Pyari Duniya - 2 in Hindi Love Stories by Deeksha Vohra books and stories PDF | प्यारी दुनिया... - 2 - (तस्वीर में मेरी आँखें)

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प्यारी दुनिया... - 2 - (तस्वीर में मेरी आँखें)

एपिसोड 2 ( तस्वीर में मेरी आँखें )
सुभ के आठ बज रहे थे .. कनिका पूजा करके अभी फ्री ही हुई थी ... की उसे कायरा की आवाज़ आई |
कायरा : ममा .... मैं उठ गया |
कायरा की प्यारी सी आवाज़ सुनते ही ... कनिका के चेहरे पर एक प्यारी सी स्माइल आ गई | ओर वो किचन में जाकर ... दूध का गिलास उठाकर ... कायरा के पास गई | जब वो कमरे में गई ... तो देखा की ... कायरा ... कनिका की बनाई पेंटिंग को देख रही थी ... वो बहुत ध्यान से उस तस्वीर को देख रही थी .... क्यूंकि कनिका एक पेंटर थी ... तो उसके घर पर उसी की बनाई हुई बहुत साड़ी पेंटिंग्स थीं .... पर जब कनिका ने देखा की ... कायरा ने किस तस्वीर को पकड़ रखा है .... वो हैरान रह गई ,... ओर जल्दी से कार्या के पास गई ... उसके पास बैठ कर बोली ....
कनिका : ये क्या .. तुम फिर से ये तस्वीर लेकर बैठ गई | चली दो इसे तुम मुझे ... ओर ये लो अपना दूध जडली से फिनिश कर दो |
जब कनिका ने वो तस्वीर कायरा के हातों से ली .. तो उसने देखा की ... कायरा का चेहरा उतर गया | तो वो कायरा का ध्यान उस तस्वीर से हटाते हुए बोली ...
कनीका : अच्छा जल्दी से फिनिश करो बेटा ... फिर हमे बहार भी जाना है ...
कनिका के मुह से बहार जाने के बारे में सुनते ही ... कायरा की उदासी मनो गायब ही हो गई ... ओर वो उस तस्वीर के बारे में भूल भी गई ...
कुछ देर बाद ...
कनिका ने अपने कमरे से देखा की कायरा अपना नाश्ता कर रही है | वो जल्दी से कमरे के अंदर गई ... ओर वो तस्वीर उठाने लगी ... पर जल्दी जल्दी में उससे वो तस्वीर नीचे गिर गई ...
कनिका की नजर जब उस पंटिंग पर गई .... तो वो वहीँ रुक गई .... ओर बड़े प्यार से उस तसव्वर को पकड़ा ...
उस तस्वीर में सिर्फ आँखें बनी थी .... तो कनिका खुद से ही बोली |
कनिका : ये आँखें .... मुझे ओर कुछ भी याद नहीं है .... इन आँखों के सिवाए | क्यूँ ? क्यूँ भगवान ?
तभी कनिका को कायरा की आवाज़ आई ....
कायरा : ममा ... मेरा खाना हो गया | चलें ?
कनिका ने देखा की ... कायरा अंदर आ रही थी ... तो उसने जल्दी से वो तस्वीर बेड के पीछे छिपा दी ... ताकि कायरा फिर से वो तस्वीर न देखे ... ओर उससे सवाल न करे | क्यूँकी , जब भी उसकी बच्ची उससे पूछती ...
कायरा : ममा ... ये आँखें किसकी है .... मेरी ? देखो न बिलकुल मेरी तरह हैं | हैना ?
जब भी वो छोटी सी बच्ची उससे ये सवाल करती ... कनिका के पास उसके इन सवालों का कोई जवाब नहीं होता | वो हमेशा कायरा को कुछ न कुछ कहके ... उसको भटका देती है | आखिर क्या ही बोली बेचारी ..... कनिका मन ही मन |
कनिका : मैं तुम्हे कैसे बताउं की किसकी आँखें .... जबकि मुझे खुद ही नहीं पता |
ओर बहार जाते हुए ... कायरा के सर पर प्यार से हाथ फेरते हुए .... बोली ...
कनिका : चलो |
पर कनिका के क़दमों को कायरा के सवालों ने फिर से रोक दिया |
कायरा : ममा ... हम पापा से मिलने जा रहे हैं क्या ?
आखिर ये सवाल सुनते ही कनिका परेशान क्यूँ हो गई ? वो तस्वीर में आँखें किसकी थीं ? तो कायरा से मिलती थी ? जानने के लिए .... पढ़िए .... प्यारी दुनिया |