Pehchan - 26 in Hindi Fiction Stories by Preeti Pragnaya Swain books and stories PDF | पेहचान - 26 - में खुद नहीं जानता मैं क्या कर बैठूंगा

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पेहचान - 26 - में खुद नहीं जानता मैं क्या कर बैठूंगा

अभिमन्यु और पीहू जितनी जल्दी हो सके घर पहुंच गए जैसे ही अभिमन्यु घर में एंट्री किया वो एक दम से पीहू को खींचते हुए बोला ....... क्या कह रही थीं तुम ,तुम उस अर्जुन को नहीं जानती भला अब जो हुआ उसके बाद भी क्या तुम वही कहोगी, की तुम उसे नहीं जानती ? इतना बड़ा बिजनेस मैन और तुम्हरे सिर्फ कहने से ही अपनी पूरी प्रॉपर्टी दाव पर लगा कर चला गया ..... एक मिनट कहीं ये तुम दोनो की कोई चाल तो नहीं ? अभिमन्यु का गुस्सा अब उसके आपे से बाहर होने लगा था ......वो पीहू को सोफे की तरफ धकलते हुई बोला देखो अगर अपनी सलामती चाहती हो तो मुझे सब सच बतादो वरना मैं खुद नहीं जानता मैं क्या कर बैठूंगा !

पीहू एक शांत आवाज़ में बोलि तुम मुझे बस 3 दिन का वक्त देदो उसके बाद मैं तुम्हे सब कुछ बता दूंगी , तब तक थोडा सांत रहो .....बोलकर अपने कमरे की तरफ चली गई.......

अभिमन्यु वहीं बैठा रहा जैसे उसे खुद ही नहीं पता की वो क्या कर रहा है , एक पल में वो पीहू की बात मानता है तो दूसरे पल ही अविश्वास करने लगता है ....
तभी एक आवाज से अभिमन्यु अपने सोच से बाहर निकला तो देखा पीहू उसके सामने खड़ी थीं .......


पीहू बोली मुझे तुमसे कुछ बात करनी है !


अभिमन्यु बोला हां बोलो ......

पीहू बोली क्या तुम्हरे पास कोई एसी जगह है जिसके बारे में तुम्हरे अलावा कोई नहीं जानता हो ? कोई नहीं मतलब कोई भी नही ।

अभिमन्यु सोचा और बोला नहीं एसी तो कोई जगह नहीं है हां एक दो जगह हैं सीक्रेट की पर उसके बारे में राघव जानता है !


पीहू बोलि ये राघव कौन है ?


अभिमन्यु बोला वो मेरे लिए मेरे अपनो से भी बढ़कर है मेरा बेस्ट फ्रेंड और मेरा पर्सनल बॉडीगार्ड भी .....
मुझे तो चिंता हो रही है ,वो केसा होगा मुझे थोड़ी सी खरोच भी लगती है तो वो पागल हो उठता है भला वो ये सब कैसे हैंडल कर रहा होगा ?पीहू बोलि चिंता मत करो बस 3 दिन की तो बात है उसके बाद मिल लेना उससे ....बोलते हुए कमरे में चली गई


अभिमन्यु बोला हे भगवान ये लड़की है या पत्थर ,में इसको समझाने की कोशिश कर रहा हूं की वो जो खेल खेलने लगी है उसके वजह से कितनो को तकलीफ हो रही होगी पर ये तो अपनी ही दुनिया में व्यस्त है ..... फीर एक उदास भरे आवाज में बोला छोड़ बेटा बस 3 दिन की तो बात है ....... और वहीं सोफे पर सोने लगा.........

उसको थोड़ी नींद आई ही थी की उसे अपने बॉडी पे कुछ महसूस हुआ वो चौकते हुए अपने आंखे धीरे से खोले तो पाया की पीहू उसके बॉडी पे जहां गोली लगी थीं वहां दवाई लगा रही थी ........ पता नही क्यूं पर वो फीर से अपनी आंखे बंद कर लिए जैसे की वो नहीं चाहता था पीहू को जरा भी पता चले की वो सोया नहीं है .......


सुबह हो चुकी थी,अभिमन्यु की नींद टूटी वो एक आलस भरे नजरों से इधर उधर देखने लगा तो देखा की कॉफी टेबल पर रखी हुई थी और पीहू कुछ पेपर्स निकाल कर उसमे कुछ लिख रही थी और साथ मे न्यूज भी देख रही थी .......


अभिमन्यु फ्रेश होकर नीचे आया और कॉफी पीते हुए एक पेपर उठाया और बोला ये सब क्या है ? तुम ये क्या point out कर रही हो ?

क्या यहां बैठे बैठे तुम सब हैंडल कर लोगी .?

पीहू बोलि वेट बताती हूं .....