Karma Yoga - 3 in Hindi Spiritual Stories by PRAWIN books and stories PDF | कर्म योग - 3

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कर्म योग - 3

THE SECRET OF WORK

अपने कर्म के बदले कुछ मिलने की आशा मत रखिए। यही कर्म करने का सीक्रेट है। इसी सोच को अपनाकर आप अपने करियर मे या बिज़नेस मे सक्सेसफूल हो सकते है । बस अपने काम से प्यार कीजिए। आप जो करते है उसे प्यार से कीजिए।

एक गुलाम जो जंजीरों में बंधा होता है उसे काम करने के लिए अपने पैरों को घसीटना पड़ता है। वो जो भी काम करता है ठीक से नहीं करता क्योंकि उसे उस काम करने के लिए मजबूर किया जाता है। इसलिए एक गुलाम नहीं बल्कि एक मालिक की तरह काम कीजिए। बस अपना बेस्ट दीजिए और उस काम को खुशी से कीजिए।

एक बार 5 राजा थे जिन्होंने मिलकर एक बहुत बड़ी दावत रखी। उन्होंने सब को दिल खोलकर कपड़े, पैसे और खाने का समान उपहार में दिया। ये जश्न एक बहुत बड़ी लड़ाई की जीत की खुशी में दिया गया था। वहाँ के लोगों का मन उन पाँचों के लिए आदर से भर गया।

फिर वहाँ एक बड़ा अजीब स नेवला (mangoose) आया। उसके शरीर का आधा हिस्सा सोने का था और आधा ब्राउन रंग का। वो उस हॉल के बीचोंबीच गया और कहने लगा, " आप सब धोकेबाज़ है, ये कोई बलिदान नहीं है। "

सब लोगों को लगा ये नेवला पागल है। उन्होंने कहा " क्या तुम्हें दिखता नहीं की इन्होंने गरीबों को कितना दान दिया है ? इन्होंने बहुत बड़ी कुर्बानी दी है ।

तब वो नेवला अपनी कहानी बताने लगा, वो एक छोटे से गु से आया था। वहाँ के एक ब्राह्मण से मिला जो अपनी बीबी और दो बेटों के साथ रहता था। वो ब्राह्मण बहुत गरीब था गाँव में थोड़ा बहुत पढ़ा कर उन्हे जो पैसे मिलते उसी में उनका गुजारा होता था। उन लोगों का जीवन बहुत सादा था ।

लेकिन फिर वहाँ एक अकाल पड़ा जो पूरे तीन साल तक चला, उस ब्राह्मण और उसके परिवार की दशा और भी ज्यादा खराब हो गई थी। की दिनों तक उन्हे कुछ खाने को नहीं मिला ।

एक दिन वो ब्राह्मण आटे का एक बेग लेकर घर आया । वो इसे पाकर बहुत भाग्यशाली महसूस कर रहा था । उसने उसे चार बराबर हिस्सों में बांट दिया ताकि वो सब पेट भर खा सके। खाना तैयार करके वो सब खाने के लिए बैठ गए। वो खाना खाने ही वाले थे की किसी ने दरवाजा खटखटाया, ब्राह्मण ने दरवाजा खोला, बाहर एक बूढ़ा आदमी खड़ा था।

" अंदर आइए, आप हमारे मेहमान है " ब्राह्मण ने कहा । किसी मेहमान का स्वागत करना और उसकी खातिरदारी करना भारतीय रिवाज है।

इसलिए ब्राह्मण ने उस बूढ़े आदमी को अपना खाना परोस दिया। उस बूढ़े ने जल्दी जल्दी अपना पूरा खाना खत्म कर दिया । उन्होंने बताया की वो 10 दिनों से यात्रा कर रहे थे और उन्हे कुछ भी खाने को नहीं मिला था। उनकी भूख भी शांत नहीं हुई थी ।

ब्राह्मण की बीवी ने अब अपना खाना उस बूढ़े आदमी को दे दिया। बूढ़े आदमी ने उसे भी जल्दी पूरा कर दिया। उसे अब भी भूख लगि थी, अब उसके बड़े बेटे ने अपना हिस्सा भी दे दिया। उसने कहा ये उसकी ड्यूटी है की वो अपने पिता की मदद करे। उसके हिस्से का खाना कहा कर भी बूढ़े की भूख शांत नहीं हुई।

अब उसके छोटे बेटे ने अपना हिस्सा दे दिया। तब जाकर बूढ़े का पेट भरा। उसने पूरे परिवार का धन्वयवाद किया और अपने रास्ते चल दिया। अब ब्राह्मण और उसके परिवार के पास खाने के लिए कुछ नहीं था। अगले दिन, उन सब की भूख से तड़प कर मृत्यु हो गई। उसी दिन वो नेवला उनके घर गया था।

उसने टेबल पर बिखरे आटे के दाने देखे। उसने अपना शरीर उस पर रगड़ा । वो हेरान हो गया क्योंकि उसका आधा शरीर सोने मे बदल गया था।

उस ब्राह्मण और उसके परिवार ने जो बलिदान दिया था वो सच्चा सोना था। उस नेवले को पूरी दुनिए में फिर इतना महान बलिदान देखने को नहीं मिला इसलिए उसका आधा शरीर ही सोने का था।

जो काम प्यार से किया जाता है वो असली सोना होता है। वो किसी निजी मकसद से बिल्कुल परे होता है। वो किसी भी नेगेटिव फिलिंग से मुक्त होता है। अगर ज्यादा से ज्यादा लोग अपने काम से प्यार करने लगे तो ये दुनिया कितनी सुंदर और बेहतरीन हो जाएगी।

TO BE CONTINUED....

- SWAMI VIVEKANANDA

KARMA YOGA (CC. GIGL)