Prayaschit - 7 in Hindi Fiction Stories by Devika Singh books and stories PDF | प्रायश्चित- 7 - Shatir Chalbaaz

Featured Books
Categories
Share

प्रायश्चित- 7 - Shatir Chalbaaz

साल्वे जहां खड़ा था राज उसके पास जाकर वो खड़ा हो गया लेकिन साल्वे को जरा सा भी महसूस नहीं हुआ कि राज उसके पास ही खड़ा है साल्वे की बात सुनकर उसे कुछ समझ में आ रहा था कि असल में यह सब पूरा का पूरा प्लान था और जिस में राज फस चुका था।

असल में यह साल्वे का ही प्लान था साल्वे जानता था कि माथुर उसके घर में चोरी करवाएगा और चोरी करा करवाने के लिए उसने एक आदमी को उस रात भेजने वाला था साल्वे यह बात जानता था इसलिए उस रात उसने अपने वॉचमैन को छुट्टी दे दी थी ताकि वह चोरी करता और फिर उसके जरिए साल्वे उसके अड़े तक पहुंच जाता लेकिन चोरी करने वाला राज निकला लेकिन साल्वे के प्लान में थोड़ा भी बदलाव नहीं हुआ उसने जो प्लान बनाया था राज उसमे में फंसता चला जा रहा था।

साल्वे जानता था कि इतने पैसे देखने के बाद किसी भी आदमी का नियत तो बदलेगा ही।

एक वकील इतना शातिर हो सकता है राज ने कभी सोचा भी नहीं था।

कुछ देर बाद साले पुलिस से बात करने के कुछ देर बात करने के बाद साल्वे के फोन पर एक फोन आया उसने वह फोन उठाया सामने से पायल उससे बात कर रही थी। असल में पायल शुरू ही जानती थी। राज एक चोर है और इसी बात का फायदा उसने उठाया।




साल्वे ने फोन उठाया।

पायल: सर आपने जैसा कहा था मैंने बिल्कुल वैसा ही किया है तो आप मेरे हिस्से के पैसे आप मुझे दे दो मैं चली जाऊंगी।

राज को दूसरी तरफ किसी लड़की की आवाज से सुनाई तो दे रही थी लेकिन उसे यह नहीं पता था कि दूसरी तरफ पायल ही थी।

साल्वे: तुमने उन पैसों का क्या किया?

पायल: सर आपके कहने के मुताबिक मैंने उन पैसो को आपके घर पर पहुंचा दिया है।

साल्वे: ठीक है तुम अभी कहां पर हो।

पायल: मैं हॉस्पिटल के नीचे खड़ी हूं।

साल्वे: ठीक है मैं आता हूं तुम ही वहीं रुको।

राज की साल्वे के पीछे लग गया और वह भी उसके पीछे-पीछे नीचे चला जा रहा था नीचे पहुंच कर उसने जब पायल को देखा तो उसके पैर से जमीन खिसक गई अब उसे सारा खेल समझ आ गया था

साल्वे ने नीचे पहुंचकर पायल को एक पैसों से भरा बैग दिया और उस की फाइल को वही जला दिया।

दरअसल वह अकाउंट किसी मेघा शर्मा के नाम पर था वह एक फर्जी अकाउंट था माथुर ने उस फर्जी अकाउंट को इसलए बनाया था ताकि वह अपने काले पैसों को जमा कर सके।

जिसका यूज़ वो किसी भी लड़की का यूज करके वह पैसे निकालकर देश से बाहर भाग सकता था लेकिन इसका यूज साल्वे ने कर लिया था।

अब चिट भी उसकी थी और पट भी उसका था। और वहा से साल्वे हॉस्पिटल के अंदर चला जाता है।

राज भी उसके गाड़ी के पीछे लग चुका था उसके गाड़ी का पीछा करता हुआ वह उसके पीछे जा रहा था उसने अंकित को वहीं पर छोड़ दिया था सबसे पहले वह पायल से पूछना चाहता था कि आखिर उसने ऐसा उसके साथ क्यों किया।

उसकी गाड़ी एक बिल्डिंग के नीचे खड़ी हुई और वह गाड़ी से निकलते हुए किराया देने के बाद उस बिल्डिंग में चली गई राज भी उसके पीछे ही था और और वह जब कमरे में घुसी तो राज ने उसके उसे धक्का देते हुए वह भी उस कमरे में घुस गया राज को देखते हुए पायल बहुत खुश हुई पर राज को समझ में नहीं आ रहा था कि वह उसे देखकर इतनी खुश क्यों है।

