हमारी ज़िन्दगी में ऐसे कुछ हादसे होते हैं जिन्हें हम कभी भूल नहीं सकते है । अजय की लाइफ में भी कुछ ऐसा हुआ था.
अजय की फेमिली बहुत बड़ी हैं। फेमिली में मम्मी पापा तीन भाई और दो बहन। भाई में अजय सबसे छोटा हैं। तीन भाई और दो बहन की शादी हो गई है। सब अलग रहते हैं और अपनी फेमिली के साथ बिजी हैं। अजय अपने मम्मी पापा के साथ में रहता हैं । कुछ हालात को सुधारने के लिए अजय को जॉब करना पड़ता हैं.
अजय जॉब करने के लिए सिटी में जाता हैं वहां अजय को जॉब मिल तो जाती हैं लेकिन उसे वहां जॉब करने के लिए काम सीखना पड़ता हैं उस जॉब को सीखने के लिए करीब 5 महीने लग गए। जॉब का टाइम सुबह 8 बजे से शाम 8 बजे तक का था। जॉब से जो सैलरी आती वो अपने मम्मी पापा को दे आता । उस सैलरी में मम्मी की दवाई अजय के खाने का खर्च रहने का खर्च उस में चला लेता.
जब छोटे थे तब मम्मी पापा से पांच या दश रूपिए के लिए जिद करते थे तब उस रूपये जो खुशी मिलती थीं वो अब नहीं मिलती हैं । पैसा कितनी मुस्किल से आता है वो अजय को जॉब करके पता चला। समय के साथ अजय ने अपने सपनो को भी मार दिया था। महीने की सैलरी भी इतनी नहीं थी की अजय अपने सपने पूरे कर सके। अजय को क्रिकेट खेलना बहुत पसंद हैं बेटिंग गेंदबाजी फील्डिंग बहुत अच्छी कर लेता हैं.
जॉब में करीब 9 साल हुए होंगे। जॉब में हफ्ते में एक बार छुट्टी होती हैं तो अजय अपने फ्रेंड्स के साथ क्रिकेट खेलने चला जाता एक दिन की बात हैं जब जॉब के दिन छुट्टी होती तो अजय अपने साथ जो लोग काम करते थे उनके साथ क्रिकेट खेलने गया। दो टीम बनाई सामने वाले की बेटिंग थी । अजय केच करने के लिए बाउंड्री की जो सीमा होती हैं वहां केच करने दौड़ा और केच को पीछे मुड़क डाइव लगा के पकड़ लिया but अजय को हाथ में बहुत चोट लगी थीं। अजय ने अपनी चोट पर ध्यान नहीं दिया । सामने वाली टीम की बारी समाप्त हो गई। स्कोर काफी बड़ा था टार्गेट चेंज करते हुऐ 5 विकेट गिर गई थी अजय सात वे नंबर पे बेटिंग करने आया चोट तो बहुत थी but अजय अपने मन पसंद खेल के लिए कुछ भी कर सकता है। 1 ओवर में 16 रन की जरूरत थी अजय आते ही 3 बोल में 3 सिक्स लगाके मैच को जीता दिया। शामको मैच खेलके सब वापस आ गए । अजय का हाथ पुरी तरह दर्द की वजह सूज गया था.
सुबह जॉब पे गया तो वहां काम भी नहीं कर पा रहा था । फिर अजय हॉस्पिटल गया वहां हाथ की मलम पट्टी करवाई। Dr. ने बोला की काम मत करना और 15 दिन बाद दिखाने आना । अजय ने सोचा ऐसे काम नहीं कर पाऊंगा तो सब कैसे चल पाएगा फिर अजय ने धीरे जॉब पे काम करना स्टार्ट कर दिया काम तो कर लेता but जितना काम करता था उतना नही कर पा रहा था। 6 दिन बीत गए छुट्टी का दिन आया तो अजय ने अपने फ्रेंड्स को बोला की चलो क्रिकेट खेलने। तो अजय के फ्रेंड्स ने बोला की तुम्हारे हाथ में इतनी चोट है फिर भी तुम क्रिकेट खेलने को बोलते हो। अजय ने कहा ऐसी चोट से मुझे कोई फरक नहीं पड़ता है । फिर अजय ने हाथ में लगी हुई मलम पट्टी को खोलके फ्रेंड्स के साथ खेलने चला गया.
अजय ने चोट के साथ जीना सीख लिया। समय ऐसे ही चलता रहा कभी कभी हाथ में दर्द होता हैं। But अजय उस चोट को अपने मन पर कभी नहीं लेता हैं.
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आगे की कहानी के लिए कृपया थोड़ा इंतज़ार कीजिएगा 🙏🙏
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