andhera bangla - 2 in Hindi Classic Stories by Mansi books and stories PDF | अंधेरा बंगला - 2

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अंधेरा बंगला - 2

Chep 2
अब तक अपने देखा की राजल के कई दोस्त थे जो उसके पेसो से जलते थे अब आगे की कहानी देखये।

उसके दोस्तों से राजल की यह खुशी देखी नहीं जाती थी , ऐसे ही दिन बीतते गए ,वह पूरा परिवार बहुत खुशी से जी रहा था ,फिर अचानक उनकी ज़िंदगी में राजल के दोस्तो का ग्रहण लग गया ,एक बार राजल को उनके कुछ दोस्तो का फोन आया वह ४ उसके दोस्त थे ।



उन्होंने राजल से कहा कि वह उनसे मिलने आ रहे है कल ,की दिनों से हम सब दोस्त मिले नहीं है तो कल मिल लेते है तेरे घर पे, राजल ने भी हसी खुशी हा कह दिया ,राजल बहुत खुश था उसने रूही से कहा मेरे कुछ पुराने दोस्त मिलने आ रहे है उसे तो तुम कुछ नोकर से बोल कर अच्छा सा खाना बनाने को बोल देना ,रूही ने भी हा कह दिया।

फिर राजल बहुत खुशी मे सोने लगा ,वह कल के दिन के लिए बहुत उतावला हो रहा था पर उसे क्या पता कल उसका ओर उसके परिवार का आखरी दिन होने वाला था,रूही ने कहा अरे अब इतने उतावले भी मत होइए शांती से सो जाइए अब कल वह लोग दुपहर तक आ ही जाएंगे ,ओर कल के दिन खास शाही भोजन बनाने के लिए भी मेने नोकरो को अभी से बोल दिया है कल सब अच्छा ही होगा अभी आप सो जाइए वरना सुबह उठ नहीं पाओगे।



राजल ने कहा "रूही ,रूही तुम्हारे मुंह मे घी शक्कर" चलो अब हम दोनों सो जाते है ओर बच्चे क्या कर रहे है , रूही ने कहा वह दोनों तो खाना खा कर कब के सो भी गए राजल ने कहा चलो अच्छा है ।फिर वह दोनों सो गए यह उन चारों की इस बंगले में आखरी रात होने वाली थी।



वह दोनों बहुत एक्साइटमेंट मे सो गए ,अगले दिन सुबह हुई, सब लोग सुबह ८ बजे उठ गए ,आज रविवार था बच्चो के स्कूल मे छुट्टी थी इस लिए वह दोनों पूरे बंगले मे खेल कूद, भागम भाग ओर मस्ती कर रहे थे ,रूही उनको डाट रही थी इतनी मस्ती मत करो ओर राजल रूही को कह रहा था खेलने दो ना बच्चो को अभी ७ साल के है उम्र ही क्या है अब बच्चे मस्ती नहीं करेंगे तो क्या हम करेंगे।



रूही कहती है आपके इसी डायलॉग की वजह से वह दोनों ओर मस्ती करने लग जाते है आप ने ही बिगड़ा है उनको, राजल ने कहा खेलने दो उनको तुम जा कर तैयार हो जाओ देखो ९ बजने वाले है, तभी रूही कहती है अभी उनको आने मे काफी देर है , जब तक वो आयेंगे में नहा लूंगी । पहले हम नाश्ता कर लेते है आ जाइए ,रूही बच्चो को आवाज लगाती है बच्चो आ जाओ नाश्ता कर लेते है बाद में खेल लेना ।


सब लोगो ने मिल कर नाश्ता किया ,फिर राजल नहा कर तैयार हो गया,ओर रूही भी अब समय बीतता जा रहा था करीबन २ बजने ही वाले थे ,तभी घर का दरवाजा खटखटाया किसी ने राजल भागता हुआ गया की मेरे दोस्त आ गए ,उसने दरवाजा खोला तो देखा उसके वह ४ दोस्त थे ,उनका नाम अमर, समर ,रोहन ओर मनीष था ।

अभी अगले चेप्टर मे देखते है यह राजल के ४ दोस्त राजल ओर उसके परिवार के साथ क्या करते है ,क्या वह उनके कोई भयंकर नुकसान पोहचाएंगे ,वह उनका क्या हर्श्य करते है पता नहीं सारे राज अगले चेप्टर मे खुलेंगे

कहानी का अगला भाग जल्द ही आयेगा😊
आगे क्या होगा तब तक सोचिए।