Pehchan - 21 in Hindi Fiction Stories by Preeti Pragnaya Swain books and stories PDF | पेहचान - 21 - मुझसे दोस्ती करोगी?

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पेहचान - 21 - मुझसे दोस्ती करोगी?

पीहू बोली ठीक है जिद मैं रहो, मैं चली अपने काम पे.... बोलते हुए वहाँ से चली गयी..

अभिमन्यु भी कहाँ पीछे हटने वाला था वो भी अपनी जिद पे अडा रहा ......

सुबह से लेकर शाम हो चुकी थी ,पीहू अपने कामों मे ब्यस्त थी ,तभी कैफे मे लगी tv मैं एक न्यूज़ लगातार फ्लैश हो रही थी, की अभिमन्यु राजपूत की हुई मौत, अब कौन संभालेगा उनका empire क्या इतना बड़ा राजपुत खानदान एसे ही मिट्टी मैं मिल गया है ...... जैसे ही पीहू ये सुनी वो shocked होगयी... वो बिना डेरी किये वहाँ से निकल कर अभिमन्यु के पास जाने लगी.....

इधर अभिमन्यु अपने आपसे बात करते हुए बोला, भला ये लड़की खुदको क्या समझती है हाँ,मैं इतना बड़ा business tycoon हूँ, पर उसको मेरी ज़रा सी भी इज्जत नहीं, पहले तो मुझसे बात नही की, अब मैं यहाँ उसके लिए भूखा बैठा हुआ हूँ पर वो अपने काम पे चली गयी और अब तक एक call भी नहीं किया, भला एसे कौन करता है . ......

तभी दरवाजें के खुलने की आवाज़ हुई, अभिमन्यु कुछ सोचते हुए तुरंत सोने की एक्टिंग करने लगा...
पीहू अंदर आई और अभिमन्यु को सोते हुए देख अपने कदम रोक लिए फिर टेबल पे रखे खाने के प्लेट की तरफ देखी.... उसमे से एक भी निबाला नही गया था, तो ये तो साफ होगया की अभिमन्यु ने सच मे अब तक कुछ नहीं खाया था...

पीहू खुदसे बोली है भगवान सचमे ये बच्चा है ,भला एसे कौन करता है, चोट है उपर से भूखा बैठा हुआ है एसे रहेगा तो कैसे चलेगा..... पहले इसको खाना खिलाती हूँ फिर जाकर इसे न्यूज़ के बारे मैं बताऊंगी.. पीहू अभिमन्यु को पुकारते हुए उठाने की कोसिस की.... अरे! उठो खाना खा लो... अरे! उठो भी... पर अभिमन्यु नही उठा तो अब पीहू न चाहते हुए भी उसे हिलाकर उठाने लगी......

अभिमन्यु एक आलश भरी आवाज मे बोला तुम आगयी केसा रहा तुम्हारा दिन?

पीहू बोली वो बात छोड़ो पहले कुछ खा लो,

अभिमन्यु बोला नहीं....

पीहू बोली देखो काम करते करते मेरी हालत खराब है मैं जा रही हूँ खाना गरम करने तब तक तुम फ्रेश होजाओ और चुप चाप खाना खा लो, बोलते हुए kitchen की तरफ चली गयी . . .

अभिमन्यु वंही बैठा रहा, पीहू खाना गरम करके लाई और अभिमन्यु को वंही वैसे बैठते हुए देखकर बोली अरे बोली न जाओ फ्रेश होकर आओ खाना, खाना है...

अभिमन्यु बोला नहीं, जब तक तुम मुझे वजह नही बता देति की आखिर तुम मेरे साथ मेरे घर क्यों नही चल सकती तब तक मैं कुछ नहीं खाऊंगा......

पीहू सोची इसने खाना नही खाया है तो जाहिर सी बात है मेडिसिन भी नहीं खाया होगा, तो हो सकता है उसकी वजह से इसकी हालत और खराब हो सकती है और उपर से अब इसके कंपनी की जो हालत है उसे तुरंत सबके सामने जाना चाहिए.... वो एक गहरी सांस लेते हुए बोली अच्छा अगर मैं तुम्हे वजह बता देती हूँ तो तुम खाना खा लोगे और यहाँ से भी चले जाओगे न!

