Unsolved Case - Season 2 - Part 6 in Hindi Detective stories by Deeksha Vohra books and stories PDF | Unsolved Case - Season 2 - Part 6

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Unsolved Case - Season 2 - Part 6

एपिसोड 6 ( सवाल ? )
मेहक नमन की बत्तमीजी से बहुत डर गई थी | इतना की जब शौर्य उसे जैकेट पहना रह था ... तो वो डर के मारे कांपने लगी | शौर्य को नमन पर बहुत गुस्सा आ रहा था | उसे पीछे मुड़ कर देखा ... तो वहां से नमन जा चूका था | वो मेहक से पूछना चाहता था ... की वो आदमी कौन था | पर उसकी हालत देख ... शौर्य ने सोचा की “बाद में पूछ लूँगा” कुछ देर बाद ... मेहक शौर्य के साथ उसकी कार में बैठी थी | शौर्य बार बार अपनी तिरछी नजरों से मेहक को देख रहा था | मेहक अभी भी कांप रही थी | शौर्य को समझ ही नहीं आ रहा था .. की वो मेहक को कैसे शांत करे | वो मेहक को अकेला नहीं छोड़ना चाहता था ... तो उसने मेहक को अपने घर ले जाना ही सही समझा | गाड़ी रुक्न के बाद ... शौर्य ने जब मेहक की तरफ देखा ... तो पाया की मेहक सो चुकी थी | उसने मेहक को अपनी गोद में उठाया ओर अपने अपार्टमेंट में ले गया | जब उसने मेहक को बेड पर लेटाया ओर वजन से जाने लगा ... तो मेहक ने उसका हाथ पकड़ लिया ... ओर नींद में बोली |
मेहक : ( कांपती आवाज़ में ) नहीं ... मुझे अकेला मत छोड़ो | वो ... वो राक्षश आ जायेगा |
मेहक को इतना डरा देख ... शौर्य ने उसके सर पर प्यार से हाथ फेरा ... ओर उससे बोला |
शौय : शांत हो जाओ | मेहक | मैं हूँ न | कोई नहीं आएगा |
तभी उसकी नजरें मेहक पर लगीं चोटों पर पड़ी | उन चोटों को देख .. शौर्य को समझ नहीं आ रहा था .. की वो जख्म नए है या पुराने | अब उसके दिल में बहुत से सवाल आ रहे थे | वो मेहक से पूछना चाहता था | पर फिर उसने अपने पड़ोसी की बीवी से कहकर ... मेहक के कपड़े बदलवा दिए | ओर बहार लौबी में जाकर सोफे पर बैठ गया | वो मन ही अमन ये सोच रहा था की “अगर आज वो टाइम पर मेहक के पास नहीं आता .. तो वो आदमी मेहक के साथ क्या करता” ये सोचते ही ... शौर्य जो पहले से ही बेचैन था | वो ओर हो गया | अब तो उसकी आँखों के सामने ... बार बार व्ही सीन आ रहगा था | उसके कानों में मेहक की चीखें अभी तक गूँज रही थीं | शौर्य को समझ ही नहीं आ रहा था ... की वो क्या फील कर रहा है | ओर क्यों | माया के जाने के बाद ... पहली बार वो किसी लड़की को अपने अपार्टमें लेकर आया था | शौर्य के दिल में अभी भी माया ही थी | पर शायद उसे ये पता नहीं था ... की शायद अब वहीँ पर थोड़ी सी जगह मेहक ने बना ली है | वहीँ बैठे बैठे शौर्य की कब आँख लग गई | उसे पता भी नहीं चला | कुछ दिन यौन ही बीत गए | मेहक रोज़ ऑफिस आती थी | पर वो पहले की तरह ... वो हसने कहले वाली मेहक नहीं रही थी |
शौर्य ने नोटिस किया था ... की अब मेहक अपने पास किसी को भी आने नहीं देती है |पहले जहाँ ,,,, शौर्य हर जगह अकेले जाने की बात करता था ... वहीँ अब शौर्य हर जगह मेहक को अपने साथ लेकर जाता था | सब लोग ये नोटिस कर रहे थे | की शौर्य अब धीरे धीरे बदलने लगा है | शौर्य मेहक को अकेला नहीं छोड़ता था |
अब शौर्य के सब्र का बांध टूट रहा था | ऑफिस में शौर्य ने मेहक से कहा |
शौर्य : चलो ...
मेहक : पर कहाँ ?
शौर्य : मुझे भूख लगी है | तो मेरे साथ चलो |
शौर्य बहुत सीरियस लग रहा था | तो मेहक ने बहस करना ठीक नही समझा |
ऐसे कौन से सवाल है ... जो शौर्य को इतनी बेचैन कर रहे थे ? क्या शौर्य के दिल में मेहक ने अपनी जगह बना ली थी ? ओर क्या मेहक नमन से अपना पीछा छुड़ा पायेगी ?