From today you are my mother. in Hindi Short Stories by Piyush Goel books and stories PDF | आज से आप मेरी माँ हैं.

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आज से आप मेरी माँ हैं.

एक क़स्बे में एक धनी सेठ रहते थे.सेठ बड़े ही पूजा पाठ वाले व दान देने में सबसे आगे रहते थे.स्कूल धर्मशाला आदि कई उन्होंने अपने पूर्वजों के नाम पर बनवाये हुए थे.सेठ जिनको बड़ी मिन्नतों के तीन लड़कियों के बाद बेटा हुआ,समय गुजरता रहा धीरे-धीरे सेठ अपनी लड़कियों की शादी करते रहे … सबकी शादी सेठ ने अच्छे घरों में की थी.सेठ ने अपने बेटे की शादी भी बड़े धूम धाम से की …. जब कभी भी सेठ घर में कोई भी आयोजन करते सभी बिटियाओं को बुलाना और सम्मान के साथ विदा करना …. घर से सब चले गए सेठ के घर से सोने का हार चोरी हो गया बात आई गई हो गई … समय अपनी रफ़्तार से गुज़र रहा था सब रिस्तेदारो को पता चल गया की हार चोरी हो गया हैं … सेठ के यहाँ समय-समय पर किसी न किसी शुभ कार्य का आयोजन होता रहता था.जब भी कोई आयोजन हो,हर बार कुछ न कुछ चोरी हो जाता …. सेठ व सेठानी ने क़सम खा ली की अब से हम लोग आयोजन नहीं करेंगे. सेठ जी को पता चल गया था की चोरी कौन करता हैं, लेकिन सेठ ने मरते दम तक किसी को नहीं बताया. सेठ बीमार रहने लगे और सेठ का लड़का अपने बीमार पिता की देख भाल नहीं करता था.उसको अपने माँ बाप की कभी भी चिंता नहीं रही. आपस में मनमुटाव रहने लगा माँ बाप बेटे से अलग रहने लगे.सेठ जी बहुत बीमार थे. उन्होंने एक दिन सभी को बुलाया अपनी तीनों बेटियों को और अपने बेटे को …. लेकिन बेटा नहीं पहुँचा … तीनों बेटियाँ अपने-अपने पतियों के साथ पहुँची. सेठ ने अपनी तीनों बेटियों को एक-एक पर्ची दी और कहा जब मैं इस दुनिया में न रहूँ तब इन पर्चियों को खोलना इतना कह कर सेठ जी हमेशा हमेशा के लिए चले गए. पर्चियों में एक ही बात लिखी थी अपनी माँ का ख़्याल रखना ….समय गुजरता रहा माँ अपनी बेटियों के साथ रहने लगी कभी एक बेटी के पास कभी दूसरी कभी तीसरी … लेकिन बेटे को अपने माँ बाप की जायदाद की चिंता थी सिर्फ़,बेटे में कभी भी अपने माँ बाप की सेवा का भाव न रहा.एक दिन अचानक एक व्यक्ति सेठानी से मिलने आता हैं और पैर छू कर माफ़ी माँगता हैं, सेठानी मुझे माफ़ कर दो मुझे पता लगा सेठ जी नहीं रहे. अरे तू तो वो ही हैं जो हमारी दुकान पर काम करता था.हाँ सेठानी, लेकिन तू एक दम कहाँ चला गया.मुझे माफ़ कर दो मैं ही वो चोर हूँ एक दिन चोरी करते मुझे सेठ जी ने देख लिया था.लेकिन सेठ जी ने किसी को नहीं बताया और मैं तुम्हारे यहाँ से चला गया क्यूँकि मैं आप लोगों से आँखे मिलाने के लायक़ न रहा.आज मैं प्रायश्चित करने आया हूँ आज मेरे पास कुछ भी नहीं हैं मैं और मेरी पत्नी हैं सिर्फ़ आपकी सेवा करना चाहता हूँ अब आपको बहनों के यहाँ जाने की ज़रूरत नहीं हैं .सेठ जी वाक़ई में अच्छे इंसान थे मैंने ही उनको धोखा दिया लेकिन मैं अब आपकी सेवा करना चाहता हूँ आज से आप मेरी माँ हैं.