Tadap Ishq ki - 31 in Hindi Love Stories by Miss Thinker books and stories PDF | तड़प इश्क की - 31

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तड़प इश्क की - 31

अब आगे..............

विक्रम काफी गुस्से में आ जाता है .....

" युवराज माणिक ....आप इनके पास नहीं आ सकते...." एकांक्षी की तरफ से आवाज़ आती है और तुरंत उसके दिल से एक रोशनी निकलती है जो उसी बौने का रूप ले लेती है......

विक्रम तिलमिलाते हुए कहता है....." तुम जानते हो प्रेषक तुम किससे बात कर रहे हो , , एकांक्षी हमारा प्रेम है , उसपर केवल हमारा अधिकार है ....."

" हम आपको जानते हैं युवराज , किंतु हमारा भी दायित्व है। इनकी सुरक्षा करना...."

विक्रम उसी गुस्से में कहता है....." तुम्हारा दायित्व क्या है क्या नहीं ये हम देखेंगे , तुम हमें नहीं रोक सकते , ये बात तुम जानते हो प्रेषक , , हम चाहे तो तुम्हें खत्म कर देंगे...."

" क्षमा करना युवराज , आप ये भूल रहे हैं इस समय हम इनकी आज्ञा के अलावा किसी की आज्ञा पालन नहीं करते और आपने हमारे अस्तित्व को खत्म किया , तो ये भी सदा के लिए अस्तित्व विहीन हो जाएंगी...."

विक्रम तिलमिलाते हुए कहता है....." जाओ वापस इससे पहले हम तुम्हें हानि पहुंचाए ...."

विक्रम की बात सुनकर प्रेषक वापस एकांक्षी में समा जाता है और विक्रम गुस्से में ही चिल्लाते हुए कहता है...." स्मृतिका , अपने अस्तित्व में आओ..." विक्रम के आॅडर देने पर उसके पास से एक सफेद रोशनी बाहर निकलती हुई एक छोटी परी जैसी लड़की के रूप में आकर कहती हैं....." बताइए युवराज क्या करना है..?.."

विक्रम रूडली कहता है....." तुम्हें जानने की जरूरत नहीं है , अपने मणि रुप में आओ..."

स्मृतिका एकांक्षी की तरफ देखकर कहती हैं....." युवराज क्या आप फिर से हमें ...

स्मृतिका की बात को काटते हुए विक्रम कहता है....." जितना कहा है उतना सुनो , अपने मणि रुप में आओ..."

स्मृतिका विक्रम की बात सुनकर तुरंत मणि में बदल जाती हैं , जिसे लेकर विक्रम वापस एकांक्षी के पास जाकर , उसे उसके माथे पर फेरते हुए कहता है ......" तुम्हारा ये अधिराज हमारी शक्तियों के सामने कुछ नहीं है , अब मैं भी देखता हूं ये तुम्हें कैसे पूर्वजन्म याद करवाता है , , तुम्हें कोई संगीत ध्यान नहीं रहेगा और न ही उस अधिराज का नाम ....." विक्रम हंसते हुए कहता है...." एकांक्षी केवल माणिक की है......"

विक्रम उसे कुछ पिलाते हुए कहता है....." अब तुम इस बूटी से ठीक हो जाओगी , , ..." विक्रम वापस उस मणि को अपने पास लाता है , जिससे वो फिर से उसी परी रुप में आ जाती है .......

" युवराज , आप हमारा दुरुपयोग कर रहे हैं , आप जबरदस्ती इनकी यादाश्त को खत्म नहीं कर सकते...."

विक्रम गुस्से में उसे देखते हुए कहता है...." चुपचाप वापस आओ हमारे पास ..." स्मृतिका मायुस सी वापस विक्रम में समा जाती है ....




**************

दूसरी तरफ अधिराज एकांक्षी के घर पहुंचता है , जहां उसे कोई नहीं मिलता तो परेशान सा वहां से चला जाता है....

" इस समय एकांक्षी कहां होगी...." अधिराज कुछ सोचते हुए कहता है ..." अधिराज नहीं ढूंढ सकता लेकिन आद्रिक ढूंढ सकता है...." इतना कहते ही अधिराज किरन को काॅल करता है.......

दो रिंग के बाद किरन अननाॅन नम्बर की काॅल रिसीव करते हुए कहती हैं...." Yes who are you....?..."

" Hey Kiran , aadrik chakravorty...."

" ओह ! हाय , , तुम्हें मेरा नम्बर कैसे मिला.....?..."

