Junoon Se Bhara Ishq - 37 in Hindi Love Stories by Payal books and stories PDF | Junoon Se Bhara Ishq - 37

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Junoon Se Bhara Ishq - 37

Delivery Boy



निशा pregnant है ये सुन प्रिया शॉक हो गई।

निशा :- क्या हुआ तु खुश नही है ?

प्रिया को उसके पूछे गए सवाल को सुन अपने खुद के दिये रिएक्शन पर अच्छा नही लगा। इसलिए उसने तुरंत अपने आप को नोमॅल कर मुस्कुरा दी।

प्रिया :- अरे ! नही दीदी मै क्यू खुश नही होगी। बल्कि मै तो बहुत खुश हू। आफ्टर ऑल मै मासी बनने वाली हू।


निशा उसकी बात सुन मुस्कुराने लगी। प्रिया ने निशा की तरफ देख एक नजर जय की तरफ देखा। दोनो ही साथ मे कितने खूबसूरत लग रहे थे।

प्रिया खुद उन दोनो के बीच फीट बेठती नजर नही आ रही थी। दीदी परफेक्ट है जय के लिए, वैसे भी मेरी फिटिंग्स तो एक तरफा है। जय दीदी का मंगेतर है। और उनके होने वाले बच्चे का बायलोजिकल फादर भी। अब अपनी फिटिंग्स को अपने अंदर मार कर दफना ना ही होगा।

जय के बारे मे एक सेकेंड भी सोचना दीदी को धोखा देना होगा। जो मै नही कर सकती। वही निशा मन मी मन बहुत खुश थी। आखिर उसका रचाया हुआ खेल काम जो कर रहा था।



प्रिया उसके जय को उससे कभी नही छीन पायेगी। जय खामोश सा प्रिया और निशा की बाते सुन रहा था। उसके लिए प्रिया का मौन रहना समज नही आ रहा था।





निशा ने उसे हर एक बात बताई, पर फिर भी एक बार भी उसने उन चीजो पर अपनी सफाई नही दी। यहा तक की उसनेउनके लिए मना भी नही किया, पर क्यो ? ? ?


प्रिया के चेहरे पर छाई उदासी को देख उसके सीने मे चुभन सी हो रही थी। वो नही जानता था की ऐसा क्यू हो रहा है, उसके साथ !



निशा :- प्लिस शादी मे जरूर आना यार, मेरी शादी मे मेरी बहन ही नही रहेगी तो कैसा लगेगा।

और ये और ये देख मै ने तुम्हारे लिए ड्रेस तैयार करवा दी थी।

अब तू घर तो आयेगी नही इस लिए ये यही ले आयी।

और उसने प्रिया के हाथ मे एक बैग पकडा दिया। पर उसके पीछे भी वजह थी। वो अपने हाथो मे पहनी अंगूठी दिखाना चाहती थी। जो कि प्योर डायमंड की थी।

प्रिया :- ठीक है जरूर आऊंगी। पर मॉम को शायद मेरा आना अच्छा नही लगेगा।

निशा :- अरे, तुम उनकी चिंता मत करो। मै हेन्डल कर लूंगी। बस तुम टाइम पर पहुंच जाना।


प्रिया ने सर हिलाकर हा कह दी। हालाकि अब भी उसके दिल के कड़वाहट निकली नही थी। वो जानती थी की उसका मां को उसका वहा जाना पसंद नही आयेगा।



निशा उसके चेहरे को देख अब संतुष्ट हो गई थी। प्रिया अब कुछ नही कर सकती थी। ये वो जान चुकी थी।



निशा :- जय मेरे ख्याल से हमे चलना चाहिए। हमे शादी की बाकी की तैयारी भी देखनी है। वैसे भी वक्त बहुत कम है।

जय ने ओके कहा। हालाकि निशा की कोई भी बात उसे सुनाई नही दी थी। उसका ध्यान पूरी तरीके से प्रिया पर ही था। उसे नजाने ऐसा लग रहा था की कुछ तो था जो ठीक नही हो रहा था।

