संदीप की इस बात पर आकाश ने हंसकर कहा “ यार मैने कब कहा कि तुम मुझे इंतज़ार कराते हो, ये तो मै खुद अपनी मर्ज़ी से जल्दी आता हूं | अब देखो मैं जहां पेंटिंग बनाता हूं वहां से जितना दूर मेरा घर है उतनी ही दूर कनॉट प्लेस है, जो कि तुम्हारे ऑफिस से भी लगभग उतना ही दूर पड जाता है, अगर मैं सीधा अपने घर जाऊंगा तो जाते जाते मुझे बहुत टाईम लग जायेगा और तब तक यहां पहुंचने का टाईम हो जायेगा, तो ये तो पॉसिबल नही हो पायेगा ना, इसलिये मै सीधा यहीं आ जाता हूं, और सच कहूं तो अब तुम्हें देखे बिना मैं कहां रह पाऊंगा, तुमसे मिलता हूं तो आगे जीने की चाह मिल जाती है और रही बात तुम्हारे देर से आने की तो कोई बात नहीं तुम भी तो मजबूर हो, काम तो पूरा करके ही ऑफिस से निकलोगे और वैसे भी मैं यहां तुम्हारा इंतजार करते हुए भी तुम्हारे साथ ही रहता हूं अकेले सुंदर से पार्क में बैठकर तुम्हारी कही बातें, तुम्हारी मुस्कान, तुम्हारा चलना फिरना, बोलना सब कुछ याद करता हूं, और मन पसंद गाने सुनता रहता हूं |
पता है मैने तो तुम्हारी यादों के ऊपर कई गानों का सेलेकशन भी कर रखा है, जब जैसी याद आती है वैसा ही गाना सुनने लगता हूं, वक्त का तो पता ही नहीं चलता कि तुम्हारे इंतजार में कब कट जाता है बल्कि मुझे तो तुम्हारे इंतजार में जो समय बिताता हूं वह ज्यादा मजेदार लगता है” |
इस पर संदीप ने हंसते हुए कहा “ तुम्हें तो शायर होना चाहिए, पेंटर कहां से बन गए, अजीब अजीब बातें करते हो अगर इतना ही प्यार है मेरी यादों से तो फिर तो मैं चला..... तुम यादों से ही काम चला लो, और इतना लम्बा एक्स्प्लेनेशन ओह गॉड .....ये तो मेरे सिर के ऊपर से निकल गया, तुम सच मे कितने बोरिंग और पकाऊ हो, ऐसा करो तुम अब यादों से ही काम चलाओ मै तो चला” |
यह कहकर वो आकाश को चिढाने के लिए वापस जाने लगा तो आकाश ने सन्दीप का हाथ पकड़ कर कहा “ ऐसा मत करो, मैं तुम्हारे बिना अब गुजारा नहीं कर पाऊंगा, रही बात तुम्हारी यादों की तो यादें बनाने के लिए मिलना तो पड़ेगा ही वरना नई यादें कैसे बनेंगी” |
संदीप ने हंसकर उसे गले से लगा लिया और कहा “ मानना पडेगा, बात मे पॉइंट तो है” |
उसके गले लगते ही आकाश हिचकिचा गया और बोला “ अरे यार क्या कर रहे हो? यहां नहीं... सब देख रहे हैं आसपास” |
संदीप ने हंसकर जवाब दिया “ दो प्यार करने वालों को कौन रोक सकता है” |
आकाश ने थोड़ा संकोच करते हुए कहा “ हमारा प्यारा जरा अलग है और तो और हमारा प्यार तो दुनिया की नजर में एक जुर्म है इसीलिए मैं तुम्हें समझाता हूं कि अगर हमें समाज में जीना है तो समाज के हिसाब से चलना पड़ेगा” |
