Pehchan - 20 in Hindi Fiction Stories by Preeti Pragnaya Swain books and stories PDF | पेहचान - 20 - मैं तुम्हे पागल दिखती हूँ क्या ?

Featured Books
Categories
Share

पेहचान - 20 - मैं तुम्हे पागल दिखती हूँ क्या ?

पीहू बोली अच्छा.....इतना भरोसा ,वैसे ये भरोसा आया कहाँ से ?पहले तो नहीं था !
ओ अच्छा.........अब समझी, तुम्हारी जान बचाई हूँ इसलिए इतना प्यार उमड़ रहा है न मुझ पे?

अभिमन्यु बोला अरे! sorry वो बात नहीं है, एक बार मेरी पूरी बात सुनलो please , उसके बाद तुम जो चाहो सोचलेना......

पीहू बिना कुछ कहे वहाँ से जाने लगी तो.....

अभिमन्यु ने कहा मैं तुम्हारे आगे हात जोड़ता हूँ कहोगे तो पैर पकड़ने को भी तैयार हूँ,please मेरी बात सुनलो ......

पीहू बोली.... वैसे इतना कह रहे हो तो....ठीक है,हात जोड़ने से काम चल जायेगा पैर पकड़ने की जरूरत नहीं....

अभिमन्यु एक सवालिया नजरों से पीहू की तरफ देखते हुए कहा ,क्या तुम सचमे चाहती हो की मैं तुम्हारे आगे अपना हात जोड़ूं!

पीहू बोली अरे !तुम तो बड़े confusing हो... पहले बोले हात जोड़ोगे ,अभी करने को बोली तो उल्टा मुझसे सवाल कर रहे हो.....छोड़ो तुम से न हो पायेगा ... उससे अच्छा है तुम आराम से सो जाओ मैं जा रही हूँ okkk.

अभिमन्यु तुरंत अपने हात जोड़ते हुए बोला please मेरी बात एक बार सुनलो.....
.
पीहू बोली ठीक है क्या बोलना चाहते हो बोलो...

अभिमन्यु बोला देखो सच्चाई ये है की मैं कई दिनों से तुम्हे follow कर रहा हूँ, इसलिए मुझे इस बात का बोध होगया है की तुम गलत नहीं थी तो बस मैं तुमसे माफ़ी मांगने और एक गिफ्ट देने आया था पर attack के वक़्त वो गिफ्ट वंही कंही गिर गयी.....

और जो तुमने कल मेरी जान बचाई है उसके लिए thank you.

पीहू बोली अच्छा ठीक है ,अच्छा है आखिर कार तुम्हे समझ तो आया की मैं गलत नहीं थी, it's okk और कुछ बोलना है?

तभी अभिमन्यु कुछ बोलना चाहता था पर रुक गया . . .. ....

पीहू बोली अच्छा ठीक है मैं अब चलती हूँ मुझे काम पे भी जाना है ......... यहाँ landline है चाहो तो किसीको call करके बुला देना वो आके तुम्हे यहाँ से ले जायेगा....

अभिमन्यु बोला क्यों यहाँ रहने मैं कोई problem है क्या?

पीहू बोली जी हाँ,problem है... ये घर न तो आपका है, न ही मेरा सो यहाँ पे रहना allowed नहीं है ,वो तो आपको treatment की जरूरत थी तो मै यहाँ के owner से बात की इसलिए उन्होंने आपको रहने दिया....पर अब और नही हो सकता...
तभी घडी की तरफ देखते हुए बोली o shit! Late होगयी ...और एक चिड़चिड़ा अंदाज से अभिमन्यु को बोली , तुम भी न पहले तो तुम्हारे वजह से सुबह का काम नहीं हो पाया और नहीं दोपहर का अब शाम का भी काम रह जायेगा, छोड़ो अब मैं कुछ और नहीं बोल रही ,तुम बस देखलो अपना क्या करना है , मैं अपने काम पे चली कहते हुए जाने लगी .. . .

तभी पीछे से अभिमन्यु ने कहा please मेरे साथ मेरे घर चलो न....

पीहू के कदम रुक गए , वो पीछे मुड़ी और बोली क्या बोले?

अभिमन्यु बोला मैं चाहता हूँ की तुम मेरे साथ मेरे घर चलो...

पीहू बोली ,मैं तुम्हे पागल दिखती हूँ या मेरे सकल पी कंही लिखा है की मैं गधी हूँ ... अच्छा मजाक कर लेते हो....

अभिमन्यु बोला अरे! सचमे, मैं मजाक नहीं कर रहा हूँ.....

पीहू एक serious tone मैं बोली, देखो मैं जानती हूँ ,मैं तुम्हारी जान बचाई हूँ इसलिए तुम मुझे अपने साथ रखना चाहते हो पर sorry मैं तुम्हारे साथ नहीं रह सकती..

अभिमन्यु बोला अरे sorry न पहले जो भी हुआ please मान जाओ न....

पीहू बोली नहीं मतलब नहीं...

अभिमन्यु बोला देखो में कान पकड़कर कर उठक बैठक भी कर लेता हूँ please मुझे माफ करदो न कहते हुए उठक बैठक करने लगा....

पीहू उसे रोकते हुए बोली stop एसे मत करो तुम्हे दर्द होगा और वैसे भी मैं तुमसे नाराज़ नहीं हूँ....

अभिमन्यु बोला अगर मुझसे नाराज़ नहीं हो तो फिर मेरे साथ चलने मैं क्या problem है?

पीहू बोली छोड़ो तुम नहीं समझोगे तो अच्छा होगा तुम यहाँ से जितनी जल्दी हो सके चले जाओ....

अभिमन्यु बोला नहीं जब तक तुम मुझे नहीं बोल देती आखिर क्या problem है मैं न तब तक कुछ खाऊंगा और न ही यहाँ से जाऊंगा.....