" i think you forgot , तुमने ही मुझे अपना नम्बर दिया था...."

" ओह ! आई एम सॉरी , मैं भी भूल जाती हूं , , बताओ कैसे काॅल किया....."

" तुम्हारी फ्रेंड कैसी है ...?.. मेरी वजह से उसको प्रोब्लम फेस करनी पड़ी , आज काॅलेज नहीं आया था इसलिए पुछा वो ठीक है न....?..."

किरन उसकी बात सुनते हुए कहती हैं....." तुम्हारी वजह से उसे कुछ नहीं हुआ , लेकिन अभी फिलहाल उसकी तबीयत ठीक नहीं है वो हाॅस्पिटल में एडमिट है ...."

अधिराज हैरानी से पूछता है....." क्या हुआ उसे....?...."

" आई डोंट नो , वट में अभी हाॅस्पिटल ही जा रही थी उसे देखने , , तुम चाहो तो चल सकते हो...."

" स्योर , बताओ कहां पहुंचना है...?..."

" मैं तुम्हारे फोन पर लोकेशन सेंड करती हूं...."

अधिराज ओके कहकर काॅल कट कर देता है....किरन कुछ ही देर में लोकेशन सेंड कर देती है....

" आखिर एकांक्षी को क्या हुआ ...?...हमें जल्द ही उस तक पहुंचना होगा...."

इधर विक्रम के बूटी पिलाने के बाद एकांक्षी को होश आने लगा था जिससे विक्रम उस डाक्टर को होश में लाता हुआ कहता है....." बाहर जाकर कुछ भी बोलने की जरूरत नहीं है , नहीं अभी सिर्फ बेहोश किया था , अगली बार ऊपर पहुंचा दूंगा , और सुन बाहर जाकर तुझे क्या कहना है....."

विक्रम डाक्टर को समझाकर उसे बाहर भेजता है और खुद उसके पीछे रहता है .....

डाक्टर के बाहर आते ही राघव उससे एकांक्षी की तबीयत के बारे में पूछता है....." अब कैसी है मेरी बहन....?..."

डाक्टर घबराई सी आवाज में कहता है.... " आपकी संज्ञान ठीक है मतलब उन्हें होश आने , मतलब आ गया है ...हम उन्हें थोड़ी देर में नार्मल वार्ड में शिफ्ट कर देंगे तब आप मिल लेना....."

राघव उसकी लड़खड़ाती हुई आवाज को भूलकर खुश होकर कहता है...." थैंक्स डाक्टर , ..."

डाक्टर उसे टोकते हुए कहते हैं....." आप थैंक्स मुझे नहीं इन्हें कहिए...." डाक्टर सामने से हटता है और उसके पीछे खड़े विक्रम को राघव के सामने करता है....

राघव उसे देखकर गुस्से में दांत भींचते हुए कहता है..." तुम... मैंने मना किया था न मेरी बहन से दूर रहना... ‌‌."

डाक्टर उसे रोकते हुए कहते हैं....." रिलेक्स मिस्टर राघव , आज आपकी बहन केवल इनकी वजह से ही ठीक है , ये डाक्टर नैथन से स्पेशली कंसल्ट करके वो इन्जेकशन लेकर आए थे , जिससे आपकी बहन को होश आया है....."

उधर किरन और अधिराज भी हाॅस्पिटल पहुंच चुके थे.... किरन recieptnist से एकांक्षी के बारे में पूछती है जिससे वो उसे इमरजेंसी वार्ड की तरफ जाने के लिए कहती हैं....

इधर राघव अपने बहन के होश में आने पर खुश था इसलिए विक्रम के पास जाकर कहता है ....." थैंक्स , लेकिन प्लीज़ अब उसके आस पास भी मत भटकना...."

विक्रम उसकी तरफ देखते हुए कहता है...." मुझे पता है मेरी ग़लती थी इसलिए यहां आ गया लेकिन मुझे एकांक्षी के पास जाने से कोई नहीं रोक सकता , , आप भी नहीं...." इतना कहकर विक्रम वहां से चला जाता है और राघव उसे जाते हुए देखकर अपने आप से कहता है...." मुझे धमकी देकर गया है , ...."

विक्रम कारिडोर की तरफ बढ़ता है और आद्रिक और किरन सामने की तरफ से अंदर आते हैं.....




..................to be continued.............

क्या आद्रिक और विक्रम का आमना सामना होगा...?

क्या आद्रिक विक्रम की सच्चाई जान पाएगा क्या होगा एकांक्षी का बदला हुआ रूप...?