रात होने पर सभी अपने-अपने टेंट में चले गए थे। लगभग सभी सो चुके थे, परंतु मानव और कायरा की आंखों में नींद नहीं थी। दोनों अलग थे पर ख्यालों में वे दोनों एक साथ ही थे। दोनों एक-दूसरे के बारे में सोचते हुए गहरी नींद में चले गए थे। अगले दिन फिर सभी ने पहाड़ों की ओर जाने का तय किया। पहाड़ पर जाने के लिए सभी ने एक-एक बैग और कुछ सामान अपने साथ रख लिया था। सभी स्टूडेंट्स एक साथ ही पहाड़ी की ओर चल देते हैं। सभी स्टूडेंट्स के साथ मानव और कायरा भी थे। हालांकि दोनों कुछ आगे पीछे चल रहे थे, परंतु फिर भी एक-दूसरे पर नजर बनाए हुए थे। पहाड़ी पर पहुंचने के बाद सभी लोग पहाड़ी पर बिखर से गए थे। मानव अपने कैमरे के साथ प्राकृतिक नजारों को कैद करने में लगा हुआ था। वहीं कायरा भी पहाड़ पर इधर-उधर घूमते हुए प्रकृति को अपना दोस्त बनाने की कोशिश कर रही थी। कायरा एक पेड़ के नीचे खड़े होकर पहाड़ पर हवा को महसूस कर रही थी, तभी मानव उसके पास आ पहुंचा।
क्या मैं आपकी कुछ तस्वीरें निकाल सकता हूं ? मानव ने कायरा से पूछा।
जब पहले तस्वीरें ली थी, तब तो नहीं पूछा था, तो अब क्यों पूछ रहे हो ?
बस इसलिए ही पूछ रहा हूं।
पर यहां तो सभी लोग है, फिर वे बातें बनाएंगे।
किसी को पता भी नहीं चलेगा और मैं आपकी तस्वीरें भी निकाल लूंगा।
पर मुझे तो पता चलेगा ना ?
उस दिन भी आपको कहां पता चला था।
ठीक है, पर बाद में मुझे दिखाना जरूर। इस बार कायरा ने अनुमति देते हुए मानव से कहा।
आपकी तस्वीर है तो आपको तो दिखाना ही होगी। मानव ने भी कायरा की बात को आगे बढ़ाते हुए कहा।
इसके बाद मानव वहां से चला गया और कायरा ने एक बार फिर आंखे बंद कर बाहों को थोड़ा सा खोला, जैसे वो पहाड़ पर बहने वाली ठंडी हवा को अपनी बाहों में समेट लेने का प्रयास कर रही हो। मानव ने एक पल के लिए मूड़कर पीछे देखा और फिर उस दृश्य को अपने कैमरे में कैद कर लिया।
सभी स्टूडेंट्स उस पहाड़ी पर करीब तीन घंटे तक रहे। इस दौरान मानव ने करीब 100 से अधिक फोटो लिए थे, इनमें से आधे तो कायरा के थे। हालांकि कायरा को यह बात नहीं पता थी कि मानव उसके कितने फोटो ले चुका है। फिर सभी लोग अपने टेंट की ओर आ गए और फिर खाना खाने के बाद आराम करने लगे। मानव अपने टेंट में अपने कैद किए हुए फोटो को देख रहा था। वो हर फोटो में कायरा की खूबसूरती, उसकी सादगी और उसके हाव-भाव को देखकर रोमांचित हो रहा था। कायरा के हर फोटो पर उसकी नजर जाकर टिक जाती थी। ऐसा लगने लगा था कि अब उसे कायरा से प्यार हो गया है।
इधर कायरा अपने टेंट में लेटकर मानव के बारे में सोच रही थी। तभी उसे याद आया कि मानव के कैमरे में उसे फोटो देखना है। वह उठकर बाहर आई तो देखा वहां कोई नहीं था, सभी स्टूडेंट अपने टेंट में आराम कर रहे थे। वो धीरे-धीरे मानव के टेंट की ओर बढ़ गई। मानव टेंट के बाहर पहुंचकर उसने एक छोटा सा पत्थर उठाया और टेंट के अंदर फेंक दिया। अपने टेंट में पत्थर देखकर मानव चौंक कर बाहर आया तो कायरा उसके सामने खड़ी थी। मानव के चेहरे पर एक मुस्कान आ गई। कायरा ने मुस्कान का जवाब मुस्कुराकर दिया। फिर कहा-
