Karma Yoga - 5 - Last Part in Hindi Spiritual Stories by PRAWIN books and stories PDF | कर्म योग - 5 - अंतिम भाग

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कर्म योग - 5 - अंतिम भाग

We Help Ourselves, Not The World

एक बार एक गरीब आदमी था जिसे बहुत धन दौलत पाने को इच्छा थी। कहीं से उसने सुन लिया की भूत को पकड़ लेना चाहिए। फिर वो उस भूत से बहुत सारा धन और जो भी चीज उसे पसंद है मांग सकता है।

इसलिए उसने एक साधु से मदद मांगी। साधु ने उसे इन बेकार की बातों पर ध्यान नहीं देने की सलाह दी और उसे वापस अपने घर जाने के लिए कहा। लेकिन वो आदमी जिद करने लगा। वो कहने लगा " बाबा मुजे सच में भूत की जरूरत है, प्लीज मेरी मदद कीजिए।

साधु नाराज हो गए, लेकिन फिर उन्होंने उसे एक ताबीज दिया और कहा " इस ताबीज को पकड़ कर ये जादुई मंत्र पढ़ना। तुम्हारे सानमे एक भूत आ जाएगा, वो तुम्हारी हर बात का पालन करेगा। लेकिन याद रखना, भूत खतरनाक होते है, उसे हमेशा किसी काम मे व्यस्त रखना। उसे कुछ ना कुछ काम देते रहना। अगर तुम फेल हुए तो भूत तुम्हारी जान ले लेगा। "

उस गरीब आदमी ने सोचा " ये तो बड़ा आसान है। मेरे पास उसे देने के लिए बहुत काम है। मैं फेल नहीं होने वाला। "

वो आदमी गहने जंगल के अंदर चला गया। उस ताबीज को पकड़ कर उसने जादुई मंत्र पढ़ा, और अचानक उसे हवा में तैरता हुआ एक विशाल भूत दिखाई दिया। भूत ने कहा " तुमने मुजे अपने जादू से पकड़ लिया है, अब तुम्हें मुजे काम मे व्यस्त रखना होगा नहीं तो में तुम्हारी जान ले लूँगा। "

गरीब आदमी ने कहा " मेरे लिए एक महल बनाओ " एक सेकेंड के अंदर वहाँ महल तैयार हो गया। भूत ने कहा "अब ?" आदमी ने कहा "मुज पर पैसों और गहनों की बारिश करो" पलक जपकते ही उस आदमी के चारों तरफ सोने, चांदी और हीरे जवाहरात का ढेर लग गया। भूत ने कहा " हो गया, अब ?"

" इस जंगल को जमीन पर ले आओ और इसके ऊपर एक शहर बनाओ ", कुछ ही पलों में उसके सामने पूरा शहर तैयार था। " हो गया, भूत ने कहा, क्या और भी कुछ बाकी है ?"

अब वो आदमी डर गया। वो भूत से और क्या मांगे उसे कुछ समज नहीं आ रहा था। तभी भूत बोला " मुजे करने के लिए कुछ काम दो नहीं तो में तुम्हें खा जाऊंगा। "

अब उस आदमी की हालत पतली हो गई, वो जितना तेज हो सकता था भागने लगा। तब तक नहीं रुका जब तक वो साधु नहीं मिल गए। "बाबा प्लीज मुजे बचाइए, मेरे पास भूत को देने के लिए अब कोई काम नहीं है भूत मुजे मार डालेगा।"

भूत भी वहाँ पहुँच गया, वो आदमी साधु के पीछे छूप गया। " में तुम्हें खा जाऊंगा " भूत बस यही कहता जा रहा था।

आखिर साधु ने आदमी से कहा, " ध्यान से सुनो, एक ऐसे कुत्ते की तलाश करो जिसकी पुंछ मे घुँघराले बाल हो और वो मुड़ी हुई हो। फिर उसकी पुंछ काट लेना और भूत से कहना की उसे सीधा करदे। "

उस आदमी ने बिलकुल वैसे ही किया। भूत ने बार बार कोशिश की लेकिन पुंछ वापस मुड़ जाती थी। कई दिन गुजर गए, लेकिन भूत उसे सीधा नहीं कर पाया।

