कहानी को समझने के लिए पिछले भाग पढ़े भाग-6
शंकर ,,"सुन रहे हो विष्णु चुड़ैल ने पहली ही रात चार लोगों को अपना शिकार बना लिया है ,अब क्या विचार है इस बात में सच्चाई है या नहीं",
विष्णु ,"पता नहीं भाई 4 लोग मारे गए हैं तो सच्चाई ही होगी ",
शंकर ,"इसका मतलब वह चाय वाला कल्लू जो कह रहा था वह सच है वाकई में यह चुड़ैल 21 साल बाद जागती है",,
विष्णु,," पर यह बेवकूफ लोग वहां जाते ही क्यों हैं मरने के लिए "",
बराबर में बैठा शख्स ,,"पुलिस तो वहां किसी को नहीं जाने देती पर फिर भी लोग जंगल में प्रवेश कर जाते हैं उन्हें लगता है वह अपनी गरीबी दूर कर लेंगे ",
दूसरा शख्स," पर यह तो एक धोखा है उस चुड़ैल का, वह तो बस अपनी वर्षों की भूख प्यास मिटाना चाहती है और फिर लोगों को खा पीकर आराम से चैन की नींद सो जाती है",
शंकर और विष्णु भी उनकी बात में हां में हां मिला रहे थे।
कुछ घंटों बाद,,
शंकर और विष्णु इस वक्त कंपनी में इंटरव्यू देकर बाहर निकल रहे थे,, पर इन्हें अहसास हो गया था कि यहां इनका कुछ नहीं होने वाला है।
विष्णु चेहरे पर उदासी के भाव लाते हुए ,"लगता है आज का दिन भी बेकार जाएगा",
शंकर ,"चलो अभी दूसरी जगह भी जाना है क्या पता वाकई में गोपाल राम जी का आशीर्वाद काम पर जाए",
विष्णु," हां क्यों नहीं",,
और अभी दूसरी जगह इंटरव्यू देने निकल गए थे।
सूरज सिर पर चढ़ आया था और इस वक्त यह एक ऑफिस में बैठे हुए थे,, जहां पहले से ही कई लड़के इंटरव्यू देने आए हुए थे।
धीरे-धीरे समय बीता जा रहा था ,दोपहर शाम में तब्दील हो गई थी।
विष्णु ,,"अरे यार 5:30 बज गए हैं हमारा नंबर कब आएगा 6:00 बजे तो यह ऑफिस बंद हो जाएगा,",
शंकर ,"लगता नहीं है कि हमारा नंबर आने वाला है मैं तो कहता हूं चलो वापस चलते हैं",,
विष्णु ,"अरे यार आए हैं तो थोड़ी देर और इंतजार कर लेते हैं क्या पता इंटरव्यू ले ही ले,",,
अभी यह दोनों बातें कर ही रहे थे तभी ऑफिस में से एक लड़की निकल कर बाहर आई थी ,विष्णु और शंकर की नजर जैसे ही उस पर पड़ी थी ,वो उसे पहचान गये थे यह वही लड़की थी जो सुबह स्कूटी में इनके सामने से निकली थी।
लड़की,," अब आप सभी लोग जा सकते हैं जो रह गए हैं वह कल इंटरव्यू देने आ जाएं"",,
विष्णु कुछ बोलना तो नहीं चाहता था, पर अब वह बोल उठा था ,,"पर मैडम इतनी दूर हम दोबारा इंटरव्यू देने आएंगे पूरे 3 घंटे लगते हैं इतनी दूर आने में"",
लड़की अब इन दोनों को देखकर चेहरे पर थोड़ी सी मुस्कान ले आई थी और ,,"आज का काम खत्म हो चुका है आप लोग कल ही जाइएगा अब जाओ यहां से"",
शंकर ,"पर मैडम यहां पर तो लिखा है आफिस 6:00 बजे बंद होगा अभी भी 10-15 मिनट बचे हैं आप हम दोनों का इंटरव्यू ले सकते हैं"",,
लड़की ,"जी नहीं आज का काम खत्म ",और फिर एक तरफ बैठे ऑफिस बॉय से " इन सब को बाहर करो",,
ऑफिस बॉय अब वहां बचे कुचे आधा दर्जन लड़कों को बाहर जाने के लिए कहने लगा था।
वह लड़की शंकर और विष्णु को मुस्कुरा कर देखती है और वापस केबिन के अंदर चली जाती है।
शंकर और विष्णु एक दूसरे की तरफ देखते हैं और ना चाहते हुए भी मुस्कुरा कर रह जाते हैं।
शंकर,,"' चल भाई सुबह नाश्ते के बाद अभी तक कुछ नहीं खाया है पहले कुछ खा पी लेते हैं उसके बाद घर चलेंगे काफी लंबा सफर है",,
विष्णु ,"अगर यह लड़की आज हमारा इंटरव्यू करवा देती तो क्या दिक्कत थी, मुझे तो ऐसा लग रहा है इसने जानबूझकर हमें देख कर मना किया"',
शंकर ,,"अब जो भी है हम क्या कर सकते हैं शायद अंदर बैठा इसका बॉस अब आराम करना चाहता हो,",
अब यह दोनों बाहर आ गए थे और एक छोटे से खाने के स्टॉल पर आकर बैठ गए थे.
