2
RULE...
मान लीजिए, आप किसी से मिलियन डॉलर उधार लेते हैं। इसके लिए 2 शर्तें हैं।
1. पहली शर्त कि आपको इसे एक दिन लौटाना है लेकिन तारीख तय नहीं है। यह आपको कल भी लौटना पड़ सकता है, या 6 महीने बाद, या फिर 10 साल बाद,.. मगर ये मिलियन डॉलर आपको एक दिन लौटाना ही पड़ेगा, इतना तय है.. कब लौटाना पड़ेगा ये आप नहीं तय कर सकते, ये अवधि मिलियन डॉलर देने वाला तय करेगा,.. इतना ही नहीं वो आपको आखिरी मिनिट तक नहीं बताएगा की अब डॉलर वापसी का वक्त आ गया.. मतलब की धन वापसी की अवधि धन प्रदाता की इच्छा पर निर्भर करती है आपकी इच्छा पर नहीं..
2. दूसरी शर्त यह है कि कुछ भी हो.. आप इसमें से सौ मिलियन कमाते हैं या सारा पैसा खो देते हैं, लेकिन उसे अपने मिलियन डॉलर ही वापस चाहिए.. ना ज्यादा ना कम.. यह एक मिलियन जो आपको प्रदान किया गया है, धन प्रदाता को बस उसी से मतलब है.. आपको बस उसी धन राशि को वापस करने की आवश्यकता है..
अब सोचिए ऐसी स्थिति में आप क्या करेंगे?
क्या आप उस धन का उपयोग करने की प्रक्रिया शुरू करने की कोशिश नहीं करेंगे ? और वो भी जितनी हो सके उतनी जल्दी ? ताकि जब वो दिन आ जाए जब आपको उस धन को वापस करना पड़े, आप इसे पूरी संतुष्टि के साथ और अपने चेहरे पर मुस्कान के साथ कर सकें ?
एक भी पल बर्बाद किए बिना काम पर लग जाने का ही एकमात्र स्मार्ट तरीका है। ऐसा इसलिए है क्योंकि मिलियन डॉलर पा कर भी हम समापन की तिथि नहीं जानते हैं।
अब इसे इस तरह रखें और इसके बारे में सोचें...
मिलियन डॉलर - आपका जीवन है जो आपको ईश्वर से मिला है।
आप एक (जीवन या इंसान के रूप में) कर्जदार हैं।
भगवान प्रदाता है, यानि की लेनदार,.. उन्होंने मिलियन डॉलर के रूप में जो जीवन आपको दिया हुआ है, उसे वो कभी भी आपसे वापस ले सकते है.. और वो भी बिना कोई नोटिस दिए...
आपकी डेथ आपकी समय सीमा है यानि की आपके जीवन को वापस देने की अवधि आपका जीवन काल है।
मृत्यु समापन तिथि है। और उस के बारे में आप कुछ नहीं जानते..
अब मुझे बताओ,
क्या आप अपने मिलियन डॉलर (अपने जीवन) को सर्वोत्तम संभव तरीके से उपयोग करने का प्रयास नहीं करेंगे ?
क्या आप हर पल सब से ज्यादा खुश होकर आनंद के साथ नहीं जिएंगे ? मुझे यकीन है की हम डटकर वैसी ही कोशिश करेंगे।
मेरा सवाल है की - तो फिर हम इसे अभी क्यों नहीं कर रहे हैं ? जहा तक मेरा ख्याल है हर लम्हा प्रफुल्लित हो कर जीने की बजाए हम ऐसे तनाव के साथ हर वक्त इसलिए जीते है क्योंकि हमें लगता है कि हमारे पास जीने के लिए बहुत लंबा जीवन है, और start thinking .. की .. खुश हो कर तो हम बाद में भी जी लेंगे.. & then,.. हमें ये आदत लग जाती है की हम अपने जीवन के हर सुनहरे अनुभव को स्थगित करते रहे..
कई बार हमने अपने वर्तमान के सुखद पल को खराब कर दिया है, क्योकि हम पास्ट में जीना शुरू कर देते है। अपने मिलियन डॉलर यानि की अपने सुनहरे जीवन को या फिर अपने मिलियन डॉलर के ब्याज को यानि की अच्छी यादो को इकट्ठा करने की बजाय, हम समय बर्बाद करते रहते हैं, और हमारा जीवन अंतिम तिथि तक पहुंच जाता है (जो की मृत्यु शैय्या है) और हमे पता तक नहीं चलता..
यदि इस तरह से हम अपना जीवन जीते हैं, तो मृत्युशय्या पर हमारे पास सिर्फ पछतावा ही बाकि रहे जाता है की हम अपने जीवन का सर्वोत्तम तरीके से उपयोग न कर पाए.. और तब समय हाथ से निकल गया होता है.. "जिंदगी सिर्फ एक ही बार मिलती है" इस बात को हम सही मायने में तब समज पाते है, पर उस वक्त हम कुछ भी नहीं कर पाते..
सच कहु तो - From today,... हमारे पास हर लम्हे का सर्वोत्तम उपयोग करने के अलावा और कोई विकल्प नहीं है...
Let's make a rule..
आज के बाद जिंदगी मेरी तरफ कुछ भी फेंकेंगी, में उस सब परिस्थिति का बहेतरीन उपयोग कर के उसे यादगार जीवन बनानेकी कोशिश करने से नहीं चुकूँगा / चुकुंगी... जिंदगी की हर चुनौती को अपनी और दुसरो की भलाई में बदल दूंगा / दूंगी...