1.
आज निशा याद ले आई l
कैसे भूलेंगे वो है हरजाई ll
बेवफा को आवाज न देगे l
न बुलाएंगे कसम है खाई ll
१-१२-२०२२
2.
चांद बादलों से निकल आया l
जगमगाती रोशनी साथ लाया ll
निशा को भर दिया सितारों से l
आँखों ही में सारी रात जगाया ll
२-१२-२०२२
3.
बेपन्हा मुहब्बत की है l
जिंदगी इनायत की है ll
गुस्ताखी भी कह सकते हो l
इश्क़ की इबादत की है ll
दिल क्यूँ न फिदा हो जाए l
बात तो नफ़ासत की है ll
लिखावट की तहज़ीब देख l
लिखाई सराफत की है ll
एतबार रख खुद पे सखी l
जीत सदा सदाकत की है ll
३-१२-२०२२
नफ़ासत - सुंदरता
सदाकत - सच्चाई
4.
मेहनत से कभी नहीं डरना चाहिये l
कठिनाईयों में नहीं झुकना चाहिये l
दुनिया की बेतुकी बातों से कभी l
मन को खट्टा नहीं करना चाहिये ll
कितनी ही कठिनाइया क्यूँ न आए l
अश्क आंखो मे नहीं भरना चाहिये ll
मुसीबत का पहाड़ भी टूट पड़े l
चैन दिल का नहीं हरना चाहिये ll
सामने सुनामी भले आ जाए सखी l
कोई भी फर्क़ नहीं पड़ना चाहिये ll
एक मरने का मज़ा ले लिया फ़िर l
इश्क़ में बारहा नहीं मरना चाहिये ll
छोड़ के जाने वालो के लिए तो l
एक अश्क भी नहीं सरना चाहिये l
४-१२-२०२२
5.
जी भर के जीने का सपना है l
दिल भरोसा कर सब अपना है ll
साथ जीएगे साथ ही मरेंगे l
मुहब्बत की राह पर चलना है ll
प्यारी यादो को सहलाते हुए l
संग सितारों के जगना है ll
जो अंदर है वही बाहिर है l
जूठी नुमाइश से टलना है ll
सुर, ताल, लय के साथ l
छंद से गीतों को भरना है ll
५-१२-२०२२
6.
गुरूर है अपने हौसलों पर l
भरोसा है अपनी चाहतों पर ll
हैरत है कि कैसे जिंदा है l
हेरा है अपनी आदतों पर ll
बिना चलता जा राही आज l
मंजिल मिलेगी साहिलों पर ll
कोई ताज्जुब वाली बात नहीं l
प्यारों से हुए फासलो पर ll
जब जहाँ से रुख़सत होगे तो l
बसेरा होगा तब बादलों पर ll
६-११-२०२२
7.
बातेँ ग़मगीन थीं चंद रोज़ पहले तक l
यादें रंगीन थीं चंद रोज़ पहले तक ll
महफिल में चहल पहल मची हुई थी l
अदा संगीन थीं चंद रोज़ पहले तक ll
ख़्वाहिशें हद से ज्यादा बढ़ गई तब l
साँसे दीन थीं चंद रोज़ पहले तक ll
जवानी अंगड़ाई लेकर बहका रहीं हैं l
नादां मीन थीं चंद रोज़ पहले तक ll
बेपन्हा, बेइंतिहा, मदहोश होकर l
वो तल्लीन थीं चंद रोज़ पहले तक ll
७-१२-२०२२
8.
आंखों में मैख़ाना है l
हाथों में पैमाना है l l
महफिल में सखी l
रूठा तराना है ll
आँखें चुराना तो l
जूठा बहाना है ll
८-१२-२०२२
9.
जिंदगी की तलाश है l
प्यार का आग़ाज़ है ll
भले ही दूर जा बैठे l
वो दिल के पास है ll
ऐसे तो नहीं रूठते l
बात कोई खास है ll
७-१२-२०२२
10.
जिंदगी की और बढ़ाये क़दम l
जुनून के साथ जीते रहे हैं हम ll
थाम लिया है दिल को फ़िर भी l
किसकी यादों में आँखें है नम ll
जाम पे जाम छलकता था कल l
अब बरसती है आँखें छम छम ll
जुनून की हद तक प्यार किया l
रोक सके इतना ही नहीं दम ll
आज बैठे है अजनबी बनकर l
सखी हुआ करते थे हमदम ll
किस्मत में लिखा ही नहीं तो l
बिछड़ने का नहीं करेगे गम ll
चरागों को साथ लेकर चलना l
देख चारों ओर छाया है तम ll
१०-१२-२०२२
11.
ख़ुदा का दिल ख़ूबसूरत आशियां है l
सब के लिए आशिर्वाद से भरा है ll
जिन्दाली से जी रहे हैं सर उठाके l
उनके भरोसे बरक़रार हौसला है ll
११-१२-२०२२
12.
ख़ुशियाँ से भरा आँगन है l
किसी के आने की आहट है ll
प्यार के बदले प्यार मिला l
सखी खुदा की इनायत है ll
१२-१२-२०२२
13.
नादां से मुहब्बत है l
जी का जंजाल है ll
तकदीर का खेल l
गहरा संसार है ll
जिद छोड़ दो चलो l
पुकारता गंधार है ll
बेपन्हा इश्क़ का l
सखी ये अंजाम है ll
रूह के भीतर से l
बारहा इंकार है ll
१३-१२-२०२२
14.
नया संसार बसाने चले है l
यहां सब अपने ही छले है ll
बसाएगे आशियाना दिल में l
सुकूं प्यार की छाँव तले है ll
ख्वाईशो को मुकम्मल करेगे l
दिल में कई अरमान पले है ll
रश्क़ है 'सखी ' ज़माने को l
लोगोँ की आँखों को खले है ll
जश्न मनाएँगे हर लम्हा बस l
मुक़म्मली इश्क की गले है ll
१४-१२-२०२२
15.
पर्दे में मुस्कुराने रहे हैं l
रूठे को मनाने लगे हैं ll
माजी को भूलकर आज l
उदासों को हँसाने लगे ll
दोस्ती का मान रखने l
महफिल से जाने लगे ll
नुमाइश प्यार की करी l
लोग तिलमिलाने लगे ll
तोहफ़े में अंगुठी देख l
आंखें झिलमिलाने लगे l
१५-१२-२०२२