Mahila Purusho me takraav kyo ? - 61 in Hindi Human Science by Captain Dharnidhar books and stories PDF | महिला पुरूषों मे टकराव क्यों ? - 61

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महिला पुरूषों मे टकराव क्यों ? - 61

दामिनी और अभय इनकी उम्र अंडर थर्टी होगी इनके एक साल की गुडिया है । बद्री काका जिनकी उम्र 50 के लगभग होगी इनकी धर्म पत्नी भी 45 के लगभग होगी । बद्री काका की पत्नी को होटल मे छोड़ सभी टेक्सी से डॉक्टर साहब का घर के लिए रवाना हुए । 15 - 20 मिनट बाद डॉक्टर साहब के घर के बाहर पहुंच गये । दामिनी ने बद्री काका और अभय से कहा आप टेक्सी मे ही रहना मैं पता करके आती हूँ , डॉक्टर साहब हैं या नही । दामिनी ने बाहर लगी वेल को बजाया ... अंदर से एक युवती... हां जी कहिए ? ..जी डॉक्टर साहब हैं ? कौन डॉक्टर ? यहां कोई डॉक्टर नहीं है । अंदर से आवाज आई कौन है ? साहबजी कोई लड़की है , डॉक्टर साहब को पूछ रही है । उसे बाहर बैठने के लिए कहो ... युवती ने बाहर बरामदे मे लगी कुर्सी की ओर इशारा कर ..यहां बैठ जाओ ! दामिनी कुर्सी पर बैठ गयी । बरामदे मे लटक रही बेले, पीलर पर लगा काठ का सुन्दर घौसला..उसमे लगी दाना चुगने की प्लेट । चिड़ियों की चहचहाहट, उनका फुदकना बड़ा सुहाना लग रहा था । बाहर छोटा सा बगीचा ,बगीचे मे लगी हेज , छोटी छोटी हरी हरी घास देखकर लग रहा था डॉक्टर प्रकृति प्रेमी है । तभी दरवाजा खुला ..वही युवती पानी का जार लिए बाहर आई .. पक्षियों के लिए पानी डाला ..फिर बाहर लगे गमलो मे पानी डालने लगी .. फिर से द्वार खुला ..द्वार पर अधेड उम्र का आदमी कुर्ता पाजामा पहने .. दामिनी ने अपने दोनो हाथ जोड़कर नमस्कार किया ... आप ही डॉक्टर हैं ? हां हां कहिए क्या बात है ? मैं ही डॉक्टर हूँ । लेकिन सर.. युवती को देखकर .. वह कह रही थी यहां कोई डॉक्टर नही रहता .. वह सही कह रही थी , अब यहां डॉक्टर नही रहता, एक पिता रहता है । दामिनी ने कहा.. तो' क्या वह आपकी बेटी है ? नही वह यहां काम करती है । मेरी बेटी तो अंदर है ..
दामिनी ने उत्सुकता से कहा ...दरसल मै मुम्बई मे एक एंजिओ खोलना चाहती हूँ ...जिसके लिए पढी लिखी युवतियों की जरूरत होगी ।
डॉक्टर ने कहा आप तो मुझसे मिलने आई थी ? हां हां मै आपसे मिलने तो इसलिए आई थी ..मुझे चक्कर से आ रहे थे सोचा फस्टेड करवा लू फिर क्लीनिक पर दिखा दूंगी... डॉक्टर ने उस युवती से अपना मेडिकल किट लाने को कहा ... उस युवती ने अपना जार रखा और तुरंत मेडिकल किट ले आई ... डॉक्टर ने पहले दामिनी का ब्लडप्रेशर चेक किया ..फिर पल्स देखी .. आपने खाना बाहर का खाया होगा या फिर ट्रैवेल करने से ऐसा हुआ है ... आप ठीक हैं ..दामिनी मन ही मन मे ..अरे डॉक्टर मै तो फिट हूँ मुझे क्या हुआ है... डॉक्टर ने कहा आप कहां से आरही हो ? जी मै तो राजस्थान से आई थी । दिल्ली मुम्बई कलकत्ता चेन्नई मे एंजिओ की ब्रांच खोलनी है । महिला सशक्तिकरण के लिए । खासकर उन महिलाओ के लिए जो उत्पीड़न का शिकार होती हैं । गांवो से अधिक शहरो मे अपराध बढ रहे हैं । डॉक्टर ने कहा अच्छी बात है । दामिनी ने पूछा ? आपके सर एक बेटी है न ? वह कुछ मदद कर सकती है ... हां उसे अच्छा लगता है यह सब करना ...बाकि उससे बात करलो ..डोंट माइंड बेटा ..मै आपकी आईडी देख सकता हूँ .. दामिनी ने कहा क्यों नही .. दामिनी ने अपनी आईडी दिखाई.. डॉक्टर चौंककर..अरे आप तो पुलिस इंस्पेक्टर हैं ? आपको एंजिओ की जरूरत कैसे हो गयी ...सर ! पुलिस ही सारे काम नही कर सकती ..इसके लिए समाज को भी आगे लाना होगा ..फिर से द्वार खुला ...दामिनी ने दरवाजे पर केतकी को देखा ? और उसे न पहचान ने का भाव बनाया .. थोड़ी देर में वह युवती उसके पास आगयी और गुस्से से दामिनी को देखने लगी ... फिर बोली तुम मेरा पीछा नही छोड़ोगी यहां भी चली आई ... यह सब तुम्हारा किया कराया है । डॉक्टर की ओर देखकर बोली ..काका ! मैं इस लड़की को अच्छी तरह से जानती हूँ ...दामिनी खड़ी हो गयी और बोली तुम्हे यह सब करके क्या मिलता है ? दूसरों की जिंदगी से क्यों खेलती हो ? केतकी ने कहा तुम्हे अपनी झूंठन खिलाना चाहती थी । दामिनी बोली ..तुम्हें क्या मिला यह सब करके ?