहो तो हमे दवाई दे दो जो कोरोना वायरस की आती हो । Dr. ने दवाई में पांच इंजेक्शन और कुछ दवाई दी बोला रोज एक इंजेक्शन और बोतल चढ़ाना पड़ेगा हमने बोला ठीक है हम लोग कर लेंगे। अपने पप्पा को लेकर अजय और उनके भाई वापस अपने घर आ गए.


जो पहचान वाला dr. था वो हर रोज इंजेक्शन और बोतल चढ़ाने आते रहते थे। अजय ने अपनी फेमिली के बाकी मेम्बर को बोल दिया की पप्पा के पास अब में रहूंगा आप कोई पास में ना आना । भाई के छोटे बच्चे थे उन सबको भी मना करना पड़ा था । अजय अपने पप्पा की देखभाल खुद करता उनको पानी पिलाना खाना खिलाना और टाइम पे दवाई देना । इसी बीच अजय की बुआ के लड़के और लड़की की शादी थी । शादी में सबको जाना था अजय का भी मन कर रहा था की शादी में चला जाऊ पर अजय ने अपने मन को मार दिया की में पप्पा को छोड़कर कैसे चला जा सकता हूं। बाकी लोगो को बोला की आप शादी में चले जाओ । बुआ का गांव ज्यादा दूर नहीं था करीब 16km होंगा। मम्मी भी रुक गई थी बाकी लोग शादी में चले गए । अजय के पप्पा धीरे धीरे ठीक हो गए थे । हॉस्पिटल जाकर रिपोर्ट करवाया तो फोरोना वायरस सिर्फ 2% ही रह गया था । अब अजय बहुत खुश था पप्पा को लेकर खुशी क्यू ना हो अजय को पप्पा को मौत के मुंह से बचाया है ।

अजय पपाया का जूस बनाता तो वो अपने पप्पा को पिलाता थोड़ा मम्मी को देता थोड़ा खुद पी लेता बहुत कड़वा होता पर सहत के लिए अच्छा रहता । अजय अपने पप्पा के पास बैठा था और भाई के छोटे बच्चे बहुत सोर ( धमाल) कर रहे थे एक दूसरे से मार पीट कर रहे थे । अजय उसको संभालने उनके घर गया था । घर थोड़ा छोटा था उसमे ऊपर का जो पंखा(हवा खाने का) होता है वो थोड़ा नीचे था । अजय जैसे ही घर के अंदर गया तो उसको पंखे का पंख जोर से सिर पर लग गया और पंखा चलता हुआ रुक गया । अजय को सिर में बहुत ज्यादा चोट लग गई थी बच्चे भी रोने लगे तो और चिल्लाते हुए बहार अपनी मम्मी को बोलने लगे की मम्मी अजय काका(अंकल) के सिर में बहुत खून निकल रहा है। सब लोग रोने लगे जैसे में मर ना गया हु वैसे। अजय ने बोला मुझे कुछ नही हुआ है बस थोड़ा सा खून निकल रहा है । ये तो ठीक हो जायेगा । अजय ने अपनी भाभी को बोला दिए को जलाते है वो (रू) (गुजराती में यही बोलते है) लाइए और (रू) को जलाकर मेरे सिर में लगाइए खून निकलना बंद हो जायेगा । अजय की भाभी ने वैसा ही किया खून निकलना धीरे धीरे बंद हो गया था। अजय को सिर और आंख के ऊपर के हिस्से में बहुत चोट आई थी । अच्छा हुआ आंख या गले में चोट ना लगी । फिर अजय अपने भाई के बाइक पे गांव के अस्पताल चला गया । Dr. बहार गए हुए थे कंपाउंडर था उसने घाव साफ किया और बोला की टांके लेने पड़ेंगे बहुत ज्यादा चोट लगी है । अजय ने कहा की टांके लेने की क्या जरूरत है दवाई देदो और मरहम पट्टी करलो। उसने मना किया की टांके लेने पड़ेंगे । अजय ने बोला फिर ठीक है टांके लेलो। कंपाउंडर ने बोला dr. बहार गए हुए है बहुत टाइम लगेगा आने में । अजय अपने भाई के साथ दूसरे गांव जो पास में पड़ता है वहा चला गया । वहा अजय को सिर में पांच टांके और एक टांका आंख के ऊपर के हिस्से में लगा अजय दवाई लेकर अपने भाई के साथ वापस अपने घर आ गया.


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