अब दिखाओ मेरे फोटो।
दो मिनट मैं कैमरा लेकर आता हूं।
कायरा वहीं खड़ी रही और फिर मानव कैमरा लेकर बाहर आ गया। कायरा ने इधर-उधर देखा और मानव से कहा-
झरने की ओर ही चले। यहां सब है। कोई भी अचानक बाहर आ सकता है।
मानव ने कायरा की बात पर स्वीकृति दी और फिर दोनों उसी झरने की ओर चल दिए, जहां वे एक दिन पहले मिले थे। झरने के पास पहुंचकर कायरा ने मानव का कैमरा लिया और अपने फोटो देखने लगी। मानव ने कायरा के कई फोटो लिए थे। उन्हें देखते हुए कायरा ने मानव से कहा-
आपने तो कहा था कि कुछ फोटो ले सकता हूं ? आपने तो कई फोटो लिए हैं।
जी, वो दृश्य ही कुछ ऐसे बन रहे थे कि खुद को क्लिक करने से रोक ही नहीं पाया।
ये फोटो भी आप मुझे दे देना।
जी, बिल्कुल।
वैसे आप इन फोटो का अब क्या करेंगे।
अब तो कुछ सोचा नहीं है। वैसे आपका सजेशन भी अच्छा था या तो एक्जीबिशन लगाउंगा या फिर कहीं किसी अवार्ड के लिए भेजूंगा।
मैं अपने फोटो के बारे में बात कर रही हूं।
मैं भी उन्हीं फोटो के बारे में बात कर रहा हूं।
पर मेरे फोटो की एक्जीबिशन क्यों ?
वहीं तो उन फोटो की खूबसूरती है। इतना कहने के साथ ही मानव ने कायरा की आंखों में देखा।
मानव की इस बात को सुनकर कायरा कुछ शर्मा गई और उसने अपनी नजरें नीचे कर ली और फिर एक बहुत हल्की सी मुस्कान उसके होठों पर खिल उठी थी। कायरा अपने फोटो देखती जा रही थी और मानव कायरा के चेहरे को देखे जा रहा था। बीच-बीच में कायरा भी मानव को देख रही थी, जब भी कायरा मानव को देखती तो वो उसके चेहरे से अपनी नजर हटा लेता था। हालांकि कायरा को यह बात समझ आ गई थी कि मानव उसे ही देख रहा है।
कायरा उठी और फिर वो झरने के पास चली गई। हवा से झरने से उड़ने वाली पानी की बौछारों को अपने चेहरे पर महसूस करने लगी। मानव ने फिर कैमरे में यह तस्वीर कैद कर ली थी। इस बार कायरा का ध्यान बिल्कुल नहीं था। यह तस्वीर मानव की सबसे अच्छी तस्वीर होने वाली थी। कुछ देर वहीं रहने के बाद दोनों फिर से टेंट की ओर आ गए थे। अब तक कोई भी बाहर नहीं आया था। फिर दोनों अपने टेंट में चले गए थे। ये छोटी-छोटी मुलाकातें दोनों के दिलों को धीरे-धीरे करीब लाने का प्रयास कर रही थी। वे दोनों करीब भी आ रहे थे, परंतु वे दोनों ही एक-दूसरे से बहुत कम बात कर रहे थे। हालांकि वे जब भी अकेले होते थे तो दोनों एक-दूसरे के बारे में ही सोचने लग जाते थे। मतलब साफ था कि दोनों के ही दिल एक-दूसरे के हो जाने को मचल रहे थे।
चार दिन बाद ट्रीप खत्म हुई और फिर सभी कॉलेज में पहुंच गए थे। कॉलेज में रहकर भी यह दोनों पहले की तरह एक-दूसरे से अंजान थे। इस दौरान कॉलेज में प्रतियोगिताओं को लेकर अनाउंस हुआ। मानव और कायरा स्कूल टाइम में भी सभी प्रतियोगिताओं का हिस्सा हुआ करते थे, तो यहां भी उन्होंने प्रतियोगिताओं में हिस्सा लिया।