Shesh Jeevan (Stories Part 29) in Hindi Moral Stories by Kishanlal Sharma books and stories PDF | शेष जीवन (कहानियां पार्ट 29)

Featured Books
  • चाळीतले दिवस - भाग 6

    चाळीतले दिवस भाग 6   पुण्यात शिकायला येण्यापूर्वी गावाकडून म...

  • रहस्य - 2

    सकाळ होताच हरी त्याच्या सासू च्या घरी निघून गेला सोनू कडे, न...

  • नियती - भाग 27

    भाग 27️मोहित म्हणाला..."पण मालक....."त्याला बोलण्याच्या अगोद...

  • बॅडकमांड

    बॅड कमाण्ड

    कमांड-डॉसमध्ये काम करताना गोपूची नजर फिरून फिरून...

  • मुक्त व्हायचंय मला - भाग ११

    मुक्त व्हायचंय मला भाग ११वामागील भागावरून पुढे…मालतीचं बोलणं...

Categories
Share

शेष जीवन (कहानियां पार्ट 29)

सायरा अपना कप उठाते हुए बोली,"आजकल तुम कहाँ हो?"
"तीस साल पहले पोर्ट ब्लेयर गया था।वही हूँ।"
"तो क्या इधर आने का इरादा नही है?"
"नही सायरा।अब तो मै वहाँ का होकर ही रह गया हूँ,"चाय पीते हुए तपन बोला,"अगर में आना भी चाहूँ तो वहाँ के लोग मुझे नही आने देंगे"।
तपन और सायरा बाते करते रहे।बातों ही बातों में तपन ने पूछा था,"तुमने शादी की?"
"निकाह भूल गए।मैंने तुमसे क्या कहा था।"
सायरा ने अपनी अम्मी को समझाने का भरपूर प्रयास किया था लेकिन जमीला अपनी बेटी का निकाह तपन से करने के लिए तैयार नही हुई थी।एम ए करने के बाद तपन की नौकरी हिंदी के टीचर के पद पर पोर्ट ब्लेयर में लग गयी थी।जाने से पहले तपन सायरा के पास जाकर बोला था,"सायरा में यहाँ से बहुत दूर पोर्ट ब्लेयर जा रहा हूँ।मैं तुम्हे अपनी बनाकर अपने साथ ले जाना चाहता हूँ।'
"तपन मैने बहुत कोशिश कर ली लेकिन अम्मी हमारे निकाह के लिए तैयार नही है।'
'अगर तम्हारी अम्मी हमारे रिश्ते के लिए तैयार नही है।तो फिर एक ही रास्ता है।"
"क्या?"
"हम कोर्ट मैरिज कर लेते है"
"तपन मै तुमसे प्यार करती हूँ।तुम मेरी जिंदगी में आने वाले पहले और आखरी मर्द हो।मेरी जिंदगी में कोई दूसरा मर्द नही आ पायेगा।लेकिन मैं अपनी माँ से भी प्यार करती हूँ।उससे विद्रोह करके तुम्हारा हाथ नही थाम पाऊंगी।"
"सायरा मुझे तुम्हारे प्यार की परिभासा समझ मे नही आ रही।'
"तपन मै छोटी थी,तभी अब्बा का ििनतकाल हो गया।नाते रिश्तेदार चाहते थे कि माँ दूसरी शादी कर ले।लेकिन मां ने मेरे भविष्य का ख्याल करते हुए दूसरा निकाह नही किया। अपनी जवानी को होम करके उसने मेरा जीवन सँवारा है।"तपन की बात सुनकर सायरा बोली,"माँ से में बहुत प्यार करती हूँ।माँ से विद्रोह करके मै तुमसे निकाह नही कर सकती।लेकिन इसका मतलब यह भी नही है कि मै माँ के कहने पर किसी और से निकाह कर लुंगी।तुमसे प्यार करती हूँ।निकाह करूंगी तो सिर्फ तुम से"
सायरा माँ के खिलाफ जाकर उससे निकाह करने के लिए तैयार नही थी।तपन ने हर तरह से उसे समझाने का प्रयास किया था।लेकिन सायरा नही मानी तब तपन नाराज होकर चला गया था।
तपन नाराज होकर गया था।इसलिए तीस साल तक तपन ने न कोई पत्र लिखा।न ही सायरा की कोई खोज खबर लेने का प्रयास किया था।
तपन सायरा से नाराज होकर दूर बहुत दूर चला गया था।भले ही वह नाराज होकर आया था।इसलिए सायरा से कोई सम्पर्क न किया हो।लेकिन वह उसे एक पल के लिए भी नही भुला था।
सायरा ने अपने हाथों से खाना बनाया था।खाने की मेज पर रखे व्यंजनों को देखकर सायरा से बोला,"मेरी पसन्द को अभी तक भूली नही हो?"
"तपन मेरी जिंदगी में आने वाले तुम पहले और आखरी मर्द थे मैने तुम्हे दिल की गहराई से चाहा प्यार किया है।कैसे भूल सकती हूँ।तुम्हारी पसन्द और नापसन्द को।"
वर्षो के बाद उसे किसी ने इतने प्यार से खाना खिलाया था।सायरा पहले भी उसे ऐसे ही खिलाती थी।और वह कुछ ज्यादा ही खा गया था।
रात को बिस्तर पर लेटा तपन पास में बैठी सायरा से बोला