Pehchan - 25 in Hindi Fiction Stories by Preeti Pragnaya Swain books and stories PDF | पेहचान - 25 - पूरी प्रॉपर्टी एक प्रोमिस पे टिकी है

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पेहचान - 25 - पूरी प्रॉपर्टी एक प्रोमिस पे टिकी है

अभिमन्यु बोला अब बोलो भी हम यहां क्यों आए है और हां तुम्हें मैं एक बात याद दिलादू की मुझे ऑफिस भी जाना है ......वहां सिचुएशन वैसे भी खराब है .... तो प्लीज जो भी करना है जल्दी करो!

पीहू बोली तुम थोड़ा चुप रहोगे !

अभिमन्यु बोला wow क्या बात है ....पहले तो इतना सब ज्ञान, ऊपर से यहां लेकर आई हो और जब मैं पूछ रहा हूं चुप रहने को बोल रही हो ?

इससे पहले की वो कुछ और बोलता एक काले रंग की फरारी आकर रूकी ,उसमे से एक इंसान बाहर निकला जिसे देख अभिमन्यु हक्का बक्का रह गया वो कोई और नहीं अर्जुन ही था .....
अभिमन्यु मन ही मन सोचा कहीं ये पागल लड़की मुझे सचमे मारने का प्लान तो नहीं बना रहि थी ?
बेटा अभिमन्यु तू सचमें डफर है भला मौत को गले कौन लगाता है ,अब तो तू गया ...... जैसे ही वो पीहू को गुस्से में कुछ बोलने के लिए अपना मुंह खोलने वाला था तभी ..................
अर्जुन ने कहा क्या काम है,और फीर अभिमन्यु को देखते हुई बोला अरे ! ये तो अभिमन्यु राजपूत है न भला ये यहां केसे? इसका मतलब ये जिंदा है !

अर्जुन की आवाज़ सुन पीहू पीछे मुड़ी और बोलि अरे! अभी अभी तो आए हो और आते ही इतने सारे सवाल रुको जरा .....

अर्जुन चुप होगया , पीहू बोलि देखो यह कौन है तुम तो जान गए तो अब काम पे आते है, वक्त बहुत कम है। में तुम्हे बाद मैं सब कुछ बताऊंगी ठीक है !

अर्जुन बोला okk

पीहू बोली देखो हम यानी में और mr राजपूत यह चाहते है की हमे वो गुनेगार मिले जो उनके ऊपर हुए इस अटैक के पीछे है, ताकि हम उसे सजा दे पाए ।।
तो इसमें हमे तुम्हारी मदत चाहिए !
अभिमन्यु कुछ बोलना चाहता था पर पीहू ने उसे रोक दिया और बोला अभी नहीं बाद में........

अर्जुन बोला मेरी मदत ...पर केसे ?

पीहू बोलि देखो प्लान के हिसाब से अभी यह न्यूज आगे भी चलेगी की इनकी मौत हो चुकी है तो जाहिर सी बात है कंपनी टेकओवर करने की बात भी आयेगी और अभी पूरे इंडिया में तुम्ही एक एसे काबिल पर्सन हो ,जो उनके कम्पनी को टेकओवर करने की हिम्मत रखते हो साफ लब्जों में कहा जाए तो टेकओवर कर सकते हो तो बस ,बात यही है की मुझे तुमसे एक प्रोमिस चाहिए की तुम इस बार यानी ये प्रोब्लम जब तक सॉल्व नही हो जाति तब तक, तुम इस कंपनी को टेकओवर करने का ध्यान अपने दिमाग में नहीं लाओगे और मुझे इसके सबूत के तौर पर तुम्हारे साइन किए गए डॉक्युमेंट्स चाहिए !

अर्जुन उसकी बात सुना ,बगल में खड़ा अभिमन्यु भी यह सब सुन रहा था अब वो और कन्फ्यूज होने लगा पर उसके मन में अभी एक सवाल एसे भाग रही थी मानो सब कुछ बर्बाद करके ही छोड़ेगी वो मन ही मन बोला यह लड़की सच में पागल है भला इतने बड़े business person को बोल रहि है वो अपना डिसीजन बदले और उपर से उसको अपने प्रोमिस का प्रूफ देने को बोल रही है !भला इसको मरने का इतना शौक क्यों है ? अब तो ये गई ......
तब तक अर्जुन अपने कार की तरफ बढ़ चुका था ।

अभिमन्यु खुदको सही किया और पीहू को वहां से जितनी जल्दी हो सके जाने के लिए बोलने ही वाला था की .....तभी अर्जुन अपने गाड़ी से कुछ पेपर्स लाकर पीहू की तरफ बढ़ाते हुए बोला तुमने जैसा बोला था वैसा होगया ।मैने अपना साइन कर दिया है इसमें ये लिखा है की अगर मैं अपने प्रोमिस से पीछे हटता हूं तो मेरा एंपायर इस अभिमन्यु राजपूत का हो जायेगा ....... अब और क्या करना है ?

पीहू बोली कुछ नहीं .......

अर्जुन बिना कुछ बोले वहां से चुप चाप चला गया । पर उसके आंखों में एक उदासी छा गई मानो वो बहुत कुछ कहना चाहता था पर कह नहीं पाया ........बस जाते जाते वो एक बार पीछे मुड़ा उसके आंखों से एक धार आसूं भी टपक पड़े .......

अभिमन्यु के लिए ये और एक शॉकिंग सीन था भला जो अर्जुन इतना स्ट्रॉन्ग है वो कुछ बिना बोले, बिना गुस्सा किए इसकी बात मन कर चला गया ,वो भी नम आंखों के साथ फीर मन ही मन मुस्कुराते हुए बोला हाँ भाई हो भी क्यों न भला जिसकी पूरी प्रॉपर्टी एक प्रोमिस पे टिकी है भला वो हंस भी केसे सकता है .....?

उसके जाते ही पीहू अभिमन्यु की तरफ मुड़ी और बोलि.... मै जानती हूं तुम्हारे मन में बहुत से सवाल होंगे पर फिलहाल यहां से घर चलो ,घर जाकर बात करते है। क्या पता कोई तुम्हे यहां देख ले और सारे किए कराए पर पानी फिर जाए !