पायल: मुझे पता था तुम मेरा पीछा करते हुए मेरे पास पहुंच जाओगे देखो अबे हमारे पास बहुत पैसे हैं अब हम कहीं भी जा सकते हैं अब हमें डरने की कोई जरूरत नहीं है।

राज: मेतुमने मेरे साथ ऐसा क्यों किया मैंने तुम पर बहुत भरोसा किया था पर तुमने मुझे धोखा दिया।

तब पायल ने उसे समझाया और कहा

पायल: मैंने तुम्हें कोई धोखा नहीं दिया तुमने जो कहा था मैने बिल्कुल वैसा ही किया। और मैंने वह पैसे भी अभी तक साल्वे को नहीं दीए वह पैसे अभी तक उसके पास पहुंचे ही नहीं है मैंने तो सिर्फ उसके वॉचमैन को एक पेपर से भरा हुआ बैग दिया है जब वह घर पहुंचेगा तो उसे पता चलेगा कि उसे पैसे नहीं मिले हैं मैं उसके चंगुल से तो निकल गई हूं लेकिन ज्यादा दूर तक नहीं जा सकती। इसमें मुझे तुम्हारी जरूरत पड़ती मैं यहां आने के बाद तुम्हें फोन करने वाली थी क्योंकि अगर मैंने ऐसा नहीं करती तो आज नहीं तो कल साल में वो मुझ तक पहुंच ही जाता और अब हमारे पास कुछ देर का टाइम बचा हुआ है हम अभी भी जा सकते हैं।

पायल की बात सुनकर राज उस पर भरोसा करें या ना करें यह सोच रहा था। उन लोगों के पास टाइम काम था। राज को अभी कोई फैसला तुरंत ही करना था।

राज: मेरा दोस्त हॉस्पिटल में भर्ती है मैं उसके बिना नहीं जा सकता।




पायल: देखो मुझे तुम्हारे दोस्त के बारे में सुनकर तकलीफ तो हुई लेकिन मैं यह सब हो जाने के बाद उसके बारे में जान पाई थी मुझे शुरू से यह बात पता नहीं थी कि वह तुम्हारा दोस्त है।

राज कुछ सोच नहीं पा रहा था मुझे समझ में नहीं आ रहा था कि उसकी नासिब इन 2 दिनों में कहां से कहां गई थी।

उसने पास में पड़े पानी को उठाकर अपनी दवा ली और थोड़ा शांत होकर सोचने लगा।

तभी पायल ने उसे कहा।

पायल: यह सोचने का वक्त नहीं है अब तक तो साल्वे हॉस्पिटल से निकल चुका होगा हमें जल्दी करनी चाहिए उससे इस जगह के बारे में पता है।

वह कुछ सोच नहीं पा रहा था उसे दोस्त चाहिए था या पैसे

पायल ने उसे कहा

पायल: हम उसे बाद में छुड़ा लेंगे अभी हमारे पास पैसे हैं हम कुछ भी कर सकते हैं। लेकिन अगर हम इस वक्त साल्वे के गिरफ्त में आ गए तो हम कुछ भी नहीं कर पाएंगे ओर साल्वे क्या पता हमें मार ही दे अगर उसे पता चला कि मैंने उसके साथ धोखा किया है।




पायल की बात भी बिल्कुल सही बोल रही थी उस समय वही राज को सही लग रहा था




और उधर साल्वे अपनी गाड़ी निकाल कर अपने घर की तरफ निकल चुका था। वह बहुत खुश था अपनी चालाकी से उसने बहुतों को बेवकूफ बनाया था लेकिन उससे पता नहीं था कि असल में वह खुद बेवकूफ बना है।




और यहां राज पायल के साथ जाने के लिए तैयार हो जाता है वह दोनों एयरपोर्ट के लिए रवाना हो जाते हैं रात के 12:30 बज चुके थे।

उसे अपने करने का पछतावा तो था लेकिन वह सोच रहा था कि जल्द से जल्द यहां से निकलकर अंकित को भी वहां से छुड़ा लेगा।

पायल: तुम फिकर मत करो तुम्हारे दोस्त को कुछ नहीं होगा भरोसा करो मुझ पर।

राज: हां मुझे तुम पर भरोसा है।

क्या साल्वे इन दोनों को पकड़ने में कामयाब होगा और कहा होगा माथुर वह भी राज से बदला लेने के फिराक में होगा क्या राज अंकित को बचाने में कामयाब होगा।

जानने के लिए पढ़ते रहिए




प्रायश्चित