Pehchan - 27 in Hindi Fiction Stories by Preeti Pragnaya Swain books and stories PDF | पेहचान - 27 - यहां से चले जाओ ...

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पेहचान - 27 - यहां से चले जाओ ...

पीहू सारे पेपर्स को अरेंज करते हुए बोलि ..... देखो ......तुमपे अटैक वहां उस ब्रिज के पास हुआ , तो पहला सवाल वो जो भी था उसको केसे पता की तुम वहां ब्रिज के पास मिलोगे इसका मतलब वो तुम्हारा पीछा कर रहा था ........ दूसरी बात , तुम्हे मारने के लिए जो assasains आए थे वो वर्ल्ड क्लास assasin थे , उन्हें hire करने की हिम्मत भी कोई ऐसा पर्सन रख सकता है जिसके पास बेशुमार पैसा हो और सबसे आखरी और जरूरी बात जब तुमपे अटैक हुआ तब वहां तुम्हारे और मेरे सिवा कोई नहीं था और तुम्हारी बॉडी भी नहीं मिली तो फीर ये इनफॉर्मेशन न्यूज वालों को कैसे मिली की तुमपे अटैक हुआ है और तुम मर चुके हो।

अभिमन्यु बोला अरे हां मैंने तो ये सोचा ही नहीं था .....

पीहू बोलि अभी ये एक प्रोब्लम है की हम किसीसे कुछ बोल नहीं सकते नहीं पूछ सकते है तो इसका कोई दूसरा रास्ता निकालना पड़ेगा .......
इससे पहले की अभिमन्यु कुछ बोलता दरवाजे की घंटी बजने लगी ...अभिमन्यु door open करने गया तो पीहू उसे रोकते हुए बोली अरे तुम कहां जा रहे हो ?

अभिमन्यु बोला अरे तुम सोचने पागल हो गई हो क्या कोई door bell बजा रहा है तो जाहिर सी बात है दरवाजा खोलने ही जा रहा हूं ....

पीहू बोली अरे बाबा तुम मर चुके हो ,तुम खोलोगे वो भूत समझेगा इसलिए तुम जाकर छुपी जाओ मैं जाकर दरवाजा खोलती हूं ...अभिमन्यु उसकी बात मानना नहीं चाहता था पर पीहू की बात मान कर चुप हो गया ......
पीहू दरवाजा खोली तो सामने एक स्ट्रॉन्ग पर्सनल को खड़ी पाई वो कोई और नहीं राघव था
पीहू को चुप खड़े देख राघव ने कहा तुम कौन हो और यहां क्या कर रही हो ?
पीहू बोली तुम पहले बताओ तुम कौन हो और यहां क्यों आए हो ?
राघव बोला मैं तुमसे पहले पूछा तो पहले तुम बताओ ।
पीहू बोली पहले बाद में का कोई सवाल नही मैं पूछी तो तुम बताओ एसे दोनो मैं कुछ वक्त के लिए तू तू मैं मैं होने लगी आखिर मैं राघव को हार माननी पड़ी ,वो हार मानते हुए बोला ठीक है, मैं हूं राघव अब तुम बताओ तुम कौन हो ?
पीहू बोली मैं पीहू हूं ....
राघव बोला तुम यहां क्या कर रही हो ?
पीहू बोलि क्या कर रही हूं का क्या मतलब !
राघव बोला तुम यहां जिस घर में खड़ी हो यह मेरे बॉस का घर है तो सच बताओ तुम कौन हो ? वरना मुझसे बुरा कोई नहीं होगा !
पीहू बोलि wow तो मुझे डराने की कोशिश ठीक है अब जो होगा उसके लिए तुम जिम्मेदार हो मुझे दोष मत देना बोलते हुई पीछे हट गई, इससे पहले ki राघव उसके बातों का मतलब समझ पाता पीहू उसके टांगो पे दे मारी जिसकी वजह से वो नीचे गिर गया ......
पीहू दरवाजा बंद करदी और भागते हुए उस और गई जहां अभिमन्यु छुपा था ,अभिमन्यु की तरफ देखते हुए बोली अब कुछ घंटों के लिए प्लीज मेरी हर बात बिना कुछ बोले सुनना प्लीज बोलकर अभिमन्यु का हात पकड़ कर उसे पीछे के रास्ते से लेकर कहीं चली गई .... कुछ देर बाद वो एक कमरे में जा पहुंचे जहां कुछ tv लगे हुए थे जिनमे कुछ प्ले हो रहा था अभिमन्यु ध्यान से देखा तो हक्का बक्का रह गया यह कोई और जगह नहीं बल्कि उसके ऑफिस ,घर, क्लब सब जगह के सीसीटीवी फुटेज थे .......
अभिमन्यु कुछ बोलने के लिए मुंह खोलने ही वाला था की पीहू बोली देखो अगर सच्चाई जाननी है तो थोडा चुप बैठो वरना यहां से चले जाओ मेरा दिमाग खाने की जरूरत नहीं है ....
अभिमन्यु पीहू के चेहरे पर सीरियसनेस देखकर चुप रहना ही सही समझा ....