अभिमन्यु बोला हाँ..

पीहू बोली देखो पहली बात तुम मुझपे भरोसा नही करते भला मैं तुम्हारे साथ कैसे रह सकती हूँ ? एक बार नही बहुत बार तुमने मुझपे भरोसा नही किया है और सब से बड़ा इल्जाम भी तुमने मुझपे डाल दिया की मैं तुम्हे कुछ पैसों के लिए मारना चाहती हूँ ....... . तो मैं तुम्हारे साथ कैसे रह सकती हूँ क्या पता कल को तुम्हारे उपर किसीने अट्टेक करवाया तुम मुझपे ही शक करोगे..
दूसरी बात मैं बहुत से काम करती हूँ , मुझे पैसों की शख्त जरूरत है सो काम नही छोड़ सकती ... और यहाँ से मेरे काम पास मैं पड़ते हैं तो मुझे आसानी होती है . अगर मैं तुम्हारे साथ रही तो मुझे काम पे जाने मे भी डेरी होगी सो मैं तुम्हारे साथ नही चल सकती....

अभिमन्यु पीहू की बात सुनने के बाद एक गहरी सांस लेते हुए बोला देखो i am sorry पहले जो भी हुआ उसके लिए मुझे माफ करो ... देखो हालात एसे थे ,उपर से एक businessman होने के वजह से कई बार मुझे एसे साजिसो का सामना करना पड़ा है तो इसलिए मैं तुमपे भरोसा नहीं कर पाया....पर promise अब आगे से एसा नही होगा और दूसरी बात तुम गाड़ी मैं चली जाना अपने जॉब पे तुम्हारे लिए easy रहेगा और time भी बचेगा..

पीहू अपने हात को सर पे रखते हुए बोली है भगवान , सचमे तुम एक duffer हो...भला मैं एक नॉर्मल सा जॉब करती हूँ मजदूरों वाली और तुम मुझे गाड़ी मैं जाने को बोल रहे हो और एक बात वो गाड़ी तुम्हारी होगी तो जाहिर सी बात है मीडिया वाले तो उसको एक झटके मैं पहचान लेंगे फिर मुझपे सवालो की बारिश होगी ,नहीं बाबा नही मैं ये सब नहीं झेल सकती ....

अभिमन्यु भी बोला अरे मैं तो ये सब सोचा ही नही सचमे अभिमन्यु तु एक duffer है भला तु एसे कैसे कह सकता है ?
अभिमन्यु बोला अच्छा तुम एक काम क्यों नही करती तुम ये सारे काम छोड़ दो और मेरे पास काम करो ?

पीहू बोली पर. ...

अभिमन्यु ने उसकी बात को काटते हुए कहा देखो मैं कुछ नही जानता , तुम बस मेरे पास काम करो please,
तुम्हे ये सारे जॉब करके जितना सैलरी मिलता था मैं तुम्हे वो अमाउंट दे दूंगा पर please मेरे औफर को ठुकराना मत....

पीहू कुछ सोची और बोली अच्छा इतना सब बोल दिये, मुझपे भरोसा नही करते थे अब मुझपे इतना भरोसा करने लगे हो की मुझे अपने पास रखना चाहते हो,
इतना बड़ा businessman होने के बाद भी मुझे काम पे रखने के लिए इतनी जिद, इतना request आखिर क्यों..... किसलिए आखिर क्या चाहते हो तुम मुझसे ?
अभिमन्यु बोला दोस्ती चाहता हूँ तुमसे...

पीहू बोली क्या दोस्ती.. ?

अभिमन्यु बोला हाँ दोस्ती, पता नही क्या है पर तुम मुझे पसंद हो और कंही न कंही तुम मे कुछ तो अलग है इसलिए मैं तुमसे दोस्ती चाहता हूँ....

क्या तुम मुझसे दोस्ती करोगी?

पीहू कुछ सोची और बोली दोस्ती करूँगी पर उसके लिए तुम्हे मेरी कुछ बाते माननी पड़ेगी...

अभिमन्यु बोला हाँ ठीक है बोलो क्या क्या करना होगा?