reverse leg - 2 in Hindi Horror Stories by Tarkeshwer Kumar books and stories PDF | उल्टे पैर - 2

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उल्टे पैर - 2

तारक खिड़की पर देखता हैं की गोलू डरी हुई निगाहों से लगातार तारक के पीछे देख रहा था। डर के मारे तारक की आवाज़ मानो चली गई थी। तारक पीछे पलटने को जैसे ही कोशिश करता हैं वैसे ही तेज आवाज में गोलू चिल्लाता हैं।नहीं, तारक पीछे नहीं तुझे कहानी याद हैं ना जिसमें क्या कहां था नाना जी ने की कभी पीछे नहीं पलटना चाहिए।

तारक और डर जाता हैं और बेहोश हो जाता हैं, आखिर छोटा बच्चा जो था। गोलू देखता हैं की वो औरत जो गोलू के पीछे थी वो टॉयलेट से ही बड़ी भयानक आवाज़ में बोलती हैं।आजा गोलू अपने भाई को बचाएगा नहीं।
अब गोलू भी कांप गया था डर से और लगातार चिल्लाने लगता हैं। नाना जी, नाना जी।

पर बिजली की तेज़ कड़कड़ाहट से और पेड़ों के हिलने के तेज़ शोर में गोलू की आवाज़ दब जा रहीं थीं। वो बुढ़िया वहीं चुड़ैल थी जो उस गांव के रहने वाले उसकी कहानियां सुनाया करते थे।

वो बूढ़ी औरत बड़ी ही तेज़ी से आगे बढ़ती हैं और तारक के पास आके बैठ जाती हैं।और हंसते हुए गोलू के तरफ देखती हैं।

गोलू भाग के नाना जी को जगाने जाता हैं पर दरवाजा बंद हो जाता हैं। गोलू जोर जोर से दरवाजा पीटने लगता हैं पर कोई फायदा नहीं होता। गोलू भाग के जाके खिड़की से देखता हैं तो वो चुड़ैल अपनी असली रूप में आ चुकी होती हैं।

बड़े बड़े बाल, नाखून जो पेड़ को काट के गिरा दें। दांत शेर के जैसे बाहर आ चुके थें और वो हंसते हुए गोलू को देखने लगती हैं। हाह्हह्हह आजा गोलू आजा तेरे भाई को खाते हुए मुझे देखना चाहेगा। हाहहहाहाहाहाहा

इतना सुनते ही गोलू जोर जोर से रोने लगता हैं। और बोलने लगता हैं के मेरे भाई को छोड़ दो। इतने में वो चुड़ैल चिल्लाती हैं की पहले तेरे को ही खा लेती हूं ताकि तेरा चिल्लाना बंद हो जाए। और तेजी से भागती हैं गोलू के तरफ। गोलू पहले मंजिल पर होता हैं और दरवाज़ा बंद होता हैं।

चुड़ैल पाइप के रास्ते चढ़ने की कोशिश करती हैं पर बार बार चढ़ नहीं पाती क्योंकि उसके पैर उल्टे होते हैं। पैर उल्टे होने के कारन वो गिर जाती हैं। पैर उल्टे होने के कारन वो पकड़ नहीं बना पाती।

इधर तारक को होश आता हैं धीरे धीरे और वो उठने की कोशिश करता हैं और देखता हैं की वो चुड़ैल गोलू को शिकार बनाने की कोशिश कर रहीं हैं।

तारक उठता हैं और दरवाज़े की और भागने की कोशिश करता हैं। वैसे ही चुड़ैल भागती हैं तारक की ओर और कूदती हैं उसे पकड़ने के लिए। उतने में वहां से गुजर रहें गांव वाले उसे देख लेते हैं और जोर जोर से चिल्लाने लगते हैं। मारो मारो चुड़ैल चुड़ैल चुड़ैल।

चुड़ैल तारक को पकड़ लेती हैं और गांव वालों को देखने लगती हैं।
इधर घर वाले भी उठ जाते हैं और बाहर से आ रहीं आवाज से घर का दरवाज़ा खोलते हैं। नाना जी देखते हैं की वहीं पास में चुड़ैल तारक को पकड़े खड़ी हैं।

नाना आनन फानन में उसी मंत्र का उच्चारण करने लगते हैं जो बहुत साल पहले अपने पिता जी से सीखे थें।

चुड़ैल बैचेन होने लगती हैं मंत्रों को सुनके और तेज़ी से तारक को छोड़ के भागने लगती हैं गांव वालों की तरफ़ और उन पर हमला ना कर के जंगल की और भाग जाती हैं।

गांव वाले कहते हैं की नाना जी वो अपने शिकार को कभी नहीं छोड़ती, वो फिर आएगी।

और नाना जी तारक को घर में लेके जाते हैं और उसके शरीर पर कोई निशान तो नहीं हैं वो ढूढने लगते हैं। तारक अभी भी बेहोशी की हालत में हैं।

पर गोलू के बारे में कोई नहीं सोचता के वो कैसा हैं.............क्या होगा गोलू का। अगले भाग में पढ़िए।

आगे की कहानी अगले हिस्से में.......