Soundless Love - 18 in Hindi Love Stories by Sarvesh Saxena books and stories PDF | साउंडलेस लव - 18

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साउंडलेस लव - 18

अगले दिन सुबह जब संदीप ने उसका मैसेज देखा तो मुस्कुराने लगा और खुद से ही कहने लगा “ चलो इनका गुस्सा तो शांत हुआ मुझे तो लगा दो चार दिन तन्हाई में गुजर जाएंगे” |



ये कहकर उसने तुरंत ही आकाश को कॉल करना चाहा लेकिन नम्बर मिलने से पहले ही उसने फोन काट दिया और मुस्कुराते हुये बोला “ मुझे पता है तुम मुझे मुझसे भी ज्यादा प्यार करते हो लेकिन थोडा तुम्हे तडपाना तो बनता है” |



ये कहकर उसने फोन रख दिया और नहाने के लिए चला गया | इधर आकाश मन ही मन मे सोच रहा था कि अब तक तो वो जाग गया होगा और जगते ही वो अपना फोन चेक करता है तो फिर अभी तक कोई रिप्लाई क्युं नही आया, लगता है वो कुछ ज्यादा ही नाराज हो गया है, मुझे उसे फोन कर लेना चाहिये | ये सोचते हुये उसने तुरंत सन्दीप को कॉल किया लेकिन सन्दीप तो नहा रहा था इसलिये फोन बजता रहा और आकाश और परेशान हो गया | उसे अपने आप पर बहुत गुस्सा आ रहा था |



सन्दीप जैसे ही नहा कर बाथरूम से बाहर आया उसने फोन मे आकाश कि कई सारी मिस कॉल देखीं तो और ज्यादा खुश हो गया और गाना गाने लगा “ मैं हि मैं अब तुम्हारे खयालों मे हूं, मैं जवाबों मे हूं, मैं सवालों में हूं, देखते हो जिधर देखते हो जहां मैं यहां हूं यहां हूं यहां हूं यहां....” |

गाना गाते गाते वो अपने ऑफिस के लिये तैयार होने लगा कि तभी फिर आकाश की कॉल आ गई और इस बार भी उसने फोन नही उठाया | अब आकाश को सन्दीप की चिंता होने लगी थी कि कहीं कल रात गुस्से मे उसने कोई गलत कदम तो नही उठा लिया | ये सोचकर उसने एक आखिरी मैसेज भेजा “ I am so sorry my love, मै अभी तुम्हारे पास आता हूं” |



मैसेज भेजकर वो तुरंत घर से निकलने के लिये तैयार होने लगा कि तभी उसका मोबाइल बजा, उसने स्क्रीन पर नाम देखा तो उसकी जान मे जान आई क्युंकि फोन सन्दीप का था |



फोन उठाते ही सन्दीप ने कहा “ अरे ये क्या फॉर्मेलिटी अदा करते हो ये बार बार सॉरी, सॉरी बोलने की तुम्हे जरूरत नहीं है, मैंने गलती की थी मैंने मान लिया, आगे से ध्यान रखूंगा, लेकिन एक बात तुम भी ध्यान रखना, कितने भी नाराज हो जाना पर मुझे अपने से अलग होने को मत कहना” |



आकाश ने धीमी सी आवाज में कहा “ मुझे पता है कि मैने जो कल तुम्हारे साथ किया वो बहुत गलत था लेकिन मैं क्या करूं मै इतना गुस्से में था कि मुझे कुछ सूझा ही नही, लेकिन आगे से मै ऐसा कभी नही करुंगा, और हां मैने इतनी बार मैसेज भेजा कॉल की तुमने कोई जवाब क्यूं नही दिया? तुम्हे पता है कि बस उतनी देर में मैने क्या क्या सोच डाला और खुद को कितना कोस डाला, आगे से तुम भी ध्यान रखना कितना भी गुस्से में होना लेकिन मेरी बात का जवाब जरूर देना” |