इस पर संदीप ने नाराज होते हुए कहा “ क्या यार तुम हमेशा अपना लेक्चर देने लगते हो, मुझे नहीं यह सब बातें पसंद है, जिंदगी हमारी है, उसे हमें अपनी शर्तों पर जीना है अपने हिसाब से जीना है, हमें क्या अच्छा लगता और क्या बुरा, इसका फैसला हम करेंगे, हम किसी के डर से गले नहीं मिल सकते, एक दूसरे को किस नहीं कर सकते तो क्या फायदा इस समाज में रहने का, हमारे लिए इतने सारे प्रतिबंध लेकिन जो रेप करते हैं, मर्डर और टॉर्चर करते हैं, दुनिया भर के क्राइम करते हैं उनके लिए.... उनके लिए कुछ भी नहीं, सुनो ये सामाजिक बातें मेरे साथ तो मत किया करो” |
वह दोनों यह बातें करते करते एक दूसरे से बहस करने लगे कि तभी आकाश ने उसकी बात काटते हुए कहा “ अरे यार गलती हो गई... लो हाथ जोड़कर माफी मांग रहा हूं, मुझे माफ कर दो और यह लोग गाल गाल पर चांटा भी मार लो लेकिन प्लीज लड़ो मत” |
इस पर संदीप मुस्कुराया और जल्दी से उसके गाल पर किस करके इधर-उधर देखने लगा और बोला “ चेक कर लिया कोई नही देख रहा है, डोंट वरी” |
आकाश फिर थोड़ा हिचकिचा गया लेकिन मुस्कुराकर इधर-उधर देखने लगा कि कहीं कोई उन दोनों को देख तो नहीं रहा |
शाम अब धीरे धीरे रात में बदल चुकी थी, दोनों कनॉट प्लेस मे टहल रहे थे कि तभी संदीप ने कहा “ यार इतनी तेज भूख लगी है, कब से तुम अपनी बकवास बातें कर के पका रहे हो यह भी नहीं पूछा कि तुम्हें भूख लगी है या नहीं, चलो चल कर कुछ खाते हैं” |
आकाश ने कहा “ मुझे तो तुम्हे देख के ही भूख मिट जाती है” |
ये सुनकर पहले तो सन्दीप मुस्कुराया और फिर उसे घूरते हुये बोला “ क्या...???? क्या मतलब है तुम्हारा???”
वो आकाश को मारने दौडा और आकाश हंसते हुये भागने लगा | दोनों अक्सर इसी तरह एक दूसरे को छेडते रहते थे | इसके बाद वो कुछ खाने के लिये सोचने लगे |
दोनों अक्सर कुछ फास्ट फूड खाने के लिए मैकडॉनल्ड जाते थे संदीप की आदत थी कि वह हमेशा एक्स्ट्रा चीज बर्गर खाता था | आकाश अब उससे बिना पूछे ही उसके लिए एक्स्ट्रा चीज वाला बर्गर ले आता था और दोनों प्यार से खाते थे, कभी-कभी तो वह अलग-अलग फ्लेवर का बर्गर दोनों आधा-आधा शेयर करके खाते थे और वो भी सन्दीप की ही जिद पर |
संदीप कहता था कि “ इससे कई फायदे होते हैं, अब हमने दो फ्लेवर का टेस्ट भी ले लिया दूसरा हमारे पैसे भी बच गए और एक दूसरे के साथ शेयर करने से हमारा प्यार भी बढ़ गया” | इस पर आकाश जोर जोर से हंसता और कहता “ हे भगवान... तुम्हारी यह फिलॉसफी भी तुम्हारी कहानियों की तरह की बोरिंग और बकवास है, कोई लॉजिक ही नहीं है, आधा आधा खाने से पैसे बच कर फ्लेवर आ गया और शेयर करके खाने से प्यार बढ़ गया मतलब अगर हम अपना खाना शेयर ना करें प्यार नहीं बढ़ेगा” |
इस बात पर भी रेस्टोरेंट में ही उन दोनों की बहस होने लगती हालांकि उनकी बहस में संदीप की आवाज ज्यादा सुनाई पड़ती और आकाश की बहुत कम और हमेशा की तरह बाद में आकाश को ही माफी मांगनी पड़ती |