Prayaschit - 3 in Hindi Fiction Stories by Devika Singh books and stories PDF | प्रायश्चित- 3 - File ki Khoj

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प्रायश्चित- 3 - File ki Khoj

राज लेने के लिए तो निकल चुका था लेकिन रास्ते में उसे एक बात याद आई कि वह कार्ड उसके जेब में की थी जब वह कार्ड निकाल कर वह देखा तो पता चला वह एक बड़े वकील का का कार्ड था। अब उसे दिन में ही चोरी कर ली थी और दिन में तो मुश्किल काम था लेकिन वही जोखिम लेने के अलावा और कुछ नही कर सकता था सकता था अब उसका दोस्त जो दाव पर लगा था उस समझ में नहीं पा रहा था कि उसे करना क्या है और यही सोचते सोचते हो वकील के घर के सामने आप आ पहुंचा उस वकील का नाम विशाल साल्वे था।

राज: साल्वे साहब घर पे है क्या




उसने वहां पर खड़े वॉचमैन से कहा।




वॉचमैन: नहीं साहब अभी घर पर नहीं है वह पुलिस स्टेशन गए हैं




राज: क्यू क्या हुआ ?




वॉचमैन: कल यह पर चोरी हो गई थी रात में इसीलिए




राज: ओह अच्छा तो कब तक आयेंगे




वॉचमैन: कुछ नहीं सकता सर आप कोई केस के सिलसिले

आए है क्या आपका नाम क्या है ?




राज: जी मेरा नाम विनोद है ।




वॉचमैन: ठीक है आप अपना नाम और नंबर छोड़ कर जाइए मैं आने पर उन्हें बता दूंगा।




राज: ठीक है ।




राज नंबर देने के बाद उस वॉचमैन से पूछता है कि कल रात में यहां पर आप नहीं थे।




वॉचमैन: जी नहीं में जल्दी चला गया था ।




राज: ठीक है में चलता हु अब।




कुछ दूर जाने के बाद रात सोचने लगता है कि क्यों ना वकील से ही बात करके बात रफा-दफा कर दी जाए और फिर वह विजिटिंग कार्ड बाहर निकाल कर वकील को फोन मिला देता है।




साल्वे: हेलो साल्वे स्पीकिंग।




राज: हैलो सर में मैं राज बोल रहा हूं मैं आपके घर में चोरी होने के चीज के बारे में आपसे बात करना चाहता हूं आप मुझसे मिलना चाहेंगे।




साल्वे: क्या कौन हो तुम,और क्या जानते हो उसके बारे में ।




राज: सब जानता हु सर आप बस मुझे आकर मिलो आपका ही फायदा है इसमें।




साल्वे: ठीक है में आ रहा हु।




कुछ देर के बाद साल में एक होटल के नीचे खड़ा था




साल्वे: मुझे रूम नंबर 14 में जाना है मेरा दोस्त है। यह पर

रिसेप्शनिस्ट उसे रास्ता दिखा कर भेज देती है।

कमरे में आने के बाद साल्वे और राज दोनों आमने-सामने थे राज से बैठने के लिए कहता है पर साल्वे कहता है कि मुझे यहां पर जिस काम के लिए बुलाया गया है पहले वह काम कर ले तो राज कहता है




राज: मैने तूमे यहां पर एक डील करने के लिए बुलाया हैं




साल्वे: कैसी डील ?




राज: तो डील यह है साल्वे साहब आपकी जो एक फाइल है वह मेरे पास है लेकिन उस फाइल के बदले मुझे आपकी दूसरी फाइल चाहिए आप पहले फाइल केस जीत नहीं सकते आपके पास दोनो फाइलें एक साथ होनी चाहिए तुम मुझे आपकी दूसरी फाइल चाहिए उस फाइल की वजह से मेरा एक दोस्त मुसीबत में है और उस फाइल के बदले में मैं आपको पहली फाइल दूंगा तो आपको डील कैसी लगी और मुझ पर भरोसा कीजिए मैं आपको धोखा नहीं दूंगा आप की दूसरी फाइल भी मैं आपको सही सलामत आपके पास लाकर दूंगा




साल्वे: मैं तुम पर भरोसा कैसे करूं मैं तो तुम्हें जानता भी नहीं हूं और वैसे भी मैंने पुलिस केस कर ही दिया है तुम मेरी फाइल मुझे मिल ही जाएगी मैं तुम पर भरोसा क्यों करूं क्या पता मेरी दूसरी फाइल भी लेकर तुम रफूचक्कर हो गए तो।




राज: ठीक है अगर आपको मुझ पर भरोसा नहीं है तो मैं पहली फाइल आपको पहले दे दूंगा तब आपको भरोसा होगा मुझ पर।




साल्वे: हां यह कोई बात हुई।




राज: तो डील ?




