1.
चरणों की धूल का शुक्रिया l
प्यारे से फूल का शुक्रिया ll
इश्क़ ने प्यार से भेजा हुआ l
फूल साथ शूल का शुक्रिया ll
माफ हैं अनजाने में की हुई l
हसीन सी भूल का शुक्रिया ll
बड़ी सिद्दत से वफ़ा ने की l
सखी बेवफाई का शुक्रिया ll
१६-११-२०२२
2.
पर्दा उठ गया l
राज़ खुल गया ll
इन्तझार में ही l
दिन ढल गया ll
लम्हा हाथों से l
यू निकल गया ll
हसीन हुश्न देख l
हिजाब जल गया ll
दीदार ए यार से l
सुकून मिल गया ll
प्यारी बातों से l
उफान टल गया ll
बेपनाह मुहब्बत में l
दिवाना पल गया ll
चाहत थी जिस की l
वो साथी मिल गया ll
१७-११-२०२२
3.
ख़ौफ़नाक दिनों में भी खौफ़ खाती नहीं l
जिंदगी में ख़ुद को कभी भरमाती नहीं ll
दिलों दिमाग को कशकर रखा हुआ है l
दुनिया हौसलों को तोड़ पाती नहीं ll
जो चाहिए हासिल तो करके रहेगे l
मंझिल से नज़र को फिराती नहीं ll
खुशियो का जहां आबाद रहे इश्क़ का l
दिल के ज़ख्म कभी दिखाती नहीं ll
सालों बाद ढंग का इंसान पाया है l
मुहब्बत मे कोई तसवीर भाती नहीं ll
१८-११-२०२२
4.
हुश्न ने पर्दा उठाया धीरे धीरे l
दिल को जलाया धीरे धीरे ll
बाग में माली ने बड़े जतन से l
फूल को खिलाया धीरे धीरे ll
महफ़िल में पीकर न बहके तो l
सखी जाम पिलाया धीरे धीरे ll
अलग ही तरीका है पीने का l
अब समझ में आया धीरे धीरे ll
जब ज़माने का अंदाज बदला l
तब खुद को ढाया धीरे धीरे ll
१९-११-२०२२
5.
तमन्नाएं प्यार के इर्द-गिर्द हैं l
आज भी फ़िज़ाए सर्द सर्द है ll
बस प्यार की दो बाते हुई l
मुलाकात के बाद सर्द दर्द है ll
पल भर की जुदाई में आज l
चहेरे पर कमसिनीं ज़र्द है ll
जिंदगी ने करवट बदली l
रात और दिन अफ़्सुर्द है ll
कितनी ही बंदगी कर लो l
वो खुदा के सामने गर्द है ll
तसव्वुर रहा जिसका वो l
नीद पे ख्वाबों की पर्द है ll
दर्द-ए-दिल जलाने को l
आज हुस्न खुद बेपर्द है ll
२०-११-२०२२
6.
चल पड़े हैं कदम मंज़िल की ओर l
जाना संग सनम मंज़िल की ओर ll
जानते है सफ़र में ठोकरें मिलेगी l
रखनी है नज़र मंज़िल की ओर ll
रास्ते है टेड़े मेडे पर न रुकेंगे कदम l
आखरी है सफ़र मंज़िल की ओर ll
जी भर के बातेँ करना चाहते हैं l
मिटाने को तड़प मंज़िल की ओर ll
जन्मोजन्म से प्यासा है ये दिल l
बुझाने को तरस मंज़िल की ओर ll
२१-११-२०२२
7.
अर्श की शमा जलती है शाम ओ सहर l
आश दिल में पलती है शाम ओ सहर ll
दिल के अरमान मचल जाते है तब l
प्यारी ग़ज़ल रचती है शाम ओ सहर ll
चांद चकोरी के मिलन के वक्त देखो l
रात धीरे से ढलती है शाम ओ सहर ll
नसीब में लिखा वो पाया मान लेने से l
बात सहज बनती है शाम ओ सहर ll
चाँदनी रात में सितारों की महफ़िल l
फलक पर सजती है शाम ओ सहर ll
नज़रों से जाम पे जाम पिलाती थी l
बारहा याद करती है शाम ओ सहर ll
मुकम्मल मुहब्बत हो जाने तक सखी l
साँसे पहरा भरती है शाम ओ सहर ll
खूबसूरत लम्हे जीने की चाहत की l
प्यास सुलगती है शाम ओ सहर ll
हमसफ़र, हमराह,हमजुबां के साथ l
जिंदगी सँवरती है शाम ओ सहर ll
मोमबत्तियां इश्क़ की तड़प को देख l
चुपचाप पिघलती है शाम ओ सहर ll
२२-११-२०२२
8.