अगले ही पल जय और निशा बहार चले गये।

प्रिया :- ( गहरी सांस लेते हुए। ) चल पीयू आज तेरा प्यार भी पराया हो गया।

प्रिया तो उसी दिन से हो गया था जब उसकी दीदी से सगाई हुई थी। पर जो एकाद उम्मीद थी वो भी अब सब खतम।

अब बस तू और तेरा काम। बस यही रह गया है तेरी जिंदगी मे। और उसी पर फोकस कर।



उसके बाद वो अपने केबिन मे चली गई और अपना काम करन लगी।

लंच ब्रेक मे सोनिया का कॉल आया। तो प्रिया ने कहा।

प्रिया :- हा, सोनिया।

सोनिया :- प्रिया एक घर मिला है, तू आकर देख लेना एक बार फिर आकर आगे की बात कर लेगे। कंपनी के पास ही है अपने, और तेरे बजेट मे भी है।

पर एक प्रॉब्लम है ! ! !

प्रिया :- क्या ? ? ?

सोनिया :- वो जगह अच्छी नही है। घर की कंडीशन भी कुछ खास अच्छी नही है। आस पास का माहौल और जगह के लोग भी बडे अजीब है।

प्रिया :- मेरे बजेट मे है ना, तो बस मुझे आस पास के लोगो और माहौल से कोई मतलब नही है।

तू हा कर दे।

सोनिया :- ठीक है, पर आकर एक बार देख तो ले।

प्रिया :- हा, तू उन्हे हा कर देना ! मुझे जैसे ही टाइम मिलता है मै आती हू।

सोनिया :- ठीक है !

प्रिया :- थैंक यू यार, मेरे लिए इतना सब करने के लिए।

सोनिया :- पागल है क्या, एक तो दोस्त भी बोलती है और फिर थैंक यू भी बोल रही है।

पर फिर भी एक आखरी बार पूछूगी की की, सच मे कोई प्रोम्बेम तो नही है ना ?

प्रिया :- अरे, हा मेरी जान ! सब ठीक है ! बताया तो था की क्यो घर लेना चाहती हू, मै।

सोनिया :- हम्म्म्म।

प्रिया :- तो बस जस्ट रिलैक्स और मेरी टेंशन मत ले।

सोनिया :- ओके, चल ठीक है ! बाय !



प्रिया ने अब सोच लिया था, की कुछ भी हो जाये अब वो independent जियेगी। बहुत रह लिया दूसरो के हिसाब से अब वो अपने हिसाब से जियेगी। बिना किसी के सपोटॅ के वो अपनी लाइफ जी सकती है।



क्या हुआ ? जो अभी उसकी कंडीशन कुछ ठीक नही है और किसीके यहा रात बिताने के लिए रखी गई है। पर दिन तो उसका था ना, तो वो अपने घर मे रहेगी।

जब उसे सबसे ज्यादा अकेला पन महसूस होगा। कम से कम कहने के लिए तो उसके पास एक घर तो था।

उसने केन्टिन से सैंडविच लिया और खाने लगी। पर गेट से ही एक आदमी अंदर आया जिसकी यूनिफोमॅ डिलीवरी बॉय की थी।


ऑफिस से सब एक नजर देख सब अपना अपना काम करने लगे। क्रोकी खाना मंगाना ऑफिस मे कोई बडी बात नही थी। पर जो बडी बात थी और किसी ने नोटिस नही की वो डिलिवरी बिना किसी से पूछे सीधे प्रिया के केबिन की तरफ चला गया।



और उसके सामने जाकर खडा हो गया।

डिलीवरी बॉय :- मैम आपका लंच ! ! !

कहते ही उसने अपने बैग से लंच निकालना शुरु कर दिया। और टेबल पर रख दिए। प्रिया ने उसे अजीब नजरो से देखा उसे लगा शायद गलती से कोई उसकी केबिन मे आ गया है।

प्रिया :- excuse me, मै ने कोई food order नही किया है। शायद आप गलत केबिन मे आ गये।

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