अंत में भूत बुरी तरह थक गया। उसने कहा " मुजे आज तक किसी काम करने इतनी समस्या नहीं हुई। चलो में तुम्हारे साथ एक समजौता करता हूँ। अगर तुमने मुजे अभी आजाद कर दिया तो जितना भी पैसा मैने तुम्हें दिया है वो सब तुम रख सकते हो और में तुम्हें कभी नुकसान नहीं पहुंचाने का भी वादा करता हूँ। " इस डील से वो आदमी बहुत खुश हुआ और उसने भूत को जाने दिया।

जिस दुनिया में हम रहते है वो बिलकुल कुत्ते की पूँछ जैसी है, टेढ़ी । न जाने कितने महान लोगों ने इसे सीधा करने की कोशिश की है, लेकिन जब वो अपनी पकड़ ढीली कर देते है तो ये दुनिया फिर से पूँछ की तरह टेढ़ी हो जाती है।

इसलिए सबसे अच्छा यही रहेगा की इस दुनिया के पाप, बुरे कर्मों और गलतियों का असर खुद पर नहीं होने देना। आप उसे कंट्रोल नहीं कर सकते तो बस उसे रहने दीजिए। इसके बजाय उन चीजों पर ध्यान दीजिए जिन्हे आप कंट्रोल कर सकते है। अपने काम को और खुद को पहले से भी बेहतर बनाने पर ध्यान दीजिए।

प्यार करना, शांत रहना और सही का साथ देना जैसी आदतों को अपनाने की कोशिश कीजिए। जितना हो सके उतने ज्यादा लोगों की सेवा कीजिए। ये दुनिया तब भी टेढ़ी की टेढ़ी ही रहेगी लेकिन, खुद को सीधा करना भी एक बहुत महान कर्म है।

Conclusion from " Karma Yoga " Series.

इससे कोई फर्क नहीं पड़ता की आप कौन है या आप क्या करते है, आप भी महान बन सकते है। इसके लिए आपको साधु बनने की जरूरत नहीं है। आप घर परिवार वाले हो या मजदूरी करने वाले, आपको भी ज्ञान मिल सकता है। सबसे ज्यादा जरूरी ये है की आप पूरे दिल से और सच्ची भावना से सेवा करें। काम को काम समज कर करो, उसे बोज़ मत समजो। आपको इस बात का संतोष होगा की आपको दिए हुए रोल को आपने बखूब ही निभाया। जब आप बदलें मे कुछ पाने की इच्छा नहीं रखते सिर्फ तब आप सच्ची खुशी को महसूस कर पाएंगे। आपको शांति और सुकून का एहसास होगा, आप बिलकुल आजाद हो जाएंगे क्योंकि कर्म ही सच्ची पूजा है।


- Swami Vivekananda

Karma Yoga (CC. GIGL)


THANK YOU EVERYONE WHO HAS READ ALL THE CHAPTERS OF "KARMA YOGA". I HAD READ KARMA YOGA 1 YEAR AGO ON THE INTERNET. AFTER ONE OF MY CLOSEST FRIEND'S RECOMMENDATION I DOWNLOADED MATRUBHARTI APP. KARMA YOGA IS A SUMMARY OF SPEACHES GIVEN BY SWAMI VIVEKANANDA AT UNITED STATES AND EUROPE. SWAMI VIVEKANANDA WAS FIRST TO PREACH VEDANTA AND YOGA TO THE MODERN WORLD. I HOPE YOU GUYS HAVE LEARNED ATLEAST ONE LESSON ABOUT LIFE. DO LET ME KNOW IN THE REVIEW SECTION, I'LL BE MORE THAN HAPPY TO READ ALL YOUR COMMENTS. DM ME OR WRITE ON REVIEW SECTION IF YOU HAVE ANY SUGGESTION FOR ME & DON'T FORGET TO RATE THIS PART OF KARMA YOGA.


THIS IS PRAVIN RATHOD. जल्द ही आपसे दोबारा मिलूंगा एक नई समरी के साथ। तब तक खुश रहिए, मुस्कुराते रहिए और लर्निंग को अपनी लाइफ में इंप्लीमेंट करते रहिए।