बात करते करते उन दोनों की आंखे भर आईं फिर सन्दीप ने कहा “ मै तो बस अपनी नाराजगी जता रहा था, और वैसे भी अगर मैं सच कहूं तो तुम्हे परेशान करने में मुझे बडा मजा आता है, बस वही कर रहा था” |

ये सुनकर आकाश बोला “ अच्छा बेटा, मिलो फिर बताता हूं” |

इस पर सन्दीप ने हंसते हुये कहा “ जी अंकल, मैं जब मिलूं तो जरूर बताइयेगा” |

वो अक्सर आकाश को चिढाने के लिये उसे अंकल बोल देता था, हालांकि दोनो की उम्र में इतना भी फर्क़ नही था |



इसके बाद उन दोनों की ना जाने क्या क्या बात शुरू हो गई और फिर कुछ देर बाद संदीप ने बहुत प्यार से समझाते हुए कहा “ वैसे तुम उस गार्ड से इतना डर रहे थे दरसल वो गार्ड वार्ड हमारा कुछ नहीं बिगाड़ सकता, तुम इतने परेशान क्यों होते हो, मैं हूं ना तुम्हारे साथ तो तुम्हें परेशान होने की कोई जरूरत नहीं है, तुम बस खुश रहो और मुझे प्यार करो” |



आकाश उसकी किसी बात को ना तो कह ही नही पाता था तो हमेशा की तरह उसने मुस्कुराकर हां कहा और बोला “ लव यू” |

सन्दीप ने भी उसका जवाब लव यू बोल कर दिया, जिसके बाद सन्दीप ने हमेशा की तरह कहा “ म्म्म्म्मुआआह्ह्ह्ह्, अब एक किस तुम भी तो दे दो” |



आकाश भी कम नही था वो भी हमेशा की तरह कहने लगा “ ठीक है, ठीक है, अब फोन रखो, तुम्हे ऑफिस के लिये देर जायेगी” |

सन्दीप ने कहा “ कितने खडूस हो तुम” ये कहकर उसने फोन काट दिया |

दोनों के दिल का बोझ हल्का हो गया और दोनों अपने अपने काम करने लगे |



दोनों को अब अपनी जिंदगी में प्यार का सागर हिलोरे मारते हुए दिख रहा था, ऐसा लगता था जैसे अब उन्हे अपनी मंजिल मिल चुकी थी, समय किसी खूबसूरत सपने सा गुजर रहा था, फिर दो दिन बाद दोनों फिर मिले, आज आकाश ने मिलते ही सन्दीप को हग किया जिससे सन्दीप की खुशी का ठिकाना नही रहा | दोनों सेंट्रल पार्क में हरी हरी घास पर बैठ गये और बातें करने लगे |

कुछ देर बाद आकाश ने मुस्कुराते हुए कहा “ काश कोई ऐसी जगह भी होती जहां हम खुलकर जी सकते, एक दूसरे को प्यार कर सकते, क्या कोई ऐसी जगह नहीं है इस शहर में”? कितनी अजीब बात है कि हम इस देश के नागरिक हैं लेकिन हम अपनी मर्जी से प्यार भी नहीं कर सकते और ना ही ऐसी जगह जा सकते हैं, जहां हमें समाज के तानों को ना सुनना पड़े, मेरा मतलब जहां हमें कुछ छुपाने की जरूरत ना पडें” |



उसकी बात सुनकर संदीप ने हंसते हुए कहा “ ऐसी जगह चलना है क्या”?



आकाश ने बडी हैरानी से पूछा “ क्या सच में कोई ऐसी जगह है, इस शहर में”?

“ तुम्हें नहीं पता क्या” ? संदीप ने भी बडी हैरानी से पूछा तो आकाश ने ना में जवाब दिया |



संदीप ने कहा “ चलो अच्छा है, अभी कल तो मैं थोड़ा बिजी हूं, और आज भी मुझे अब जाना पडेगा, ऐसा करते हैं इस वीकेंड तुम्हें ले चलता हूं उस जगह” |

इस पर आकाश ने नाराजगी जताते हुए कहा “ अरे ऐसा क्या काम है, मुझसे ज्यादा जरूरी काम है, मुझे बताओ ना प्लीज” |