The Author Miss Chhoti Follow Current Read सच्ची दोस्ती By Miss Chhoti Hindi Classic Stories Share Facebook Twitter Whatsapp Featured Books વિશ્વની સૌથી ડરામણી શ્રાપિત વસ્તુઓ વર્ષોથી આપણે શ્રાપિત વસ્તુઓ અંગે સાંભળતા - વાંચતા આવ્યા છીએ... નિતુ - પ્રકરણ 65 નિતુ : ૬૫(નવીન)નિતુને કોઈ ફરક નહોતો પડતો, એ રોજની જેમ આવતી અ... Dear Love - 1 પ્રેમ એટલે શું?યાદ કર્યા વગર કોઈ યાદ આવી જાય એ પ્રેમ.સામે ન... યાદગાર દિવસ વત્સલ અને અર્પિતા પોતાના બેડરૂમમાં સુતા હતા. અને સવારે 8... ઈન્ટીરીયર ડિઝાઈનીંગ વિશે થોડી સમજ ઈન્ટીરીયર ડિઝાઈનીંગ વિશે થોડી સમજ આજના જમાનામાં ટેકનિકલ અને... Categories Short Stories Spiritual Stories Fiction Stories Motivational Stories Classic Stories Children Stories Comedy stories Magazine Poems Travel stories Women Focused Drama Love Stories Detective stories Moral Stories Adventure Stories Human Science Philosophy Health Biography Cooking Recipe Letter Horror Stories Film Reviews Mythological Stories Book Reviews Thriller Science-Fiction Business Sports Animals Astrology Science Anything Crime Stories Share सच्ची दोस्ती (6) 2.2k 8.1k दोस्ती हमारे जीवन का एक बहुत ही खास रिश्ता होता है। जन्म होते ही हमारे साथ कई रिश्ते जुड़ जाते है। पर दोस्ती का रिश्ता हम खुद ही बनाते है और दिल से निभाता है।जीत और राज एक दुसरे के बहोत अच्छे दोस्त थे। दोनों को एक दुसरे का साथ बहोत पसंद था। इन दोनों की दोस्ती मसहूर थी। दोस्ती की छोटी सी दास्तान आप के लिए.... जीत MP से और राज UP से था। दोनों की मुलाकात पटना की स्कुल मे हुई थी। जीत दिखने मे मासुम और मस्ती खोर था। उसी तरह राज भोला और सबके साथ खुलमिल जाने वाला। जीत और राज बहोत कम वक्त मे अच्छे दोस्त बन गए थे। दोनों की पक्की वाली दोस्ती हो गई थी। फिर तो स्कुल और बहार दोनों साथ मे रहते, खाना पीना, घुमना, और पढ़ाई सब साथ मे करते।दोनों अपने परिवार से दुर थे। दोनों एक दुसरे को अच्छी तरह समझते। राज और जीत सारे सुख दुःख मे साथ रहते। स्कुल मे इनकी दोस्ती की बातें हर कोई करता, क्लासमेंट से लेकर टीचर भी इन दोनों की दोस्ती की बातें करते। दोनों की पढाई पुरी हो गई थी। अब दोनों को जॉब करनी थी, पर साथ मे, इसलिए जीत और राज पटना मे एक जगह साथ जॉब के गए। दोनों का सिलेक्शन हो गया। राज और जीत बहोत खुश थे। साथ मे पढाई की और अब साथ मे जॉब करने वाले थे। शुरुवात हुई नये सफर की...रोज शुभः साथ मे जॉब पर जाते, पुरा दिन काम करते और रात को दोनों साथ घर आते, रात को कभी खाना बनाते तो कभी खाना खाने बहार चले जाते, और छुट्टी के दिन बाइक लेके दोनों घुमने निकल जाते। वहाँ पर भी पुरे ऑफिस मे राज और जीत की दोस्ती मशहुर हो गई थी। कुछ महीने के बाद... अचानक ऑफिस के मैनेजर ने जीत का ट्रांसफर दुसरे राज्य मे कर दिया। राज और ऑफिस के सभी लॉग इसबात से दुःखी हो गए। कोई नहीं चाहता था की जीत वहाँ से जाए, जीत भी दुःखी था। एक हप्ते मे वहा पहोचना था। सिर्फ तीन दिन बचे थे। पर जीत से पहले तो राज ने जॉब छोड़ दि। उसके बाद तो राज कहा था ये कोई नहीं जानता था। और जीत भी वहाँ से निकल गया। राज और जीत कहा है, किसीको कुछ पता नहीं था। ना कॉल और ना मैसेज किसी से कोई संपर्क नहीं हो रहा था। कुछ दिनों के बाद what up मे दोनों की साथ मे फोटो देखी तब सबको पता चला, नये शहर, नई जगह दोनों फिर से साथ मे जॉब कर रहे थे। दोनों की दोस्ती पक्की वाली थी। ये दोनों एक दुसरे के लिए कुछ भी कर जाते थे। अच्छा और सच्चा दोस्त बहोत मुश्किल से मिलता है।कुछ दोस्ती अपनो के रिस्तो से भी बढकर होती है, ऐसी दोस्ती बहोत कम होती है। । क्या आपका भी कोई ऐसा अच्छा दोस्त है...? तो ये स्टोरी अपने उस दोस्त को शेयर जरूर कीजिये। । स्टोरी पसंद आये तो रेटिंग जरूर दीजिये।। 🙏🙏_Miss Chhotti Download Our App