साल्वे: ओ.के.




राज: तो आप फाइल लेकर आए और अपनी पहली फाइल ले जाए में आपको शाम तक दुसरी भी लेकर देदूंगा।




साल्वे: ठीक है ।




राज सोच रहा था कि मुझे इस पर भरोसा नहीं करना चाहिए क्योंकि यह ठहरा वकील और यह कोई भी फाइल लेकर आ जाएगा तो मुझे कैसे पता कैसे चलेगा कि यह दूसरी फाइल है और इसे लग रहा होगा कि मैं दूसरी फाइल के बारे में जानता हूं

राज: मुझे माथुर से पूछ लेना चाहिए ।




माथुर साहब: हेलो माथुर स्पीकिंग।




राज: सर में उस फाइल को पहचानुगा कैसे ।




माथुर साहब: तू सही में चोरी है ना की चोरी होने का एक्टिंग करता है पहली फाइल तूने कैसे चोरी की थी




राज: सर वो गलती से हो गया था। मैंने जानबूझकर क्यों नहीं किया था मैं जानता भी नहीं था




माथुर साहब: उस फाइल में मेरे साइन है मैं अपने साइन का फोटो तेरे मोबाइल में भेज रहा हूं तो साइन साइन देख ले और फिर वह फाइल लेना




राज: ठीक है ।




राज को बस साल्वे का इंतजार करना था। करीब 1 घंटे के बाद साल राज के पास आता है




साल्वे: ये लो यह वो फाइल




फाइल तो वही थी तो राज ने भी अपनी पहली फाइल निकाल कर उसे दे दी और उसे कहा मैं शाम को 7:00 बजे आकर तुम्हें यह पायल लौटा दूंगा तुम्हारे घर पर




साल्वे: ना-ना इसकी जरूरत ही नहीं पड़ेगी क्योंकि यह फाइल मुझे अभी चाहिए और तुम मुझे यह फाइल दोगे ज्यादा होशियारी की तो नीचे पुलिस भी खड़ी है तो सोच लो तुम्हें करना क्या है




अब तो राज फस चुका था अब उसे समझ में नहीं आ रहा था क्या करें नीचे जाएगा तो पुलिस पकड़ लेगी ऊपर रहेगा तो भी पुलिस पकड़ लेगी फिर उसके दिमाग में एक आईडिया है क्यों ना मैं साल्वे को ही हथियार बनाकर बाहर निकलूं।

राज ने टेबल पर रखे चाकू को उठाया कर तुरंत साल्वे की गर्दन पर रख दिया और साल्वे को कहा की

राज: ना ऐसा नहीं होगा तुम पुलिस को कहो जिस आदमी से मिलने आया हूं वह आदमी यह होटल छोड़कर जा चुका है अगर तुमने ऐसा नहीं किया तो तुम समझ लो कि मैं तुम्हें नहीं छोडूंगा क्योंकि मैं अपने काम के प्रति ईमानदार था लेकिन तुमने बेमानी दिखाई है । पहले तो सोच रहा था कि मैं फाइल तुम्हें दे दूं लेकिन अब यह फाइल तुम भूल ही जाओ।




साल्वे: ऐसा करके तुम बच जाओगे तूमें लग रहा है कि तुम्हें होटल से निकल जाओगे होटल के चप्पे-चप्पे पर पुलिस है।




मैं तो बची जाऊंगा क्यू की मेरी कोई तस्वीर पुलिस के पास है ही नहीं और तुमने भी यही बताया है कि होटल में जो आदमी होगा उसी ने यह फाइल चुराई है मैं तो बस फोन करो पुलिस को नहीं तो एक गले में घुसा दूंगा।

ठीक ठीक है डरते हुए!!!

साल्वे: हेलो सर यह कोई नहीं है। लगता है वो होटल छोड़ कर जा चुका है।




पुलिस: ठीक है सर हम कुछ लोगो को ऊपर भेज रहे है और हम नीचे रिसेप्शन पूछते है।




साल्वे: ओ. के

राज ने साल्वे का मोबाइल अपने पास रखा और उससे बाथरूम में बंद कर दिया और रूम सर्विस के कपड़े पहनकर होटल से बाहर निकल गया होटल के कॉरिडोर पुलिस वाले आया लेकिन उसे पहचान नहीं पाया और वह फाइल लेकर होटल से भी बाहर निकल गया।

सही चकमा दिया था राज ने।




लेकिन आप फाइल पाकर उसके दिमाग में कुछ और ही चल रहा था।




क्या राज है अपने दोस्त को बचा पाएगा जाने के लिए पढ़ते रहिए




प्रायश्चित