determination of bravery in Hindi Love Stories by Bindu books and stories PDF | शौर्य का संकल्प

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शौर्य का संकल्प

आज मैं आप सबके सामने एक ऐसी सच्ची कहानी प्रस्तुत करने जा रही हूं कि शायद यह पढ़ने के बाद आप भी सोच में पड़ जाएंगे कि क्या लड़कियां भी ऐसी होती है मेरे जीवन के इतने सालों में मैंने हमेशा सुना है कि लड़के ही लड़कियों को धोखा देते हैं लेकिन यह एक ऐसी कहानी है कि जिसे आप सुनकर उस लड़की पर अपना आक्रोश व्यक्त करके ही रहेंगे तो आइए मेरी कहानी सुनिए..


यह है एक शौर्य की कहानी शौर्य जो 16 साल का हो चुका था वह गोरा चिट्टा और दिखने में लंबा चौड़ा सीना था और बाल भी उसके इतने सिल्की के उसकी व्यक्तित्व में चार चांद लगा देते थे पर शौर्य हमेशा झुकी नजरों के साथ ही मिलता था कभी भी वह नजरें उठाकर नहीं देखता था तो हम कह सकते हैं कि वह कुछ ज्यादा ही सरमिला था बोलता था तो भी किसी को भी सुनाई नहीं देता था ऐसे धीरे से बोलता था और पढ़ने में भी काफी होशियार लड़का होनहार लड़का 11वीं क्लास में आते ही सभी लोग शौर्य को देखकर प्रभावित होने लगे थे क्योंकि उसका जो बिहेवियर था वहीं कुछ अन्य से अलग था हमेशा शांत दिखने वाला शौर्य पढ़ाई में भी होशियार था हमेशा अपनी शिक्षिका बहन की बात को वह आदर देता था और अपने वर्ग खंड को भी शांत बनाए रखने के लिए प्रयत्नशील रहता था उसी क्लास में पढ़ रही स्वरा की 11वीं कक्षा में शौर्य से मुलाकात हुई और शौर्य और स्वरा दोनों एक दूसरे को पसंद करने लगे और शौर्य तो स्वरा को देखते ही उसके प्यार में डूब गया था लेकिन शौर्य को नहीं पता था स्वरा कैसी है वैसे तो स्वरा भी दिखने में बहुत ही खूबसूरत थी पढ़ाई में भी बहुत ही होशियार लड़की थी डांस में गीत गाने में और रोज-रोज अलग-अलग हेयर स्टाइल अलग-अलग इयररिंग्स... वह अपने लुक को चेंज करती रहती थी और रंगीन मिजाज की थी


शौर्य से तद्दन भीन्न उसका व्यक्तित्व था फिर भी दोनों एक दूसरे को चाहते थे लेकिन वे सिर्फ 11वीं कक्षा में थे इसीलिए वह एक हद में ही रहते थे एक दूसरे को देख कर ही मुस्कुराया दिया करते थे फिर यह 12वी में किसा चल रहा चिटि्ठयों का और एक दूसरे को चीठियां लिखा करते थे और फिर 12वीं कक्षा में दोनों ने एक दूसरे को अपना जीवनसाथी बनाने का संकल्प किया और दोनों ने अपनी फैमिली में यह बात भी कर दी दोनों की फैमिली में हामी भर दी गई


आप सभी सोच रहे होगे तो फिर क्या हुआ होगा अब शौर्य और स्वरा दोनों अलग-अलग कॉलेज में थे शौर्य ने तो बचपन से ही सरहद पर जाने का फैसला कर लिया था वह चाहता था वह सैनिक बनेगा और स्वरा का कुछ पता नहीं लेकिन धीरे-धीरे शौर्य और स्वरा के बीच में खटराग शुरू होने लगी शौर्य स्वरा को बेहद ही मान और सम्मान देता था लेकिन स्वरा जब कॉल करने की बात आती थी या चिट्ठी लिखने की बात आती थी तो अक्षर टाल देती थी शौर्य को लगा कि शायद अब वह पढ़ाई में ज्यादा ध्यान देने लगी होगी इसलिए तो बात नहीं करती थी और कभी-कभी तो स्वरा शौर्य का कॉल रिसीव करने की वजह उसका कॉल भी काट देती थी धीरे-धीरे वह शौर्य से बात कम करने लगी और शौर्य को लगा शायद किसी बात से रूठी होगी लेकिन नहीं अब तो स्वरा शौर्य के साथ बात करना ही बंद कर देती है शौर्य ने पता लगाया कि स्वरा ऐसा क्यों कर रही है तो उसे पता चला कि स्वरा के जीवन में अब और कोई है जिसे वो शौर्य से कुछ ज्यादा ही पसंद करती है लेकिन शौर्य को जब यह बात पता चली तो इस बात से शौर्य के मन में इतनी गहरी चोट लग गई कि उसका दिल ही टूट गया वह अपने आप को संभाल नहीं सकता कि उसके साथ क्यों हुआ क्यों स्वरा ने उसे धोखा दिया अब शौर्य अब टूट चुका है वह पढ़ने में भी ज्यादा ध्यान नहीं दे रहा है लेकिन उसका जो सपना है कि वह सैनिक बनेगा उसके लिए वह प्रयास कर रहा है और स्वरा है कि उसे शौर्य की कोई फिक्र ही नहीं है लेकिन सूर्य ने एक संकल्प ले लिया है कि अब वह भारतीय सैन्य में जाकर अपना और अपने परिवार का नाम रोशन करेगा और देश के लिए अपनी जान भी देनी पड़ी तो दे देगा.. जय द्वारकाधीश 🙏🏻