बीती बाते भूल भी जाओ l
प्यार बरसाने चले आओ ll
फ़िर न मिलेगे सुहाने लम्हें ll
जो कहना है आज कहलो ll
गर जीना है यहां खुशी से l
यूही बहती धारा में बहलो ll
जानते हैं दर्दनाक शूल उठा है l
आज दर्द चुपचाप ही सहलो ll
अर्सों के बाद मिला है मौका l
सखी मन की बातेँ कारलो ll
२३-११-२०२२
9.
मुहोब्बत एक इबादत है ll
खुदा की ही इनायत है ll
जिंदगी अजाब बन गई है l
साँस लेनेकी इजाजत है ll
जुगनू चली झिलमिल करीब l
अब हर लम्हा कयामत है ll
बारहा नीद में सताते नहीं l
सखी ख्वाबों की शराफ़त है ll
छोड़ चुके सनम की गलियों l
बहुत पुरानी अदावत है ll
२४-११-२०२२
10.
सुनो ज़िंदगी तरन्नुम है l
बहती सुरीली सरगम हैं ll
हसते चहेरे के पीछे देखो
छुपा बैठा दर्द ओ ग़म है ll
दुःखों का तो मेला लगा है l
खुशियों के दिन क्रम है ll
भरी महफिल में तन्हा है l
जो मिला वो भी बेदम है ll
हर तरफ उदासी छाई l
सभी की आंखे नम है ll
करले यारी किसीसे l
यार बिना जहन्नुम है ll
यादो के बवंडर से आज l
सखी दिल हुआ पुरनम है ll
२५-११-२०२२
11.
मुस्कुराहट में छुपी है उदासी l
सुरमे वाली आंखे है प्यासी ll
दिन रात की जुदाई है कातिल l
कब से राह तकती है दासी ll
अह्सास था न आएंगे आज l
क़ासिद ख़बर लाया बासी ll
दिल को जलता छोड़कर सखी l
अब आशिक हो गया वनवासी ll
गर नारीत्व का नया रूप और l
हौसला देखना है जाओ झाँसी ll
२६-११-२०२२
12.
आज ख़्वाहिशों को रफ़ू कर लिया l
फिर सरशार-ए-आरज़ू कर लिया ll
ख्वाबों के जहाँ से निकलकर सखी l
ख़ुद को दुनिया से अदू कर लिया ll
इश्क़ में चाहत की इंतिहा तो देखो l
जो तमन्नाएं थी मौजू कर लिया ll
दिल के तहखाने में सुनामी आया l
भुलाने यादों को वजू कर लिया ll
२७-११-२०२२
सरशार-ए- आरज़ू - इच्छाओं से परिपूर्ण
अदू - इतिहास से दूर
मौजू - हाजर
वजू - नमाज से पहले हाथ पैर धोना
13.
चल रहे रास्ते मंज़िल की ओर l
सभी रिश्ते मंज़िल की ओर ll
परछाई ने साथ छोड़ दिया l
तमन्ना ने हाथ छोड़ दिया ll
सखी जिंदगी की सफ़र में l
कठिन सा पाठ छोड़ दिया ll
महफिल में पं.जसराज ने l
कल्याणी राग छोड़ दिया ll
गायिकाके गानेके अंदाज से l
धाधीतीना ताल छोड़ दिया ll
आत्म सन्मान की खातिर l
संबंध का तार छोड़ दिया ll
२८-११-२०२२
14.
थोड़े अल्फ़ाज़ बचाके रखना l
दिन मे चराग जलाके रखना ll
आँखों में ग़र सुनामी आ जाए l
तो अश्कों को छुपाके रखना ll
दिल पर तो राज कर रहे हैं l
सर का ताज बनाके रखना ll
ख़ुदा की ख़ूबसूरत नेमत हो l
हुश्न हूर को सजाके रखना ll
खुद को गम मे डूबा न देना l
उम्मीदे फूल खिलाके रखना ll
२९-११-२०२२
15.
मुहब्बत कहानी ना बन जाये l
जिंदगी रवानी ना बन जाये ll
सब न लिख देना दैनिकी में l
बाते जवानी की ना पढ़ जाये ll
३०-११-२०२२