Woh! Mera Pyar - 4 in Hindi Fiction Stories by Anjali Lingayat books and stories PDF | Woh! Mera Pyar - Episode 4

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Woh! Mera Pyar - Episode 4

डेढ़ महीने बाद, आशी बड़े अच्छे ढंग से कबीर के साथ पब जाने के लिए तैयार हुई, कबीर उसे अपने साथ पब ले गया। वे पब पहुंचे और साथ में डांस किया। जैसे ही आशी कबीर के करीब आई, उसे थोड़ा अजीब लगा। आशी उसे किस्स करने ही वाली थी कि उसने उसे दूर धकेल दिया। कबीर हँसा और एक लड़की को बुलाया, उसने उस लड़की को इमोशनल तरीके से चूमा। कबीर और वो लड़की आशी को देख उसे पर हँसते हैं। आशी कबीर से पूछती है कि उसने उसके साथ ये क्या किया और उसने उस लड़की को क्यों चूमा।
तरुण ने उस स्थिति का फायदा उठाया जो वो आशी को अब घर लौटने के लिए कहता है।

दो घंटे बाद, आशी घर पहुंची और तरुण ने शरारती मुस्कान के साथ कुछ तस्वीरें और वीडियो दिखाए। आशी उसे थप्पड़ मारती है और कबीर के कमरे की ओर चली जाती है। उसने कबीर और सायशा को बिस्तर पर इंटिमेट स्थिति में देखा। कबीर और सायशा जोर-जोर से हँस रहे थे।

आशी उनकी ओर आई, उसने फिर से कबीर को थप्पड़ मारा और गुस्से में उसके चेहरे पर मुक्का भी मारा। कबीर बिस्तर से उठे और पैंट पहन ली। सायशा ने चादर ओढ़कर अपने शरीर को ढक लिया।

कबीर गुस्से से कहता हैं, "तलाक के कागज हम पहले ही साइन कर चुके हैं। हम इस रिश्ते के लिए तैयार नहीं थे, याद है ना तुम्हें। हम एक साल से सिर्फ नकली नाटक कर रहे हैं। तुम जानती हो कि ये लड़की और मैं पहले से ही शादी कर चुके हैं और हमारा जल्द ही बच्चा होने वाला है। और सुनो मेरे बीवी का नाम सायशा है।"

आशी का दिल टूटा गया। कबीर गुस्से से कहता है, "अब इस घर से निकल जाओ और अपना सामान पैक करो, आज मेरे घर से निकल जाओ मतलब अभी। पैसे पहले से ही तुम्हारी अलमारी में रखे हुए हैं। अब मेरे घर से और लाइफ से निकल जाओ।"

आशी दोनों को थप्पड़ मारती है और कहती है, ''तुम दोनों ने मेरे इमोशन के साथ धोखा किया। मुझे याद है दो हफ्ते पहले की रात में तुम इस घर में आई थी...मैंने तुम दोनों को करीब से देखा था, मुझे तब ही समझ जाना चाहिए था।" आशी कमरे से बाहर चली जाती है। उसने बैग पैक किया और उसे याद आया कि उसके माता-पिता यहां नहीं हैं क्योंकि वो दौरे पर गए है। उसने अपनी अलमारी में रखे कबीर के पैसे नहीं लिए। वो घर की चाबियों के साथ लिफाफा और तलाक के कागजात ले गई। वो कबीर के कमरे में जाती है और उसके चेहरे पर फेंक देती है वो सब जो हाथ में था।

तरुण आशी के पीछे खड़ा था, वो मुड़ी और तरुण से बोली, "तरुण उनकी मदद करना अच्छा है और मेरे दिमाग में हेरफेर करने के लिए, थैंक्स। दूर हो जाओ!"

फिर वो घर छोड़कर मुंबई आ गई और हॉस्टल में रहने लगी। वो हॉस्टल में रहती है और नौकरी खोजने की कोशिश करती है, उसे एक मेंशन में केयर टेकर की नौकरी मिल जाती है। वो रेहान तलवार नाम का एक अमीर आदमी था, एक एक्सीडेंट में उसने चलने की क्षमता खो देता है उस कारण उसे एक केयर टेकर की जरूरत थी।
रेहान की बहन सारा अपने भाई की देखभाल के लिए एक केयर टेकर चाहती थी और वो अपने ट्रॉमा और हैंडीकैप की स्थिति से जल्द ठीक हो जाए ये कोशिश में जुटे हुई थी। आशी उसकी अच्छी तरह से देखभाल करती है और रेहान को आशी के प्रति आकर्षण महसूस होता है। आशी को अब कुछ महीने हो चुके थे काम कर, अब वो रेहान के मेंशन में रह ही थी कॉन्ट्रैक्ट के हिसाब से।