वहां भी कुछ लोग बैठे उसी जंगल वाली चुड़ैल की चर्चा कर रहे थे और इन दोनों को उनकी बातें सुनकर थोड़ा अजीब सा लगने लगा था.
विष्णु धीरे से ,"यार शंकर तुझे याद है सुबह उस साधु बाबा की बात उसने तुझे आशीर्वाद दे दिया था,,"""
शंकर मुस्कुराते हुए ,,"हां याद है ,,क्या कहा था उसने की हम चुड़ैल के सारे सवालों के जवाब दे देंगे"",,
विष्णु,," हमारे मकान मालिक की बात तो सच साबित हुई नहीं, हमें नौकरी मिली नहीं, तो अब क्यों ना उस बाबा की बात को ही आजमा लिया जाए,""''
शंकर यह बात सुनकर आंखों को बड़ी कर लेता है,"कैसी बात कर रहे हो भाई ,जंगल में जाने की तो सोचना भी मत जान है तो जहान है पैसा कमाने के दसों तरीके हैं"",,
विष्णु,," देख भाई हमारी जेब में अब ज्यादा पैसे भी नहीं है ,कुछ दिनों में यह भी खत्म हो जाएंगे तब क्या करेंगे फिर तो हमें किसी होटल में बर्तन ही मांजने पड़ेंगे ,उससे अच्छा है कि इस चुड़ैल के सवालों के जवाब देने हीं चल पड़े,''''
अब वहां बैठे शख्स ऊंची आवाज में बात करने लगे थे.
एक शख्स,," कल 4 लोगों को बड़ी बेदर्दी से मारा है बदन में खून की एक बूंद तक नहीं मिली पुलिस को उन चारों के,""'
दूसरा शख्स,," हां भाई पता नहीं कैसे बेवकूफ लोग हैं जो लालच में उस जंगल में चले जाते हैं",,
शंकर धीरे से,," सुना तूने कितनी खतरनाक है चुड़ैल अब अपने दिमाग से यह बात निकाल दे",,
विष्णु मुस्कुराते हुए,"" ठीक कह रहे हो भाई ,मैं तो बस उस बाबा की बात को सुनकर ऐसे ही मजाक कर रहा था तेरे साथ,, वैसे मैं सोच रहा हूं क्यों ना हम भी ऐसे ही खाने पीने का छोटा सा स्टाल खोल ले, काम भी होता रहेगा और नौकरी भी ढूंढते रहेंगे,,"''
शंकर ,,"आईडिया तो अच्छा है मैं भी यही सोच रहा था तो फिर आज रात इसी का प्लान करते हैं"",,
और फिर पैसे देकर यह दोनों आगे बढ़ गए थे, जहां से इन्हें अपने शहर की तरफ जाने वाली गाड़ी पकड़नी थी.
कुछ ही देर बाद यह गाड़ी में बैठ गए थे और गाड़ी अभी चलती ,तभी चार आदमी तेजी से भागते हुए उस गाड़ी में चढ़ गए थे ,,जिनके हाथ में रिवाल्वर नजर आ रही थी.
क्रमशः
कौन थे यह चारों आदमी,, क्या यह दोनों दोस्त निपट पाएंगे इन चारों से जानने के लिए बने रहे इस हॉरर के साथ